व्यक्तित्व विकास (Personality Development) कैसे करे ?

व्यक्तित्व विकास कैसे करे ? अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए आपको थोड़ा सा जागरूक होने की जरुरत हैं साथ ही थोड़े से कॉन्फिडेंस की |

21 वी सदी में सफलता पाने का मूल मंत्र हैं Personality Development | जिसके पास कुछ खास चीजे जैसे कॉन्फिडेंस, लुक्स, लैंग्वेज पर कमांड और कुछ खास स्किल्स हैं वो 21 सदी का सफल व्यक्ति माना जाता हैं | भले ही वो किसी भी मुकाम से मंजिल की तरफ बढ़ता हैं अगर उनके पास ये गुण हैं तो वो मंजिल तक पहुँच जाता हैं | आज के दौर में कामयाबी का मूलमंत्र हैं व्यक्तित्व विकास | इसके नाम से ही कई लोग लाखों कमा लेते हैं | हर गली मोहल्ले में व्यक्तित्व विकास की क्लास का बोर्ड लगा हुआ हैं |

Personality Development Tips In Hindi

 

क्या आपको Personality Development के लिए किसी क्लास की जरुरत हैं | आज के समय में जहाँ इन्टरनेट हैं वहाँ ऐसी क्लासेस की कोई जरुरत नहीं हैं |

व्यक्तित्व विकास कैसे करे

आत्मविश्वास को बढायें :

दुनियाँ के आधे काम तो इस एक शब्द से जुड़े हैं | अगर आप में आत्मविश्वास हैं तो आप किसी भी परिस्थती से बाहर आ सकते हैं | आत्मविश्वास की ताकत आपके चेहरे से झलकती हैं जो आपकी छवि को निखारती हैं | अगर किसी कारण से आप किन्ही चीजों से डर भी रहे हैं तो आप कभी उसे अपने चेहरे पर ना आने दे | हमेशा अपने चेहरे पर निडरता का भाव रखे ऐसा दिखायें कि आप पुरे आत्मविश्वास के साथ कार्य कर रहे हैं लेकिन कॉन्फिडेंस और ओवर कॉन्फिडेंस के बीच एक पतली लाइन होती हैं उस लाइन को कभी क्रॉस न करे वरना आपकी छवि बहुत ख़राब हो जाती हैं | आत्मविश्वास में कमी हैं तो एक मौका मिलता हैं लेकिन अगर ओवर कॉन्फिडेंस हैं तो मौका नहीं मिलता |

पढ़ने की आदत बनाये :

 

पढ़ने से ज्ञान बढ़ता हैं और वाक शक्ति बढ़ती हैं | मतलब भाषा प्रभावशाली होती हैं | पढ़ने से सामान्य ज्ञान बढ़ता हैं जिससे आपका प्रभाव सामने वाले पर अच्छा पढ़ता हैं | साथ ही आपके व्यक्तित्व का विकास होता हैं |अगर आपका ज्ञान अच्छा होगा तो आपको खुद में आत्मविश्वास महसूस होगा | पढ़ने से इंसान सीखता हैं और सीखने की किसी भी वस्तु से व्यक्तित्व का विकास होता हैं |और पढ़ने से व्यक्ति अपडेट भी रहता हैं उसे वर्तमान में क्या चल रहा हैं पता होता हैं इससे व्यक्ति के कॉन्फिडेंस में वृद्धी होती हैं साथ में उसको कई लोगो के बीच नाम भी मिलता हैं |

सुनने की आदत डाले :

कई लोगो को पूरी बात सुनने की आदत नहीं रहती जैसे मुझमे | मैं कभी भी किसी की पूरी बात नहीं सुनती | जिससे मेरी छवि तो बिगड़ती ही हैं साथ ही मेरे काम भी गलत हो जाते हैं | इसलिए एक अच्छा श्रोता बनना बहुत जरुरी हैं |कहा जाता हैं इंसान जितना खुद से नहीं सीखता उससे ज्यादा किसी को सुनने से उसका ज्ञान बढ़ता हैं | यह भी सिद्ध हुआ हैं कि सुनी हुई बाते ज्यादा याद रहती हैं | अतः एक अच्छे श्रोता बनोगे तो तुम्हे वो ज्ञान भी मिलेगा जो दूसरों के पास हैं | जिसमे सुनने की क्षमता होती हैं वे ही गलतियों को सुधारते हैं और उनमे समझने की क्षमता भी अधिक होती हैं और गलतियों की गुंजाईश कम रहती हैं | इन सभी गुणों के कारण उस व्यक्ति के व्यक्तित्व में बढ़ोतरी होती हैं उनका विकास होता हैं |

बॉडी लैंग्वेज पर काम करे :

    व्यक्ति के बोलने,उठने, बैठने के तरीके से उसके व्यक्तित्व की झलक दिख जाती हैं | इस दिशा में खुद को जागरूक बनाये | पहले खुद में झांके और अपनी गलतियों का अवलोकन करें फिर उन्हें सुधारे | क्षेत्रीय बोली कई बार आपके बोलने की स्टाइल को प्रभावित करती हैं जैसे जो लोग अपने गाँव में खड़ी बोली बोलते हैं उनकी इंग्लिश या हिंदी में उसकी ट्यून आ जाती हैं जो कि आपके व्यक्तित्व पर बुरा प्रभाव डालती हैं | अतः ऐसी कमियों को पहचाने एवम उनको सुधारें | इससे आपका विकास होगा | अपने आपको को सीमित दायरे से बाहर निकालना भी व्यक्तित्व विकास का एक हिस्सा हैं |

आपके खाने का तरीका बदले | घर में जैसे चाहे वैसे रहे लेकिन बाहर ध्यान रखे जैसे आप होटल गये हैं सभी ने वेज ऑर्डर किया हैं तो आप इसके साथ एडजस्ट कर सकते हैं तो करे सभी के बीच नॉन वेज ऑर्डर न करे | अगर सब नॉन वेज हैं तो अलग बात हैं क्यूंकि आप नॉन वेज नही खाते हैं तब आप वेज ऑर्डर कर सकते हैं |खाते वक्त आवाज ना करे | बोले ना | और सभी का भोजन खत्म हो उसका वेट करें | तुरंत हाथ धोकर ना बैठ जाए | यह सभी पॉइंट डायनिंग मेनेर्स के अंतर्गत आते हैं | इनको सुधारे जिससे आपका विकास होगा |

उठने बैठने का तरीका सही रखे | घर में किसी के आने पर खड़े होकर उनका वेलकम करे, ना कि बैठे अथवा लेटे रहे | कितना भी थके क्यूँ न हो किसी गेस्ट के घर में होने पर उनसे पूछे बिना ना सोयें |

कुछ भी खाने से पहले अगर आपके साथ कोई हैं तो पहले उन से पूछे | यह सभी बहुत छोटे- छोटे पॉइंट हैं लेकिन यह सभी आपकी छवि को निखारते हैं आपकी व्यक्तित्व विकास में सहायक होते हैं |

अपने लुक्स पर भी ध्यान दे जैसे जो कपड़े आप पर अच्छे लगते हैं वही पहने | जगह एवम ओकेज़न देखकर ही फैशन करें | आपकी हाइट, हेल्थ एवम बॉडी कलर के हिसाब से ही कपडे पहने | इससे आपका कॉन्फिडेंस बढ़ता हैं और अगर आपको इन बातों की समझ होगी तो लोग आपकी तरफ आकर्षित होंगे|

चेहरे के भाव को नियंत्रित रखे :

किसी से भी मुस्कुराकर मिले | भले आपका मूड ख़राब हो | आप परेशान हो लेकिन इसका अहसास किसी को ना होने दे | इससे आपके व्यक्तित्व का विकास होता हैं | आपको लोग पसंद करते हैं आपकी तारीफ भी करते हैं | कभी-कभी हमें किन्ही बातों पर गुस्सा आ जाता हैं और वो हमारे चेहरे पर दिखने लगता हैं या कोई बात बुरी लगने पर हमारे चेहरे पर दिखने लगता हैं यह भाव आपके व्यक्तित्व को गलत तरह से सबके सामने रखते हैं इसलिए अपने भावों को नियंत्रित करें | एक्सप्रेशन या भाव भी आपकी Personality Development में सहायक होते हैं |

दुसरो को महत्व दे :

यह एक जरुरी पॉइंट हैं | इसे एक उदहारण से समझे | अगर आपके घर शादी हैं जिसमे कई रस्मे होती हैं | इन रस्मो में अपनों की जरुरत होती हैं | जहाँ आपको हमेशा दूसरों को आगे करना चाहिये | अपने आपको एवम घर के लोगो के अलावा अतिथियों को पहले शामिल करना चाहिये | इससे भी आपका व्यक्तित्व सभी की नजरों में अच्छा होता हैं | और ऐसा ही व्यवहार हर जगह होना चाहिये | यह Personality Development  के लिए जरुरी हैं इससे आपको लोग व्यावहारिक समझते हैं जो कि सामाजिक दृष्टी से बहुत मायने रखता हैं |

अपना व्यू जरुर दे ;

अपने पारिवारिक मामले या ऑफिसियल मामलो को ठीक से सुनने के बाद हर बात पर अपना दृष्टिकोण जरुर सामने रखे | बस ऐसा करते वक्त पोलाइट शब्दों का इस्तेमाल करे | ध्यान रहे आपकी बात से किसी को बुरा ना लगे | सभी को ध्यान में रखते हुए बात करें | अगर सही शब्दों एवम सही तरीके से बात कहेंगे तो किसी के विरोध में कहने पर भी उसे बुरा नहीं लगेगा अपितु वो आपको समझने की कोशिश करेगा |ऐसे पॉइंट्स इसके में बहुत सहायक होते हैं | इनसे आप एक भीड़ से अलग छवि बनाते हैं |

इंटरेस्ट डेवेलप करें :

जरुरी हैं कि आपकी कोई हॉबी हो | अगर ऐसा नहीं हैं तो देखे कि आपकी किन बातों में रूचि हैं या अपनी रूचि बढायें क्यूंकि अपने काम के अलावा हमारे पास एक कोई अलग चीज़ होनी चाहिये जिसके साथ हम समय बितायें | इससे आपको खुद को जानने में मदद मिलती हैं जिससे आपका विकास होता हैं |

नकरात्मक से बचे :

 

किसी कार्य के पहले ही उसके नेगटिव पॉइंट्स पर बात ना करे | कई बार यह हमारी आदत में आ जाता हैं जिससे हमारी छवि बिगडती हैं और हममे भी कॉन्फिडेंस की कमी आ जाती हैं | अगर ऐसे ही भाव मन में आये तो उसको हटाने की कोशिश करें नहीं तो यह आपके कॉन्फिडेंस को कम कर सकते हैं| 

व्यवहार में परिवर्तन करके हमअपना व्यक्तित्व बेहतर बना सकते है। इसलिए आपका स्वभाव चाहे कैसा भी हो, अपने व्यवहार को हमेशा सही रखे और व्यवहारिक बने। नकारात्मक सोच (negative thinking) जहाँ व्यक्ति को अंदर ही अंदर घोट देती है वही सकारात्मक सोच व्यक्ति को ऊर्जा प्रदान करती है। सकारात्मक सोचना हमें हमेशा सही परिणाम देता है।

 

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