वीट जर्म (अंकुरित गेहूं) की प्रक्रिया और लाभ

वीट जर्म या गेंहू के अंकुर, गेहूं की गुठली का सबसे उत्तम हिस्सा होता है। जो अनाज की तमाम खूबियों से भरा होता है। गेहूं के 3 भाग होते हैं। जिसमें पहला भाग- गेहूं की बाहरी परत, जिसे चोकर या ब्रैन कहते है। दूसरा भाग- आटा प्राप्त करने के लिए पाउडर बनाए जाने वाले एन्डोस्पर्म और तीसरा भाग- गेहूं का सबसे भीतरी हिस्सा अंकुर या जर्म अर्थात अनाज होता है। गेंहू के कुल वजन का सिर्फ 2.5 से 3.8 प्रतिशत भाग वीट जर्म होता है। लेकिन यह हिस्सा गेंहू के बाकी हिस्सों में सबसे अधिक पौष्टिक वाला होता है। आमतौर पर वीट जर्म को अनाज का भ्रूण भी बोला जाता है। जिसमें बीज अंकुरित होते हैं। वीट जर्म एंटीऑक्सिडेंट्स (antioxidants) और ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides) से भरपूर होता है। इसके अलावा इसे कैल्शियम, पोटैशियम, ज़िंक, मैग्नीशियम, प्रोटीन, फाइबर और मैंगनीज जैसे खनिजों से समृद्ध माना जाता है।

वीट जर्म में मौजूद पौषणिक मूल्य (nutritional values)-

अंकुरित गेहू के 100 ग्राम में लगभग, 14.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 6.5 ग्राम प्रोटीन, 2.7 ग्राम वसा, 3.7 ग्राम फाइबर, 3.7 मिलीग्राम मैंगनीज, 0.5 मिली ग्राम थियामिन, 22.2 माइक्रोग्राम सेलेनियम होता है । फास्फोरस के 236 मिलीग्राम, जिंक के 3.4 मिलीग्राम, फोलेट के 78.7 माइक्रोग्राम, विटामिन बी 6 के 0.4 मिलीग्राम, मैग्नीशियम के 66.9 मिलीग्राम, तांबे के 0.2 मिलीग्राम, नियासिन के 1.9 मिलीग्राम , 1.8 मिलीग्राम लोहे , राइबोफ्लेविन के 0.1 मिलीग्राम, 250 मिलीग्राम पोटेशियम के 250 मिलीग्राम; और पैंटोथेनिक एसिड के 0.6 मिलीग्राम ।

वीट जर्म के फायदे-

कब्ज के लिए-

भोजन में फाइबर की कमी कब्ज का कारण बनता है। ऐसे में गेहूं का अंकुर या वीट जर्म का इस्तेमाल शरीर के लिए फायदेमंद होता है। क्योंकि इसमें फाइबर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसीलिए अपने आहार में फाइबर की मात्रा को शामिल करना कब्ज या कॉन्स्टिपेशन की समस्या को दूर करता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए-

फाइबर युक्त आहार को रोग-प्रतिरोधक प्रणाली अर्थात इम्यूनिटी के लिए अच्छा माना जाता है। इसके अलावा यह पेट से हानिकारक रोगाणुओं को साफ कर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम के लिए भी अच्छा होता है। वीट जर्म शरीर में अच्छे बैक्टीरिया के प्रसार में भी मदद करता है। इसीलिए वीट जर्म जैसे फाइबर युक्त भोजन का सेवन करना रोग-प्रतिरोधक प्रणाली में सुधार करने का काम करता है।

हृदय स्वास्थ्य के लिए-

एक शोध के अनुसार गेहूं में मौजूद रोगाणु हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसलिए न्यूट्रिशनिस्ट और हेल्थ एक्सपर्ट्स बेहतर हार्ट हेल्थ के लिए साबुत अनाज खाने की सलाह देते हैं। क्योंकि वीट जर्म दिल को स्वस्थ रखने और कोरोनरी हृदय रोगों के खतरों को कम करने में मदद करता है।

ब्लड शुगर के लिए-

चूंकि वीट जर्म में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। जो भोजन के बाद या पोस्ट्प्रैन्डीअल (postprandial) ब्लड ग्लूकोज़ की प्रतिक्रिया को कम करने में कारगर साबित होती है। इसलिए अपने आहार में वीट जर्म या साबुत अनाज को शामिल करने से टाइप 2 डायबिटीज से बचा जा सकता है।

कैंसर के लिए-

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार कैंसर के खतरों को कम करने के लिए एंटीऑक्सिडेंट की अच्छी खुराक लेना बेहतर होता है। चूंकि वीट जर्म में एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है। जो व्यक्ति के दैनिक ज़रूरत को पूरा कर सकता है। इसलिए कैंसर रोगियों के लिए वीट जर्म का सेवन, शरीर में अच्छे पोषक तत्वों की खुराक को पूरा करने के लिए किया जाता है।

मोटापा कम के लिए-

फाइबर युक्त आहार लेना शरीर को ज़्यादा वजन और मोटापे से बचाने में मददगार साबित होता है। इसलिए वीट जर्म के सेवन से न केवल पर्याप्त मात्रा में फाइबर मिलता है, बल्कि शरीर कई घंटों के लिए ऊर्जावान भी बनता है। इसलिए वेट लॉस के लिए वीट जर्म का उपयोग करना एक अच्छा उपाय है।

आयुर्वृद्धि विरोधक गुण-

अंकुरित गेहू पोषक तत्वों और विटामिन के साथ इतने उच्च स्तर पर पैक किए जाते हैं कि यह त्वचा की गुणवत्ता और बालों के झड़ने जैसे विभिन्न एंटी-एजिंग प्रभावों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं । आहार अनुपूरक के रूप में, अंकुरित गेहू इन लाभों को प्राप्त करने का एक प्राकृतिक तरीका है, लेकिन कुछ लोग इसके कॉस्मेटिक का उपयोग करने के लिए भी चुनते हैं, इसके अर्क का सीधे उपयोग करते हुए या अन्य कॉस्मेटिक सामग्रियों के साथ मिलाकर।

विटामिन ई के रूप में अच्छी तरह से पैक किया जाता है, और अध्ययन ने उन लोगों को लाभ की एक विस्तृत श्रृंखला दिखाई है जो इस विटामिन की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। जब नियमित रूप से खाया जाता है, तो अंकुरित गेहू के भीतर प्रोटीन और विटामिन लोगों को सोरायसिस, धूप से झुलस जाना, एक्जिमा, झुर्रियों, सुस्त रंग जैसी स्थितियों से प्रभावित कर सकते हैं।

व्यायाम के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए-

हाल के शोधों ने अंकुरित गेहू को प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ऑक्टाकोसानॉल के उच्च स्तर को दिखाया है। जिसमें कुछ एर्गोजेनिक गुण हैं। इसका मतलब यह है कि जब इसे एक नियमित आहार के हिस्से के रूप में लिया जाता है, तो यह ऊर्जा पैदा करने वाले जैव रासायनिक मार्गों को विनियमित करके सहनशक्ति और प्रदर्शन को बढ़ा सकता है। जो शरीर में ऊर्जा भंडार की बचत को कारगर बनाता है।

कोशिकीय चयापचय में सुधार के लिए-

अंकुरित गेहू में पाया जाने वाला एक अन्य लाभकारी विटामिन बी है , जिसमें कई अन्य विटामिन होते हैं। अंकुरित गेहू में पाए जाने वाले सबसे आम प्रकार नियासिन, थायमिन और फोलेट हैं। ये विटामिनकोशिकीय चयापचय के लिए महत्वपूर्ण हैं, कार्बोहाइड्रेट , लिपिड, और ग्लूकोज से पोषक तत्वों को कोशिकाओं के लिए उपभोज्य ऊर्जा में बदलने में मदद करते हैं।

थायमिन पुराने मोटापे जैसे चयापचय संबंधी विकारों से भी लड़ सकता है। एक उच्च कार्यप्रणाली चयापचय का मतलब अधिक प्राकृतिक ऊर्जा, साथ ही साथ अधिक सफल वजन घटाने , शक्ति और सतर्कता है। विटामिन बी कई साबुत अनाज के साथ-साथ अंकुरित गेहू में पाए जा सकते हैं।

कैसे बनता है वीट जर्म?

वीट जर्म या गेंहू के अंकुर के लिए सबसे पहले अच्छी गुणवत्ता वाले गेहूं के कुछ दानों को पानी में भिगोकर, उन्हें 2-3 दिनों के लिए किसी कपड़े से ढककर रख दें। ऐसा करने से जल्द ही गेहूं से अंकुरण की प्रक्रिया शुरु हो जाती है। और गेंहू से अंकुर निकलने लगते हैं। अब अंकुरित गेहूं को सलाद में मिलाकर या हल्का पकाकर उपयोग में लाएं।

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About Author

पुष्पेंद्र एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता में स्नातक और एक वर्षीय स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है। अभी गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार में द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। अपनी इस छात्र अवधि के दौरान यह सोशल मीडिया से संबंधित विषय पर शोध कार्य कर चुके हैं। कई समाचार पत्रों में इनके लेख प्रकाशित हो चुके हैं। वहीं, कैंपस से निकलने वाले अखबार के सह-संपादक भी रह चुके हैं।