मरने के बाद क्या होता हैं

दोस्तों हम आज जानेंगे कि मरने के बाद क्या होता हैं । तो पहले जो भी जिंदा हैं उन्हें पता कि वह जिंदा हैं, मतलब उसमें जान हैं उसकी जो मैं वाला आभास हैं की मैं जिंदा हूँ, मुझमे जान हैं और हम मरने के बाद भी जो मैं वाला आभास हैं वह आभास हमें रहता हैं कि हम हैं और यही सच हैं । क्या आपको पता हैं कि मरने के दौरान आपको पता होता हैं कि आप मरने वाले हो । मरने का बाद आपकी आत्मा मतलब कि english me soul , आपका शरिर तो मर जाता हैं पर आपकी आत्मा नहीं मरती इसलिए यह कहा जाता हैं कि आत्मा अमर हैं ।

अब हम ज जेंगे कि मरने के बाद हम कहाँ जाते? तो दोस्तों मरने के बाद ऐसा कहा जाता है कि हम भगवान के पास जाते हैं पर इस बात पर कोई विश्वास नहीं करता और मैं भी इस बात पर यकिन नहीं करता , तो हम मरने के बाद हम किसी अलग दुनिया मैं जाते हैं और या वही रहते है। 

अब हम जानेंगे कि मरने में और out of body experience में क्या अंतर हैं. तो मरने और out of body experience जामीन आसमान का फर्क हैं । मरने के बाद आदमी की जान उसमे नही रहती लेकिन out of body experience में जान नही जाती । out of body experience यह सपने के जैसा है इस मे आपकी आत्मा आपके शरीर में से बहार आती हैं । यह एक आम बात हैं । 

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ऐसे ही एक बार अमेरीका में एक आदमी की मौत हो गई थी तो डाँक्टर ने साफ कह दिया कि वह आदमी मर चुक चुका लेकिन थोडे ही बाद वह आदमी जिंदा हो गया था और उस ने यह कहा कि उसके मर जाने के बाद वह एक अजब दुनिया में गया था सारी ओर कुछ चमक रहा था यह सुनने के बाद सभी को लगा कि यह बात मजाक है पर यह बात Real है ।

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एक दिन अमेरिका में एक लडकी की ज्यादा निंद की गोली खाने से मौत हो गई , मौत के बाद डॉक्टर ने कहा कि वह लडकी मर चुकी हैं उसको Ambulance में ले जा रहा था और तुरंत उसकी आँख खुल गई यह देखकर सभ चौक गए, उसने कहा कि उसके मरने बाद उसने उसके शरीर को देखा यह सुनकर सब चौक गए सभी ने उसे सवाल पूछे कि क्या हुसा तुम्हरे मरने के बाद तो उसने सब कुछ सही बताया । तो इसका मतलब मरने के बाद सबको अलग अनुभव आता हैं। 

जब हम मरने लगते हैं तो हमारे शरीर के साथ क्या होता है? हमारी आत्मा कहां जाती है? अगर आप थोड़े धार्मिक व्यक्ति हैं तो आप यही कहेंगे कि हम मरने के बाद या तो स्वर्ग या नर्क जाएंगे. अगर जीवन भर अच्छे कर्म करते हैं तो आप स्वर्ग जाएंगे और अगर आपने पाप किए हैं तो आप नर्क जाएंगे. लेकिन इनके इतर मौत के मुंह से लौटकर आने वाले लोगों ने अपने अनुभव साझा किए हैं. इन लोगों ने बताया कि जब वे मृत्यु के बिल्कुल करीब पहुंच गए थे तब उनके साथ क्या हुआ और उनका 'मौत' का अनुभव कैसा था.

मरने के बाद हमारे साथ क्या होता है?
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अधिकतर धार्मिक व्यक्तियों का मानना है कि आत्मा कभी नष्ट नहीं होती है. आत्मा केवल एक शरीर को छोड़ती है और शरीर मृत हो जाता है. मानव अस्तित्व का क्या होता है? क्या यह पृथ्वी पर भूत-प्रेत के रूप में भटकती रहती है या फिर मानव अस्तित्व से परे कोई और दुनिया है जो अस्तित्व में है. कोमा में पहुंच गए कई मरीजों ने मौत के मुंह से लौट आने के बाद अपने अनुभव बताए हैं. इनमें से कुछ लोगों का दावा है कि उन्होंने एक सुरंग देखी जिसके आखिरी छोर से भरपूर प्रकाश नजर आ रहा था. क्या ये दूसरी दुनिया की झलक होती है? खैर हम निश्चित तौर पर तो नहीं कह सकते हैं.

मरने के बाद हमारे साथ क्या होता है?
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मरने से कुछ क्षण पहले ऐप्पल फाउंडर स्टीव जॉब्स को  'ओह वाउ, ओह वाउ, ओह वाउ' कहते हुए सुना गया था. यह कहने के कुछ ही सेकंड बाद उनकी मौत हो गई. उनके आखिरी शब्दों का क्या मतलब था? क्या वह मरते समय बहुत ही खुशी का अनुभव कर रहे थे. क्या वह कैंसर के दर्द से मुक्ति का अनुभव कर रहे थे या फिर वह कुछ ऐसा देख रहे थे जो हमारी कल्पना से परे हो. क्या वह कोई ऐसी 'जगह' थी जहां वह जाने वाले थे?

मरने के बाद हमारे साथ क्या होता है?
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मौत के बाद की जिंदगी-मानव का स्वभाव होता है कि वह मौत से डरता है, यहां तक कि वह मौत पर बात करने से भी डरता है औऱ मौत के बाद होने वाले घटनाक्रमों से भी. जबकि हम सब को पता है कि मानव इतिहास में अमरता किसी को हासिल नहीं हुई है तो फिर यह डर कैसा? यह भय कैसा? क्या मौत से भागने की हमारी आदत, मौत से सामना ना कर पाने की हमारी अक्षमता हमारे बुढ़ापे में हमारी स्थिति को और दयनीय नहीं बनाती है? ऐसे में क्या पुनर्जन्म की अवधारणा एक और उम्मीद नहीं बंधाती है?

मरने के बाद हमारे साथ क्या होता है?
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शरीर से बाहर आने का अनुभव-एक थ्योरी यह भी कहती है कि मौत के बाद मृत शरीर से आत्मा निकलती है. कोमा स्टेज में पहुंचे कई लोग ऐसे अनुभव के बारे में बताते हैं. एक्सीडेंट के बाद मौत के मुंह से लौटकर आए कुछ लोगों का अनुभव है कि उन्होंने उस समय में अपने शरीर को देखा. इससे भी यही लगता है कि आत्मा और शरीर दो अलग-अलग चीजें है. एक जो क्षय हो जाती है और दूसरी कभी ना खत्म और नष्ट होने वाली आत्मा.

 

मरने के बाद हमारे साथ क्या होता है?
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मौत का करीब से साक्षात्कार करने वाले कई अनुभव दिन पर दिन सामने आ रहे हैं. एक स्टडी के मुताबिक, 10 में से एक कार्डियक अरेस्ट सर्वावइवर हार्ट फेल होने के दौरान कुछ अजीबोगरीब अनुभव किए. वेद, स्मृति और पुराणों अनुसार आत्मा की गति और उसके किसी लोक में पहुंचना का वर्णन अलग-अलग मिलता है। हम हां पौराणिक मत को जानेंगे लेकिन पहले संक्षिप्त में वैदिक मत भी जान लें जो कि गति के संदर्भ में है।
 
 
वैदिक ग्रंथ के अनुसार आत्मा पांच तरह के कोश में रहती है। अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय और आनंदमय। इन्हीं कोशों में रहकर आत्मा जब शरीर छोड़ती है तो मुख्यतौर पर उसकी तीन तरह की गतियां होती हैं- 1.उर्ध्व गति, 2.स्थिर गति और 3.अधोगति। इसे ही अगति और गति में विभाजित किया गया है।
 
 
1.उर्ध्व गति : इस गति के अंतर्गत व्यक्ति उपर के लोक की यात्रा करता है। ऐसा वही व्यक्ति कर सकता है जिसने जाग्रत, स्वप्न और सुषुप्ति में खुद को साक्षी भाव में रखा है या निरंतर भगवान की भक्ति की है। ऐसे व्यक्ति पितृ या देव योनी के सुख भोगकर पुन: धरती पर जन्म लेता है।इसकी वजह यह बताई जाती है कि जिंदगी के आखिरी लम्हों में सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर दर्द महसूस न होने देने वाले विषैले पदार्थ जमा हो जाते हैं, दर्द के अभाव में इनसान बेहतर महसूस करने लगता है, गफलत, नीम बेहोशी या बेहोशी के आलम में चला जाता है और अंततः इस आलम से ही निकल जाता है.
 

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Comments
Vivek sartape - Oct 28, 2021, 3:15 AM - Add Reply

Nice

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