आज के समय में जमीन का महत्व तो आप लोगों को पता ही हैं। जमीन के कारण लोगों के आपस में मतभेद हमेशा होते रहते हैं। लोग आपस में लड़ाई झग़ड़ा तक कर लेते हैं।जमीन की कार्यवाही हेतु अमिन को बुलाया जाता है परन्तु विवाद सुलझ नहीं पाता, क्युकीं आपके पास आपके जमीन के कागज़ात उपलब्ध नहीं हो पाते हैं।
जमीन का नक्शा उपलब्ध कराना तो और मुश्किल सा हो जाता है, क्युकी नक्शा या तो सिर्फ अमिन के पास उपलब्ध होता है या फिर आपको सरकारी दफ्तरों के चक्करे काटने के बाद उपलब्ध हो पाता है।
हम इस लेख में हम जमीन का नक्शा, खाता संख्या, खेसरा संख्या, आदि जमीन से जुड़ी सारी जानकारी आपको घर बैठे कैसे प्राप्त हो सकती है, इस बारे में बात करेंगे।
भू नक्शा क्या होता है ?
भू नक्शा को हम दो भागों में विभाजित कर सकते है। भू का अर्थ होता है भूमि या जमीन और नक्शा का अर्थ किसी माप को चित्र द्वारा प्रदर्शित करना है। इसे सरल शब्दों में समझें तो जिस प्रकार एक सूक्ष्मदर्शी किसी छोटी वस्तु को बड़ा करके दिखाता है, उसके विपरीत नक्शा किसी बड़े भूभाग को छोटे रूप में प्रस्तुत करते हैं। नक्शा को मानचित्र भी कहा जाता है। इस तरह किसी राज्य, जिला, तहसील और गांव में स्थित किसी खेत या जमीन के माप को चित्र द्वारा प्रदर्शित करने को भू नक्शा कह सकते है।
भू नक्शा
भू नक्शा कैसे देखें
बिहार का भू नक्शा देखने के लिए यहाँ क्लिक करें। बिहार भू नक्शा
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किसी भी राज्य के कोई भी इलाके का नक्शा प्राप्त करने हेतु आपको आपके राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के वेबसाइट पर जाना होगा। आप अपने ब्राउज़र में लिखे भू नक्शा अपने राज्य का नाम। आपके समक्ष आपके राज्य के आधिकारिक वेबसाइट को देख कर लिंक का चयन करना है।
भू नक्शा लिंक चयन -
भू-मानचित्र में जाकर आपको maps का चयन करना है। Maps के सेक्शन्स में एरिया टाइप सेलेक्ट करना है। अपने जिला, थाना व मौजा का विवरण देने के बाद सर्च करें।
भू-मानचित्र -
आपके सामने आपके क्षेत्र के उपलब्ध सारे भू नक़्शे आ जाएंगे।
भू नक़्शे
आप अपने जरूरत के हिसाब से भू नक्शा देख सकते है। ध्यान रखे आप नक्शा डाउनलोड नहीं कर सकते, आप अपने जमीन विवाद के संतुष्टि हेतु नक्शा देख सकते है और किसी को दिखा सकते है।
भू नक्शा के प्रकार
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Cadastral Survey:- भूकर सर्वेक्षण और भूकर प्रलेखन का उपयोग निजी स्वामित्व वाली अचल संपत्ति और सार्वजनिक भूमि दोनों की सीमा रेखाओं को ट्रैक और दिखाने के लिए किया जाता है। कैडस्ट्राल जीआईएस डेटा में संपत्ति लाइनों की कानूनी व्याख्या के बारे में जानकारी होती है। यह ख़ातिहान 1888 को तैयार किया गया था और 1940 को समाप्त होता है जिसे भूकर सर्वेक्षण के रूप में जाना जाता है।
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Revisional Survey:- 50 साल के सीएस सर्वे के बाद एक और सर्वे किया गया। इस सर्वेक्षण को पुनरीक्षण सर्वेक्षण के रूप में जाना जाता था और इस सर्वेक्षण से बनी खटिया को आरएस ख़ातिहान के नाम से जाना जाता है। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य भूमि की मात्रा, मालिक का नाम और मालिक का नाम अपडेट करना है। यह सीएस ख़ातिहान से ज्यादा प्रामाणिक है।
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Chakbandi:- चकबंदी वह विधि है जिसके द्वारा व्यक्तिगत खेती को टुकड़ों में विभक्त होने से रोका एवं संचयित किया जाता है तथा किसी ग्राम की समस्त भूमि को और कृषकों के बिखरे हुए भूमिखंडों को एक पृथक् क्षेत्र में पुनर्नियोजित किया जाता है।
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Aerial Survey:- चकबंदी वह विधि है जिसके द्वारा व्यक्तिगत खेती को टुकड़ों में विभक्त होने से रोका एवं संचयित किया जाता है तथा किसी ग्राम की समस्त भूमि को और कृषकों के बिखरे हुए भूमिखंडों को एक पृथक् क्षेत्र में पुनर्नियोजित किया जाता है ।
जमीन का खाता संख्या खेसरा संख्या क्या होता हैं।
खाता नंबर एक परिवार को आवंटित किया जाता है, जो सभी सदस्यों के भूमि धारण को दर्शाता है, खाता नंबर को खेवट नंबर भी कहा जाता है, खाता नंबर आपको मालिकों और उनके कुल भूमिधारण के बारे में बताता है। खेवट नंबर, जिसे खाता नंबर भी कहा जाता है, वह भूमि मालिकों को दिया जाता है, जिनका भूमि के टुकड़े पर संयुक्त रूप से मालिकाना हक होता है।
खेसरा नंबर उन कई विवरणों में से एक है, जिसे अधिकारों के रिकॉर्ड के तहत भारतीय राज्यों में बनाए रखा जाता है, जिसे लोकप्रिय रूप से जमाबंदी या फर्द के नाम से जाना जाता है. खसरा नंबर के अलावा, बंधक, पट्टे, फसल विवरण और कृषक की जानकारी का भी विवरण होता है।
यह एक ईरानी शब्द है खेसरा नंबर किसी प्लॉट या सर्वे का नंबर होता है, जो गांवों में जमीन के एक टुकड़े को दिया जाता है, शहरी इलाकों में, जमीन के टुकड़ों को प्लॉट नंबर्स या सर्वे नंबर दिए जाते हैं, जो ग्रामीण इलाकों के खेसरा नंबर के बराबर होता है, भूमि के टुकड़े के कई मालिक हो सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर गोपाल, सुरेश और राम भाई हैं और उनका भूमि का टुकड़ा गांव में खेसरा नंबर 20, 22 और 24 में आता है, उनका खाता या खेवट नंबर एक जैसा ही होगा।
जमीन का खाता संख्या खेसरा संख्या कैसे प्राप्त करें
बिहार का खाता खेसरा देखने के लिए यहाँ क्लिक करें। बिहार खाता खेसरा
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अपने ब्राउज़र में जमीन खाता details राज्य का नाम सर्च करें। आपके समक्ष आपके राज्य सरकार का आधिकारिक वेबसाइट आ आएगा, सही लिंक को सेलेक्ट करें।
खाता खेसरा लिंक चयन -
राज्य सरकार के वेबसाइट पर आपको खाता देखें नाम का ऑप्शंस दिखाई पड़ेगा, क्लिक करें।
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अपने जिला का चयन करें । अंचल के चयन के वक़्त आपको आपके अंचल में कुल खाता धारियों की संख्या का ज्ञान हो जाएगा।अपने मौजा का चयन करने के बाद आप अपने क्षेत्र के सभी खाता धारियों का नाम एक एक कर के खोज पाएंगे।
अगर आपको खाता संख्या के साथ खेसरा संख्या का भी ज्ञान प्राप्त करना हो तो आप वो भी यहीं से प्राप्त कर पाएंगे। अगर आपको आपका खाता संख्या का ज्ञान हो तो फिर आप सीधे खाता संख्या से अपनी जानकारी प्राप्त कर सकते है।
आपको आपका खेसरा संख्या का ज्ञान हो तो आप सीधे खेसरा संख्या से जानकारी प्राप्त कर सकते है। अगर आपको आपका ना तो खाता और ना ही खेसरा संख्या की जानकारी है तो आपको अपने खाताधारी का नाम पता होना आवश्यक है, जिससे आप अपने सभी खाता व खेसरा की जानकारी आसानी से प्राप्त कर पाएंगे।
खेसरा नंबर का इस्तेमाल कर, आप जान सकते हैं कि भूमि का मालिकाना हक किस किस के पास रहा है और जमीन का पैटर्न भी, यह पिछले 50 साल तक का हो सकता है।
मार्च 2020 में, कोर्ट के आदेश के बाद 300 पुलिसकर्मी हरियाणा के फतेहाबाद इलाके में एक जगह पर प्रॉपर्टी को खाली कराने पहुंचे, लेकिन उन्हें काम पूरा किए बिना ही परिसर से लौटना पड़ा, क्योंकि खेसरा नंबर में कोई समस्या थी, यह घटना दिखाती है कि खेसरा नंबर कितना जरूरी है, जो भारत में प्लॉट और भूमि के टुकड़ों को पहचान के लिए दिया जाता है।
यह भी एक कारण है कि क्यों यह भारत में भूमि मालिकों के लिए अहम है ताकि वे अपनी अचल संपत्तियों पर नजर रख सकें, जो उनके भूमि धारण पैटर्न के संबंध में प्रतिबिंबित कर सकते हैं, चूंकि अब अधिकतर राज्य ऑनलाइन सूचना मुहैया कराते हैं इसलिए आपके लिए जमीन से जुड़े रिकॉर्ड्स चेक करना आसान हो गया है।
अधिकतर राज्यों में जहां यह शब्द मशहूर है, लेखपाल स्थानीय राजस्व दस्तावेजों को तैयार करता है, गांव का पटवारी भूमि राजस्व के दस्तावेज अपडेट रखने में लेखपाल की मदद करता है।
खाता, खेसरा नंबर क्या जानकारी मुहैया कराते हैं?
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गांव में कुल कितनी कृषि भूमि है।
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कितने लोग गांव में एक विशेष भूमि के टुकड़े के मालिक हैं।
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गांव में एक परिवार के पास कितनी जमीन है।
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कितने लोग गांव में एक विशेष भूमि के टुकड़े के मालिक हैं।
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क्या इस विशेष जमीन के टुकड़े पर खेती मालिकों द्वारा की जा रही है।
उदाहरण खाता खेसरा:-
उदाहरण खाता खेसरा
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