भारत के इतिहास में अनगिनत रहस्य सामाए हुए हैं। मानव अपनी उत्सुकता के कारण इन रहस्यों को सुलझाना चाहता हैं। इन में से कुछ रहस्य बहुत पुराने होते और कुछ बहुत नये। भारतीय इतिहास में ऐसी कई कहानियाँ मौजूद है, जिसमे ढेरों राज़ छिपे है, जिन्हें जानने के लिये वैज्ञानिक और इतिहासकार हमेशा से प्रयत्न करते आ रहे है।
तो चलिए हम कुछ ऐसे ही रहस्यभरी कहानियों से पर्दा उठाते है।
1. तैरता हुआ स्तंभ – लेपाक्षी मंदिर
यह स्तम्भ भारत के बैंगलोर शहर के बहुत पास स्थित है। यहाँ का लेपाक्षी मंदिर अत्यधिक मनमोहक है और इसे कई भारतीय और अन्य देश - विदेश से लोग देखने आते हैं
यहाँ एक तैरता हुआ स्तंभ है वास्तव में यह स्तम्भ जमीन को नहीं छू रहा है। आप स्तंभ के नीचे एक कपड़ा या अन्य वस्तुओं को पास कर सकते हैं। लेकिन किसी को भी नहीं पता कि यह स्तंभ मध्य हवा में कैसे तैरता हुआ प्रतीत होता है।
जब अंग्रेज भारत की सत्ता में थे तो वे इस स्तंभ पर मोहित थे। किसी को समझ नहीं आया कि यह हवा में लटकी हुई कैसे लग रही थी। अंग्रेजो के बहुत खोज बिन करने के बाद भी उन्हें इसके पीछे का कोई ठोस कारण नहीं मिला। तब से आजतक यह रहस्य, रहस्य ही बना हुआ है। आज यह एक बहुत लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। लोग हवा में तेरते हुए खम्बे की पुष्टि करने के लिए स्तंभ के नीचे हाथ रखना पसंद करते हैं।
2. यति या हिममानव
आप सभी ने तो कहानियों और फिल्मों में यति के बारे में अवश्य ही सुना होगा। हर साल भारत में यति को देखे जाने की ख़बरें सुनाई देती है। ये यति अक्सर भारत में हिमालय छेत्र में पाए जाते हैं। हिमालय एक विशाल बर्फीली पर्वत श्रृंखला है और यति में अक्सर सफेद फर होते है, जिसका लाभ उठाकर वे बर्फ के बीच में छिप सकते हैं।
यति को एक प्रकार के प्रागैतिहासिक भालू के रूप में वर्णित किया गया है। और कई लोगो का कहना है कि यति भालू जैसे दिखते हैं। हालाँकि, हिमालय के कई मूल निवासी और वहाँ रहने वाले लोग कहते हैं कि वे अभी भी बहुत बार दिखते हैं। एक गवाह ने कहा कि यह लगभग छह फीट लंबा था और इसका वजन लगभग 400 पाउंड था। उनके बाल हल्के भूरे और बहुत झबरा है। और उनके चेहरे के चारों ओर का इलाका बाल रहित है।
3. भूत सिपाही
हर देश में भूतों की कहानियों का अपना उचित हिस्सा है और भारत इसके लिए कोई अपवाद नहीं है। बाबा हरभजन सिंह के भूत की कहानी। हरभजन सिंह एक भारतीय सैनिक थे जिनका 1962 में निधन हो गया था। यह चीन-भारत लड़ाई के दौरान हुआ था। वह वास्तव में एक ग्लेशियर पर निधन हो गया.
उसके भूत की किंवदंती इस तरह से चली गई कि उसने स्पष्ट रूप से खोज-पार्टी को पानी में अपने शरीर के लिए नेतृत्व किया। फिर एक सपने के माध्यम से, उसने अपने एक सहयोगी को उसके बाद एक मंदिर बनाने और बनाए रखने का निर्देश दिया। यह मंदिर समाधि पहाड़ियों में बनाया गया था और तब से इस मंदिर के चारों ओर उसका भूत देखा गया है।
रात में, उसके जूते मंदिर के पास छोड़ दिए जाते हैं और हर रात को साफ किया जाता है। लेकिन हर सुबह वे मैले हो जाते हैं।
लोगों का कहना है कि यह भूत सिपाही गश्त करता रहता है।
सारे भारतीय सैनिकों की तरह बाबा हरभजन को भी हर महीने वेतन दिया जाता है। सेना के नियमों के अनुसार ही उनकी पदोन्नति भी होती है।
बाबा की आत्मा से जुड़ी बातें भारत ही नहीं चीन की सेना भी बताती है। चीनी सिपाहियों ने भी, उनको घोड़े पर सवार होकर रात में गश्त लगाने की पुष्टि की है। भारत और चीन आज भी बाबा हरभजन के होने पर यकीन करते हैं। और इसीलिए दोनों देशों की हर फ्लैग मीटिंग पर एक कुर्सी बाबा हरभजन के नाम की भी रखी जाती है।
4. यूएफओ बेस
भारत के सबसे बड़े अनसुलझे रहस्यों की सूची में एक यूएफओ बेस भी शामिल है।
कोंगका ला दर्रा पूरी दुनिया के सबसे दुर्लभ क्षेत्रों में से एक है।
कुछ किंवदंतियों की माने तो यहाँ पर एलियंस रहते हैं। यहाँ पर उनका कोई ख़ुफ़िया बेस है और वे लोग यहाँ आते-जाते रहते हैं। यहाँ पर कई रहस्यमयी यान देखे जाने की पुष्टि स्थानीय लोग करते रहते है।
यह भारत और चीन की सीमा के बीच हिमालय के पहाड़ों पर स्थित है। खैर, क्योंकि यह ऐसी ‘नो-मैन्स लैंड’ है, बहुत से लोग कहते हैं कि UFO ने इसीलिए इसे अपना भूमिगत आधार बनाने के लिए चुना है।
5. समुद्र के नीचे द्वारिका
वैज्ञानिकों को गुजरात के समुद्र तट के निकट एक अत्याधुनिक शहर के अवशेष मिले है। लोग इस प्राचीन शहर को भगवान श्रीकृष्ण की बसाई हुई नगरी यानी द्वारिका नगरी से जोड़ कर देखते है। लोगो का इसके पीछे यह तर्क हैं कि श्री कृष्ण की मृत्यु के साथ ही उनकी बसाई हुई यह नगरी समुद्र में डूब गई। आज भी यहां उस नगरी के अवशेष मौजूद हैं। लेकिन प्रमाण आज तक नहीं मिल सका कि यह प्राचीन द्वारका नगरी है या नही।
बहुत समय से प्रसिद्ध शोधकर्ता पुराणों में वर्णित द्वारिका के रहस्य का पता लगाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन अभी तक कोई ठोस और वैज्ञानिक रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकी है। 2005 में भी द्वारिका के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए अभियान शुरू किया गया था। लेकिन इसका भी कोई संतोषजनक फल नहीं प्राप्त हुआ है।
6. कुलधरा- भूतो से पीड़ित गाँव
जैसलमेर के पश्चिम दिशा में 20 किमी के बाद भूतो से पीड़ित कुलधारा गाँव है। माना जाता है की इस गांव में 100 साल पहले पालीवाल ब्राह्मण रहते थे। लेकिन लोगो का मानना है कि लगभग 1500 लोग एक ही रात में इस गाँव को छोड़कर निकल गये और जाते जाते गाँव को एक श्राप भी देकर गये कि इस गांव में कोई भी नहीं बस पाएगा।
किसी को खबर नहीं थी कि वो कहा और क्यों गये। लोग आशंका जताते है कि क्रूर शासक सलीम सिंग और उसके लगाये गये कर के कारण लोग गाँव छोड़कर चले गए। उस घटना के बाद जिसने भी गाँव में रहने का निश्चय किया उसकी मौत हो गयी इसी वजह से ये गाँव आजतक सुनसान पड़ा हुआ है। लोगो का यह भी मानना है की अब इस गांव पर भूतों का वास है।
7. जुड़वां बच्चों का स्थान
भारत जुड़बा बच्चों के जन्म के विषय में दुनिया में बहुत पीछे है लेकिन केरल का एक स्थान इस मामले में कई प्रदेशों से भी आगे है। ये भारत का एक अकेला ऐसा स्थान है जहां सबसे ज्यादा जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। मलप्पुरम जिले के कोडिनी इलाके में आश्चर्यजनक रूप से जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। वास्तव में, यह कहा गया है कि गांव में जुड़वां लोगों के 200 से अधिक जोड़े हैं और इसमें ऐसे बच्चे भी शामिल हैं जिनकी माताओं का दूर-दूर के इलाकों से परिवारों में विवाह किया गया है। वैज्ञानिकों की माने तो उनका मानना है की ऐसा यहां के पानी में मौजूद कुछ रासायनों के कारण भी हो सकता है। हालांकि वास्तविक कारण आज भी लोगो से अछूता है।
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