शाहिद अफरीदी ने भारत के बारे में क्या कहा है

जैसा कि आप सभी जानते है कि न्यूजीलैंड की क्रिकेट टीम मैच शुरू होने से कुछ समय पहले ही सुरक्षा का हवाला दे कर वापस चली गयी। उसके बाद इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने भी आने से मना कर दिया जिसके बाद पाकिस्तान में मातम जैसा माहौल बन गया है। कुछ पाकिस्तानी तो इसके पीछे भारत का हाथ बता रहे है।

पाकिस्तान सरकार के एक मंत्री ने सबसे ऐसा बोला। न्यूज़ीलैंड टीम को एक ईमेल मिला था जिसमे लिखा था कि वो पाकिस्तान में कुछ देर और रुकते है तो ये उसकी जान को खतरा हो सकता है। पाकिस्तान की सरकार और मीडिया को ये लगता है को ये ईमेल भारत के द्वारा भेजा गया है ताकि पाकिस्तान में कभी क्रिकेट शुरू न हो सके। पसकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रमीज राजा ने न्यूज़ीलैंड की शिकायत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड में करने की बात की हैं। रावलपिंडी एक्सप्रेस शोएब एक्टर ने कहा कि न्यूज़ीलैंड टीम ने पूरी पाकिस्तान के साथ धोखा किया है। वही दूसरी जिस देश पर पाकिस्तान इल्जाम लगा रही है उसी देश की पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर ने न्यूज़ीलैंड के काम को गलत कहा है जिससे ये साबित हो जाता है कि इस मामले से भारत का दूर-दूर तक कोई हाथ नही हैं। 

वही दूसरी ओर जब शाहिद अफरीदी से पूछा गया कि कही कश्मीर प्रीमियर लीग के होने के कारण भारत ने पाकिस्तान से बदला लेने के लिए तो ये सब नही किया तो शाहिद ने बोला माना हमारा पड़ोसी मुल्क हमारे खिलाफ साजिशें कर रहा है लेकिन हमें भी दुनिया को ये बताना होगा कि हम भी एक मुल्क है और हमारी भी कुछ इज्जत हैं। आज के समय में हर देश शिक्षित है उन्हें अपने समझ और सुजभुज के साथ काम लेना चाहिए भारत के बहकावे में आकर भारत का अनुसरण नही करना चाहिए। हमारा मुल्क आंतकवाद को खत्म करके अब एक सुरक्षित मुल्क बन चुका है। दूसरे मुल्को को अब पाकिस्तान पर भरोसा वहाँ खेलने आना चाहिए जैसे पाकिस्तान सुपर लीग में विदेशी खिलाड़ी खेलने आते हैं। कई पुराने खिलाड़ियों ने ये भी कहा है कि अगर ऐसा कुछ विदेशी खिलाड़ियों के साथ भारत में होता तो वे फिर भी भारत छोड़कर नही जाते क्योंकि वहां उन्हें ज्यादा पैसे मिलते हैं। और जहाँ पैसे मिलते हो वहाँ की बोर्ड और वहाँ की जनता को कोई नाराज नही कर सकता।

पाकिस्तान की मीडिया का ये भी कहना है कि जब भारत में ऐसी कोई घटना होती है तो विदेशी खिलाड़ी भारत छोड़ नही जाते जैसे जब आईपीएल के पहला सीजन का राजस्थान का पहला मैच होने वाला था तब स्टेडियम के कुछ किलोमीटर दूर बम ब्लास्ट हुआ था लेकिन तब भी राजस्थान के कप्तान टॉस करने के लिए मैदान में आ गए थे क्योंकि उन्हें अच्छे खासे पैसे मिल रहे थे इस बात के । खैर ये तो पाकिस्तानियों के लिए आम बात है वो भारत से हमेशा ही जलते रहते है और जलते रहेंगे न उन्हें जलकर क्या मिलता हैं।

चलो अब मैं तुम्हे बताता हूं कि आखिर क्यों न्यूज़ीलैंड की टीम मैच शुरू होने के कुछ दौर पहले ही पाकिस्तान छोड़कर क्यों चली गयी। न्यूज़ीलैंड को अमेरिका, जापान, और इजरायल से से खुफिया संदेश मिला था कि उनकी जान को खतरा है जितना जल्दी हो सके पाकिस्तान छोड़ वापस आ जाये। तो न्यूज़ीलैंड ने बिल्कुल वैसा ही किया आखिर अपनी जान को बचाने का अधिकार सबको हैं। जैसे ही इस बात की जानकारी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमराम खान को हुई उन्होंने तुरंत न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जसिन्दा अर्दर्न से फोन कर उन्हें खिलाड़ियों की सुरक्षा का आश्वासन दिया लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए दौरे को रद्द ही रखने का फैसला किया। यही बताता है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की दुनिया में क्या इज्जत है। 

भारत के हाथ की बात करू तो मेरे हिसाब से भारत को क्या मिलेगा ऐसा करके। क्योंकि हम लोगो को ऐसी घटिया हरकत करने की जरूरत नही हैं। क्योंकि हमें पाकिस्तान से कोई मतलब नही है कि पाकिस्तान से द्विपक्षीय मैच हो या न हो, कोई खलाड़ी पीएसीएल खेले या न खेले, कोई विदेशी टीम वह खेलने आये या नही हमे कुछ मतलब नही हैं। दुसरो के मामले टांग घुसने की आदत पाकिस्तान की है हमारी नही। हमे बस खुद से मतलब है खुद को मजबूत करने से है क्योंकि दुसरो के मामले में बोलने से खुद का नुकसान होता है उससे आप खुद के विकास के लिए उचित प्रयास नही कर सकते। और आप दुनिया से पीछे हो जाते हो जैसे पाकिस्तान अब हो गया है। उसने कभी खुद पर ध्यान नही दिया उसने हमेशा दूसरे पर ध्यान दिया, आपस में ही लड़कर ही अपना बेकार कर लिया। इसीलिए कहता हूं कि पहले खुद का विकास करो फिर दुसरो की चिंता किया करो। पाकिस्तान दुनिया को ये साबित करने में विफल रहा कि पाकिस्तान सुरक्षित देश है। जब कोई आतंकी समूह खुद कहेगा कि हम सुधरेगा तो लोग मुल्क में आने से डरेंगे ही। क्योंकि पाकिस्तानी तालिबान ने पहले ही कह दिया है कि वो नही सुधरेंगे। ये वही गुट है जिसने श्रीलंका के खिलाड़ियों पर हमला किया था। अब आप ही बताओ जब कोई गुट ऐसा बोलेगा तो कोई भी छोड़कर भागकर चली जायेगी। 2002 में भी जिस होटल के बाहर न्यूज़ीलैंड टीम रुकी थी उसके बाहर धमका हुआ हुआ था। जिसके बाद न्यूज़ीलैंड की टीम पाकिस्तान छोड़कर चली गयी थी। और 19 साल बाद के बाद वापिस आयी थी। लेकिन अब भी उनकी धमकी के बाद छोड़कर कर चली गयी जिसके बाद दुनिया में पाकिस्तान की बेज्जती हो गयी। जो काम दुनिया नही कर पाई वो न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने रद्द करके पाकिस्तान को आतंकी मुल्क घोषित कर दिया। फरवरी 2022 में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भी आना है क्या पता अब वो भी मना कर दे। अगर ऐसा हुआ तो भारत पूरी दुनिया में बदनाम हो जाएगी।

कुछ पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ियों का कहना है कि टीम को बोलकर नही टी20 विश्व कप जीतकर दुनिया को जवाब देना चाहिए। क्योंकि आईसीसी से शिकायत कर पाकिस्तान को कुछ नही मिलेगा क्योंकि आईसीसी में भारतीय क्रिकेट बोर्ड का दबदबा हैं। क्योंकि आईसीसी की आमदनी का ज्यादा हिस्सा भारत से आता है इसीलिए आईसीसी का रुझान भारत की ओर ज्यादा होता है वो भी होना चाहिए क्योंकि कोई हमसे कुछ लेता है जो उसे भी हमारे लिए कुछ करना ही पड़ता हैं। वैसे हकीकत तो यही है कि आईसीसी ऐसा कुछ कर ही नही हैं वो बस भारत की मार्केट से पैसा देखकर पाकिस्तान की शिकायतों को इग्नोर कर देती हैं। 

अब पाकिस्तान में कोई विदेशी टीम तब तक नही आएगी जब तक भारतीय टीम खुद वहाँ खेल कर नही चली जाती। क्योंकि दुनिया जानती है कि भारत और पाकिस्तान एक दूसरे के कट्टर दुश्मन है और यदि ऐसा होते हुए भी भारत पाकिस्तान में खेल कर चली जाती है तो हर टीम सुरक्षा को लेकर संतुष्ट हो जाएगी क्योंकि जब पाकिस्तान में भारतीय टीम सुरक्षित है तो बाकी टीम तो अपने आप ही सुरक्षित हो जाती हैं। तो पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा स्तर को इस स्तर तक बढ़ाना चाहिए जिससे भारतीय टीम और भारतीय सरकार खुद को सुरक्षित समझे तभी पाकिस्तान में कोई टीम खेलने आएगी वर्ना नही आयेगीं। पाकिस्तान को भारत के साथ भी अपने राजनैतिक रिश्तों को सुधारने होंगे अगर वो चाहती है कि पाकिस्तान में भारत खेलने आये तो।

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