हृदय एवं उसके कार्य: हृदय कैसे कार्य करता है, कितने ग्राम का होता है?

हृदय एवं उसके कार्य हृदय कैसे कार्य करता है, कितने ग्राम का होता है। हृदय से खतरनाक होने वाले रोग, रोगों से बचाव

 

क्या कभी आपने इसके पहले पड़ा है? कि आपका हृदय कैसे कार्य करता है। किस आकार का होता है। कौन से रंग का होता है। यदि आप इसके बारे में नहीं जानते हैं। तो आज हम आपको उसी के बारे में बताने वाले हैं। आपको यह आवश्यक ही जाना चाहिए, कि अपने शरीर के अंदर जो हृदय हैं उसका लाभ या हानि!

हृदय दिल मनुष्य के शरीर के अंदर होता है और हमारे जीवन को महत्वपूर्ण अंग है जिसे मनुष्य जीवित रहता है यदि हृदय ही ना हो तो मनुष्य का जीवन ही नहीं रहेगा इसलिए हमें इसके प्रति जागरूक होना चाहिए कि हृदय को कैसे स्वस्थ रखें की  हमारी जीवन और भी बढ़ जाए। आइए जाने

हृदय का कार्य

हृदय का वजन करीब 340 ग्राम, रंग लाल-भूरा एवं अकार नाशपाती के जैसे होता है। यह छाती के मध्य में स्थित होता है। इसकी लगभग लम्बाई 15 सेंटीमीटर एवं चौड़ाई 10 सेंटीमीटर होती है। हृदय के चार प्रकोष्ठ होते हैं, जो आपस में एक दूसरे से 2 पंपों से जुड़ी होती हैं। 1. पहला पंप रक्त को फेफड़े तक ले जाता है एवं 2. दूसरा पंप रक्त को हृदय से पूरे शरीर में ले जाता है। यह पंप प्रतिदिन लगभग 98000 किमी तक रक्त नलिका में रक्त की पहुंचाती है, एवं पुन हृदय तक वापस लाती हैं। यह हृदय की मांसपेशियों किसी हैवीवेट चैंपियन की बांहों एवं किसी तेजी धावक के पैरों से मास की मांसपेशियों से भी अधिक मजबूत होती है। इस प्रकार हृदय बहुत मजबूत होता है। और इसके कार्य भी बहुत शीघ्रता से होती हैं।

 

हृदय से रोग

हृदय से कई खतरनाक रोग उत्पन्न होते हैं। वह रोग हमारे द्वारा किए गए गलतियों से होते हैं। जैसे कि धूम्रपान करना, शराब पीना यह चीजों से हृदय से कई खतरनाक बीमारियां उत्पन्न होती हैं। जिससे हमारी आयु कम हो जाती है । व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। आपने कभी नशा मुक्त चीज को ग्रहण करते हैं, तो वहां पर चेतावनी दी रहती है तभी हम नशा कर लेते हैं। जिससे हमारे शरीर का स्वास्थ्य खराब हो जाता है और हम कई बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। जिससे हम आसानी से बच सकते हैं इसका उपाय जाने।

धूम्रपान

धूम्रपान हानिकारक सेवक है। इसे हमें कभी भी सेवन नहीं करना चाहिए। जैसे कोई सीक्रेट नहीं पीना चाहिए या कोई हानिकारक चीज हमें सेवन नहीं करना चाहिए इससे हृदय पर अटैक होता है। और हमें कई सारी बीमारियों से जूझना पड़ता है।

जब एक व्यक्ति धूम्रपान करता है। तो वह निकोटीन नामक पदार्थ को ग्रहण करता है जोकि बहुत हानिकारक है। यह शरीर की धमनियों को संकुचित कर देता है। विशेष रूप से इसका प्रभाव उसके हाथ एवं पैरों की धमनियों पर पड़ता है। जो हृदय में दबाव उत्पन्न करके उससे उत्तेजित करता है सिगरेट हृदय की सामान्य गति (1 मिनट में 72 बार धड़कने) को बढ़ाकर 80 बार कर देता है। धूम्रपान करने से सिगरेट से जो धुआं निकलता है। वह फेफड़ों के अंदर जम जाता है। जिससे हमें सांस लेने में परेशानी होती है। यदि जो व्यक्ति शराब या कोई अन्य नशीली चीज का सेवन करता है, वह सीधे हृदय और फेफड़ों पर वार कर देता है जिससे शरीर का रक्तचाप बढ़ जाता है। और शरीर के अंदर सरल सी होने लगती है और उस व्यक्ति की मृत हो सकती है। इस प्रकार से निकोटीन का सेवन न करने से रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। रक्तचाप को नियंत्रित करके हृदय संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है।

 

मोटापा 

मोटापा भी एक बीमारी है।  मोटापा इस प्रकार की बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। मोटापा चर्बी के कारण होता है। जो हमारे हृदय पर सीधे अटैक करता है। मोटापा या शरीर का अत्यधिक वजन हृदय के दायित्व को बढ़ा देता है। जिससे कि रक्तचाप भी बढ़ जाता है। मोटापे से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। और उससे ज्यादा भोजन नाक करना चाहिए, डाइट करना चाहिए, मॉर्निंग में दौड़ना चाहिए। यह सब मोटापा को कम करने के लिए उपाय हैं। मोटापा को कम करने के लिए हमें बाहरी कोई भोजन नहीं करना चाहिए, ज्यादा भुना हुआ भोजन नहीं करना चाहिए। हमें हरी सब्जियां खानी चाहिए। अपने मोटापे कम करने के लिए हमें अनेकों उपाय मिल जाते हैं। इन सभी चीजों का उपाय करके हम  पेट की चर्बी को दूर कर सकते हैं।

 

 दिल के दौरे के कारण

ज्यादातर आजकल दिल के दौरों की बीमारी बढ़ती जा रही है। यह भी हृदय से उत्पन्न हुई बीमारी है। मनुष्य की चिंता एवं तनाव हृदय की धड़कनों को और बढ़ा कर हालातों को अधिक पूरा बना देती हैं। यदि मनुष्य शांत हो जाए तो हृदय भी शांत हो जाएगा। हृदय को शांत करने के लिए अन्य तरीका भी है। हृदय की धड़कन को शांत करने के लिए गर्दन के पास से गुजरने वाली बेगस तंत्रिकाओं की मालिश की जा सकती है। इससे आपका हृदय शांत हो सकता है। आपके मन को शांति मिलती है जिससे दिल के दौरे कम हो सकते हैं।

 

उच्च रक्तचाप

रक्तचाप मापने के समय निचले अंक का महत्व अधिक होता है। यदि अंकों चाहो तो इस इस टीम में यह हृदय को कम आराम मिलने का संकेत है। पर्याप्त विश्राम बिना हृदय यदि कार्य करता रहे तो वह मर सकता है। इस प्रकार रक्तचाप को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है। मोटापे से छुटकारा पाकर भी रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है और मन को शांत कर भी रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।

 

चिंता ( स्त्रोत निराशा) 

प्रतिद्वंदिता एवं महत्त्व कांधा जैसे भाव मनुष्य के मन में उत्पन्न करते हैं। जिससे अधिवृक्क ग्रंथि उत्तेजित होती है। मनुष्य के हृदय पर इसका प्रभाव को निकोटीन के जैसे ही होता है। इससे हृदय की धमनियों जकड़े नहीं से उच्च रखता की स्थित बनाती है, एवं हृदय की गति भी तीव्र हो जाती है। तब व्यक्ति को थोड़ा आराम करना चाहिए। जिससे कि उसे हृदय से कोई भी दिक्कत ना हो, ज्यादा उसको सोचना नहीं चाहिए।

 

दिल के दौरे से बचने हेतु सावधानियां

दिल के दौरे से बचने के लिए मनुष्य को चिंता नहीं करनी चाहिए। उसी एकत्रित होकर एक शांत स्थान पर बैठ जाना चाहिए, किताब एक और कभी-कभी झपकी ले लेना। दिल के दौरे से बचने में सहायक है, व्यायाम भी एक महत्वपूर्ण पक्ष है नियमित व्यायाम जैसे घूमना या सीढ़ियों पर तेजी से चढ़ना उतरना मददगार हो सकता है। आपको दिन में रोजाना व्यायाम करना चाहिए। संतुलित आहार भी महत्वपूर्ण है। वह वसायुक्त आहार से प्राप्त व सा हृदय की धमनियों में रुकावट उत्पन्न करती है। इस प्रकार प्रत्येक को वसायुक्त आहार लेना चाहिए अत्यधिक शरीर वजन एवं धूम्रपान से छुटकारा पाकर हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है।

Enjoyed this article? Stay informed by joining our newsletter!

Comments

You must be logged in to post a comment.

About Author