हींग क्या है?
हींग की कई प्रजातियाँ होती हैं। हींग का पौधा १.५-२.४ मीटर ऊँचा, सुंगधित और कई वर्षों तक हराभरा रहने वाला होता है। इसका तना कोमल होता है और इसमें ढेर सारी डालियों होती हैं। इसकी जड़ गोंद तथा गन्धयुक्त होती है। इसके गोंद को मार्च से अगस्त के महीने में निकाला जाता है। इसके तने और जड़ में चीरा लगाकर राल या गोंद प्राप्त किया जाता है, जिसे हींग कहते है। शुद्ध हींग सफेद, स्फटिक के आकार का, 5 मि.मी. व्यास के गोल या चपटे टुकड़ों में होती है तथा हींग निकालने के लिए इसका चार वर्ष पुराना पौधा श्रेष्ठ होता है। इसे पीस कर पाउडर बना लिया जाता है।
भोपाल। घर की रसोई हो या फिर होटल की, हींग का रहना बहुत जरूरी है। हींग न केवल दाल, सांभर, सब्जियों के स्वाद को बढ़ाती है, बल्कि कई व्यंजन तो इसके बिना अधूरे हैं। वैसे हींग हमेशा से ही अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है। बच्चे से लेकर वृद्ध तक इसका उपयोग कर सकते हैं। मूल रूप से हींग को पेट का दोस्त माना जाता है। यह किसी भी प्रकार की अपच और पेट की जटिलता को तुरंत खत्म करने में मदद करती है। यह भूख को बढ़ाती है। हींग कई विकारों की रोकथाम में भी मददगार है। आइए जानें इसके विशेष गुण...
पेइड फोर आरटीकल
१.रोग
हींग का छौंक लगाकर बनाया गया खाना प्रतिदिन खाने से पेट संबंधी रोगों की संभावना कई गुना तक कम की जा सकती है। हाजमा खराब होने या पेट संबंधी अन्य विकार होने पर इसके चूर्ण का सेवन लाभदायक होगा। छाछ के साथ इसका सेवन गैस होने पर लाभ देगा।
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२.हिचकी
हिचकी आना अगर बंद न हो तो हींग खाना फायदेमंद होगा। इसके अलावा अधिक डकार आना या उल्टी आने जैसी समस्या होने पर केले के गूदे में एक चुटकी हींग रखकर खा लें। यह जल्द ही फायदा पहुंचाएगा।
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३.याददाश
याददाश कमजोर होने पर 10 ग्राम भुनी हुई हींग को काला नमक और 80 ग्राम बाय-बडंग के साथ पीसकर, प्रतिदिन थोड़ी मात्रा में पानी के साथ लें। इससे याददाश्त बढ़ाने में सहायता मिलती है।
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४.कान
यदि आपको कम सुनाई देने लगा है तो हींग को बकरी के दूध के साथ घिसकर 2 बूंद की मात्रा में कान में डालें और रूई लगाकर सो जाएं। सुबह उठकर कान साफ कर लें। इस प्रक्रिया को कुछ दिनों तक करते रहने से ठीक से सुनाई देने लगेगा।
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५.एड़ियों का फटना
अगर आपके पैर और एड़ियां फट रहे हैं, तो नीम के तेल में हींग मिलाकर फटी हुई एड़ियों में लगाने से आराम मिलेगा। कुछ ही दिनों में एड़ियों का फटना बंद हो जाएगा।
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६.त्वचा
दाद या त्वचा संबंधी रोग होने की स्थिति में हींग को पानी में घोलकर संबंधित स्थान पर लगाएं। कुछ ही दिनों में त्वचा संबंधी समस्या से राहत मिलेगी।
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७.कफ
सीने में बलगमे या कफ जम जाने पर हींग का लोशन बनाकर लगाने से फयदा होगा। इसके लिए पानी में हींग को घोलकर लेप बनाएं और इसे सीने पर लगाएं। कफ खांसी के माध्यम से बाहर आ जाएगा।
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८.पेन किलर
किसी भी प्रकार के दर्द में हींग राहत देती है। इससे माइग्रेन का दर्द, दांत का दर्द, माहवारी का दर्द, सामान्य सिर-दर्द दूर किया जाता है। इसमें उपस्थित सशक्त एंटी-ऑक्सीडेंट्स तथा दर्द-निवारक गुण तुरंत दर्द से राहत देते हैं। दांतों के दर्द को कम करने के लिए हींग, नींबू-रस के गाढ़े पेस्ट का उपयोग उस एरिया में करना चाहिए, जहां दर्द हो रहा हो। गर्म पानी में पाउडर हींग को घोल कर पीने मात्र से ही माइग्रेन तथा सिर-दर्द को उड़न-छू किया जा सकता है।
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९.अपच
अपच हींग को पुराने समय से घरेलू दवा की तरह इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह पेट की समस्याओं और अपच की अकेली घरेलू रामबाण औषधि है। यह एंटी-इंफ्लेमटॉरी व एंटी-ऑक्सीडेंट खूबियों से भरपूर होने के कारण पेट की गड़बड़, अपान वायु, आंतरिक कृमि, तथा दस्त संबंधी दिक्कतों में त्वरित राहत देती है।
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१०.स्किन प्रोबल्म
हींग में कई शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमटॉरी एजेंट्स होने की वजह से इसका उपयोग सौन्दर्य प्रसाधन उत्पाद में किया जाता है। यह त्वचा पर पनपने वाले Corns और Calluses को ठीक करती है। हींग का कूलिंग इफेक्ट त्वचा की जलन को कम करता है और बैक्टीरिया को उत्पन्न नहीं होने देता है।
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११.कैंसर रोधी
हींग के एंटी-ऑक्सीडेंट्स से कोशिकाओं में फ्री-रेडिकल्स को फैलने का मौका नहीं मिलता है। ये रेडिकल्स ही कार्सिनोजेनिक प्रभाव को विस्तार देते हैं, पर हींग एंटी-कार्सिनोजेनिक एजेंट की तरह विभिन्न प्रकार के कैंसर की रोकथाम करती है। खासतौर पर यह बड़ी आंत से जुड़े कैंसर के रोकथाम में अधिक प्रभावी है|
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१२.पाचन तंत्र के लिए जरूरी
हींग में एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. जो गैस, अपच की समस्या, कब्ज आदि से निजात दिलाने का काम करती है. इसे पानी के साथ या खाने में भी मिश्रित करके उपयोग में ला सकते हैं.
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१३.संक्रामक रोग
हींग सर्दी, खांसी, कफ की समस्या में बेहद लाभदायक है. इसे सीने में लगाने से कफ ढीला होता है. साथ ही साथ शहद के साथ इसके इस्तेमाल करने से यह संक्रामक रोगों को दूर भगाता है.
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१४.प्रजनन क्षमता बढ़ाता
हींग हमारे हार्मोनल गतिविधि को उत्तेजित करने का कार्य करता है. जिससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और रक्त के प्रवाह भी बढ़ता है. यही कारण है कि इससे यौन इच्छा भी बढ़ती है. महिलाएं यदि हिंग का सेवन करें तो उनमें प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के उत्पादन होने वाली प्रक्रिया को भी यह उत्तेजित करने का कार्य करता है.
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१५.रक्तस्राव के जोखिम को कम
यह प्रिमैच्योर बच्चे के जन्म के समय या अत्यधिक रक्तस्राव होने के जोखिम को भी कम करने में मददगार है. साथ ही साथ पुरुषों और महिलाओं में बांझपन वाले लक्षणों को भी समाप्त करता है.
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१६.हींग के अन्य फायदे
यह मानसिक तनाव, डिप्रेशन को कम करता है. इसमें कोलेस्ट्रॉल कम करने की क्षमता भी होती है. साथ ही साथ मांसपेशियों की ऐंठन, अर्थराइटिस जैसे रोगों में भी फायदेमंद है.
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१७.दांत के दर्द
हींग में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण दांतों में संक्रमण को भी नहीं बढ़ने देते. साथ ही साथ ये मसूड़ों से निकलने वाले खून की समस्या को भी समाप्त करते हैं.
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१८.ब्लड प्रेशर कंट्रोल
हींग में पाए जाने वाले कोमेरिन नामक तत्व रक्त प्रवाह को ठीक करने का कार्य करते हैं. जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है.
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१९.हींग के औषधीय प्रयोग से फायदे
हींग, तुम्बरु तथा सोंठ काढ़े में पकाए गए सरसों के तेल को 1-2 बूंद कान में डालने से कानदर्द, कान में सनसनाहट तथा कान में हुए घाव आदि में लाभ होता है।
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२०.सामान्य प्रसव कराने में मदद
2 ग्राम शमी चूर्ण, 500 मिग्रा हींग तथा 1 ग्राम बनाएं मिलाकर कांजी के साथ पीने से सामान्य प्रसव (Heeng benefits) होता है।
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