शीर्ष 8 शक्तिशाली और आश्चर्यजनक राजा

हेलो दोस्तो मेने यहां प्राचीन भारत के कुछ खास और कुशल राजाओं के बारे बताया है। 

(1) अकबर

   भारत के इतिहास में एक राजा रूप में अकबर का महत्वपूर्ण स्थान है। उनका जन्म 1542 में अमरकोट के एक हिंदू राजपूत राजा के घर हुआ था। हुमायु के निधन के बाद 14 वर्ष की उम्र में वह दिल्ली के बादशाह बने थे। अकबर और हेमु के बीच 1556 में पानीपत का युद्ध हुआ, जिसमे अकबर का विजय हुआ था।

  अकबर ने पंजाब से बंगाल और दिल्दी से गुजरात तक बड़े हिस्से पर राज्य की स्थापना की। अकबर एक धर्मनिरपेक्ष राजा होने के साथ साथ एक समाज सुधारक भी थे। 1576 में अकबर और मेवाड़ के राणा प्रताप के बिच हल्दीघाटी का युद्ध हुआ था। 

  अकबरने बालविवाह और सतिप्रथा का विरोध किया। उन्होंने यात्राकरो का समाप्त कर दिया और जबरन धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया।

   1605 में अकबर का निधन हो गया।

(2) महाराणा प्रताप

  महाराणा प्रताप मेवाड़ के प्रतापी राजकुमार थे। हल्दीघाटी की लड़ाई दोनो के बीच हुई जब अकबर ने मेवाड़ पर आक्रमण किया। अकबर विजयी रहा, लेकिन राणा प्रताप ने उदयपुर के आसपास के क्षेत्रो में अपनी शक्ति स्थापित की, संघर्ष जारी रहा। दोनों के बीच सुलह के कई प्रयास हुए, लेकिन राणा चितोड़ जाने को तैयार नहीं थे। उन्होंने गुरिल्ला युद्ध जारी रखा। 

  1576 में हल्दीघाटी की हार के बाद राणा प्रताप राजधानी को गोगुंदा ले गए और अपने जीवन के अंत तक लड़ते रहे, जिसके बाद उन्होंने डूंगरपुर के चावंड में अपनी राजधानी की स्थापना की।

  51 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।

(3) छत्रपति शिवाजी

  भारत के महानतम राजाओं में से एक छत्रपति शिवाजी मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। उनका जन्म 1627 में शिवनेरी (महाराष्ट्र) में हुआ था। माता जीजाबाई और पिता शाहजी के पुत्र शिवाजी अपने योग्य गुरु समर्थ रामदास और दादा कोंडदेव से काफी प्रभावित थे। उसने एक छोटी जागीर से महान मराठा साम्राज्य का विस्तार करने के लिए 40 से अधिक किल्लो पर विजय प्राप्त किया। उन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब और बीजापुर के साथ लंबा संघर्ष किया और जीत हासिल की।

1665 में मुगल बादशाह से हारने के बाद उसने उसके साथ एक संधि की। औरंगजेब ने उसे कैद भी किया, लेकिन उसने हार नहीं मानी। 1674 में शिवाजी को राजगढ़ में ताज पहनाया गया और एक हिंदू सम्राट के रूप में प्रमुखता हासिल की।

वह एक महान विजेता होने के साथ-साथ एक कुशल प्रशासक और आयोजक भी थे। उनके मंत्रिमंडल को अष्ट प्रधानमंडल कहा जाता था।

    1680 में शिवाजी का निधन हुआ था। 

(4) महावीर स्वामी

      जैन धर्म में कुल चौबीस तीर्थंकर थे। उनमें प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव(आदिनाथ) थे और तेइसवे तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे। इन चौबीस तीर्थंकर मे से अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी थे।

  महावीर स्वामी के पिता का नाम सिद्धार्थ, माता का नाम त्रिशलादेवी और बड़े भाई का नाम नंदिवर्धन था। महावीर स्वामी के बचपन का नाम वर्धमान था।

  वर्धमान का विवाह राजकुमारी यशोदा से हुआ था। वर्धमान की पुत्री का नाम प्रियदर्शिनी था।

  महावीर स्वामी ने तीस साल की उम्र में सत्य और ज्ञान की तलाश में घर छोड़ दिया और एक याचक का जीवन ग्रहण किया था। उन्होंने बारह साल तक कठोर तपस्या की थी।

  महावीरस्वामी का 72 वर्ष की आयु में पावापुरी नाम की जगह पर निधन हो गया।

(5) शाहजहां

     शाहजहां का उपनाम खुर्रम था। उसने दक्षिण भारत पर विजय प्राप्त किया था। शाहजहां अपने पिता की तरह ही शक्तिशाली और वास्तुकला का प्रशंसक था।

  विश्व प्रसिद्ध ताजमहल उनकी पत्नी मुमताजमहल की मृत्यु के बाद उनकी याद में बनाया गया था। वह एक कुशल प्रशासक और आयोजक थे।

  शाहजहांने लालकिला, जामा मस्जिद, मोती मस्जिद, दीवाने आम और दीवाने खास का निर्माण करवाया था। शाहजहां का समय मुगल साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है।

(6) सम्राट अशोक

   सम्राट अशोक बिन्दुसार के पुत्र थे। अशोक का राज्य उत्तर-पश्चिमी सीमा पर कंधार से लेकर पेशावर, उत्तर भारत में नेपाल, दक्षिण में मैसूर, पश्चिम में गुजरात-सौराष्ट्र और पूर्व में कलिंग(ओडिसा) तक फैला हुआ था।

   जब अशोक ने कलिंग पर हमला किया, तब अशोक ने कलिंग के राजा के खिलाफ लड़ाई जीत ली, परंतु कलिंग की जीत के बाद अशोक के मन की शांति भंग हो गई और उसका हृदय बदल गया। कलिंग का युद्ध अशोक के जीवन का अंतिम युद्ध था। सम्राट अशोक एक कुशल राजा और प्रजाप्रेमी थे।

(7) हुमायु

    हुमायु 1530 में दिल्ली की गद्दी पर बैठा थे। वैसे तो हुमायु का मतलब भाग्यशाली होता है, लेकिन उसे जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।

   हुमायु को एकबार भारत से निकाल दिया गया था और वह ईरान चले गए थे। कुछ साल बाद वह फिर भारत लौट आया और भारत पर अपना अधिकार फिर से स्थापित किया था। हुमायु को पढ़ने-लिखने का बहुत शौक था।

  हुमायू एकबार तेजी से सीढ़ियां उतरते समय नीचे गिर गए और उसका निधन हो गया।

(8) औरंगजेब

   औरंगजेब शक्तिशाली राजा था। उन्होंने अपने तीन भाइयों को एक-एक करके हराया, उन्हें मार डाला और कैद कर लिया (दारा को मारकर और मुराद को कैद कर लिया) फिर वो गद्दी पर बैठा, और एक भाई (सूजा) को देश से निकाल दिया था।

  औरंगजेब ने लगभग 50 वर्षो तक शासन किया था। उनके राज्य में उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में जिंजी और पूर्व में चट्टगांव से लेकर पश्चिम में हिंदुकुश पर्वत शृंखला के विस्तार समाविष्ट थे।

    औरंगजेब ने लंबे समय तक अधिकांश भारत पर शासन किया था। 1707 में उनका निधन हो गया। 

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