प्रोटीन क्या है ? हमारे शरीर में इसके क्या कार्य हैं ? जानें प्रोटीन प्राप्त करने के बेहतर स्रोत

हेल्थ डेस्क- हमारे शरीर की सुचारू रूप से काम करने और मजबूत बनाए रखने के लिए विटामिन, मिनरल व पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है जिनमें प्रोटीन भी शामिल है.

प्रोटीन

चलिए जानते हैं विस्तार से-

प्रोटीन क्या है ?

सबसे पहले जे बर्जेलियास ने प्रोटीन शब्द का प्रयोग किया था. प्रोटीन भोजन के तीन मुख्य वर्गों में से एक है. प्रोटीन अमीनो एसिड के बने होते हैं जो शरीर के बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में काम करते हैं. कोशिकाओं को बढ़ने और खुद को ढालने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है. प्रोटीन एक कार्बनिक यौगिक है जो एक सिंगल चेन से बना है इसमें अमीनो एसिड चेन की एक श्रृंखला शामिल हो सकती है. 

यह चेन पेप्टाइड लिगामेंट नामक बॉन्ड बांधते हैं और प्रोटीन यौगिकों में से एक है जो मानव शरीर के सेहत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उत्तकों और कोशिकाओं के मूल घटकों में से एक है. अंग और शरीर के विभिन्न कार्यों जैसे हार्मोन और एंजाइम को नियंत्रित करता है. 

शरीर को खाद्य पदार्थों और खाद्य पदार्थों से प्रोटीन मिलते हैं और यह प्रोटीन जब शरीर में प्रवेश करते हैं तो शरीर की पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, प्रोटीन में परिवर्तित हो जाता है जो इसकी सेवा करता है जबकि शरीर की आवश्यकता से अधिक प्रोटीन को ग्लूकोज जैसे शरीर के ऊर्जा स्रोतों में परिवर्तित किया जाता है.

प्रोटीन तीन प्रकार के होते हैं-

1 .पूर्ण प्रोटीन- इस प्रकार के प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों में से सभी आवश्यक अमीनो अम्ल होते हैं. पूर्ण प्रोटीन ज्यादातर पशु उत्पाद या खाद पदार्थों जैसे कि मांस डेयरी उत्पाद और अंडे इत्यादि में पाए जाते हैं.

2 .अधूरे प्रोटीन- अधूरे प्रोटीन या प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों में कम से कम एक या एक से अधिक आवश्यक एमिनो एसिड में कमी होती है. अधूरे प्रोटीन या आपूर्ण प्रोटीन कहलाते हैं. सभी पौधों से प्राप्त होने वालेप्रोटीन अधूरे प्रोटीन होते हैं जैसे मटर,नट्स और कुछ अनाज इत्यादि.

3 .पूरक प्रोटीन- पूरक प्रोटीन को अधूरे प्रोटीन वाले दो या अधिक खाद्य पदार्थों को मिश्रित कर बनाया जाता है. इनका प्रयोग पूर्ण प्रोटीन की आपूर्ति करने के लिए किया जा सकता है. उदाहरण के तौर पर मूंगफली को मक्खन के साथ, चावल और बिन्स या ब्रेड को शामिल किया जाता है.

प्रोटीन का क्या कार्य है?

प्रोटीन को शरीर के निर्माण का महत्वपूर्ण आधार माना जाता है और यह शरीर की सभी कोशिकाओं में पाया जाता है. कई प्रोटीन एंजाइम होते हैं जो जैव रासायनिक क्रियाओं को उत्प्रेरित करते हैं और चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. मानव शरीर के लिए प्रोटीन इन कामों के लिए उत्तरदाई होता है.

* शरीर में प्रत्येक कोशिकाओं के कामकाज के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है.

* पूरे शरीर में अणुओं का परिवहन और भंडारण करने में प्रोटीन की अहम भूमिका है. जैसे हीमोग्लोबिन और मायोग्लोबिन.

* कोशिकाओं की मरम्मत करने तथा नवीन कोशिकाओं के निर्माण कार्य में मदद करता है.

* प्रोटीन एंटीबॉडी के रूप में शरीर की वायरस और बैक्टीरिया संक्रमण से रक्षा करता है.

* प्रोटीन बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं में उचित रूप से वृद्धि और विकासों को बढ़ावा देता है.

* एंजाइम के एमाइलेज और हार्मोन इंसुलिन के रूप में महत्वपूर्ण कार्यों को करना.

* प्रोटीन न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में काम करता है.

शरीर में प्रोटीन की कमी के लक्षण क्या है?

1 .अगर आप बार-बार बीमार पड़ रहे हैं, दर्द की समस्या परेशान रह रहे है तो इसका कारण प्रोटीन की कमी भी हो सकती है क्योंकि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आने का एक बड़ा कारण यह भी है.

2 .शरीर में प्रोटीन की कमी से सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है और हिमोग्लोबिन भी कम हो सकती है. इन कारणों से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है.

3 .प्रोटीन की कमी से खून में शर्करा का स्तर कम होता है जिससे शारीरिक कमजोरी महसूस होने के साथ ही थकावट जैसी परेशानियां पैदा होती है. इसके अलावा आपको बार- बार भूख लगने का कारण प्रोटीन की कमी हो सकता है.

4 .आपके सौन्दर्य के लिए भी प्रोटीन बहुत ही आवश्यक है. अगर सही मात्रा में प्रोटीन का सेवन आप नहीं कर रहे हैं तो इसका असर आपके बाल और नाखून पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है.

5 .पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन नहीं सेवन करने से जोड़ों में मौजूद तरल पदार्थ का निर्माण कम होता है. जिससे लचीलापन कम हो जाता है और जोड़ों में अकड़न के साथ मांसपेशियों मे दर्द की परेशानी बढ़ने लगती है.

प्रोटीन के बेहतर स्रोत-

1 .अंडा-

प्रोटीन के लिए अंडा सबसे स्वस्थ और सबसे पौष्टिक पदार्थों में से एक है. यह आवश्यक विटामिन, खनिज और हेल्दी फैट आंख की रक्षा करने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है. इसलिए हमें लगभग प्रतिदिन आहार में अंडे को शामिल करने चाहिए. अंडे में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है लेकिन इसका सफेद भाग लगभग शुद्ध होता है. आप उबले अंडे, आमलेट, तले हुए अंडे का सेवन कर सकते हैं.

2 .ग्रीक दही-

आम डेरी प्रोडक्ट ग्रीक दही का की गाढ़ी दही होती है. यह काफी स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर होती है. बाजार में आसानी से उपलब्ध भी हो जाती है. आपको शादी दही के बजाय अपनी डाइट में ग्रीक दही को शामिल करना चाहिए. इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए आप इसमें नमक, अखरोट या शहद मिला सकते हैं.

3 .दूध-

दूध ना केवल कैल्शियम का बेहतर स्रोत है बल्कि यह प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत होता है. दूध उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत हो सकता है. इसके अलावा एक गिलास दूध शाम के लिए प्रत्येक ब्रेकफास्ट कहा जा सकता है जो आपका पेट लंबे समय तक भरा हुआ रखता है.

4 .सोयाबीन-

सोयाबीन मिट और अंडे से भी ज्यादा प्रोटीन युक्त आहार है. प्रोटीन के अलावा सोयाबीन विटामिन बी कंपलेक्स, विटामिन ई और खनिज पदार्थों से भरपूर होता है. इसके अलावा सोयाबीन फाइबर से भी भरपूर होता है. 100 ग्राम सोयाबीन लगभग 50 ग्राम प्रोटीन होता है.

5 .पनीर-

दूध से बने सभी प्रोडक्ट स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं. इनके सेवन से हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी पूरी होती है. पनीर भी दूध से ही तैयार किया जाता है और इसमें प्रोटीन, कार्ब और फैट पाया जाता है. 100 ग्राम पनीर में लगभग 18 ग्राम प्रोटीन होता है.

6 .बादाम-

बादाम बहुत ही किस्म के फैट के साथ-साथ भरपूर प्रोटीन से युक्त होते हैं. 100 ग्राम बादाम में लगभग 21 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है.

7 .काजू-

काजू का सेवन करना हमारे सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. इसके सेवन से शरीर का वजन बढ़ाने में मदद मिलती है. साथ ही काजू प्रोटीन से भरपूर होता है. 100 ग्राम काजू में लगभग 553 कैलोरी 44 ग्राम और लगभग 18 ग्राम प्रोटीन होता है.

8 .अंकुरित अनाज-

बेहतर मात्रा में प्रोटीन प्राप्त करने का सबसे अच्छा जरिया अंकुरित अनाज है. एक कप अंकुरित अनाज में लगभग 15 ग्राम प्रोटीन होता है.

9 .चना-

चना ना सिर्फ फाइबर की समृद्ध होता है बल्कि प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. चने को भिगोकर उबालकर या फ्राई करके खा सकते है. 100 ग्राम चने में लगभग 15 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है.

Enjoyed this article? Stay informed by joining our newsletter!

Comments

You must be logged in to post a comment.

About Author