पीपल क्या है ? जानें इसके 24 शीर्ष औषधीय गुण

हेल्थ डेस्क- शायद ही कोई व्यक्ति होगा जो पीपल के पेड़ के बारे में नहीं जानता होगा. क्योंकि पीपल का पेड़ लगभग सभी क्षेत्रों में पाया जाता है. सड़कों के किनारे, मंदिर या बाग बगीचों में पीपल का पेड़ हमेशा देखने को मिलता है. शनिवार के दिन लाखों लोग पीपल के पेड़ की पूजा भी करते हैं. लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं पीपल के पेड़ औषधीय गुणों से भरा हुआ है.

पीपल

आयुर्वेद ग्रंथों में पीपल के पेड़ के छाल, मूल, फल, पत्तियों के गुणों के बारे में बताया गया है. पीपल के प्रयोग से रंग में निखार आता है, घाव, सूजन, दर्द इत्यादि में इसका प्रयोग किया जाता है. पीपल खून को साफ करता है. पीपल की छाल मूत्र- योनि विकार में काफी लाभदायक होता है. पीपल की छाल के उपयोग से पेट साफ होता है. इतना ही नहीं पीपल का फल सेक्सुअल स्टैमिना को भी बढ़ाता है और महिलाओं में गर्भधारण करने में मदद करता है.

क्या है पीपल ? 

पीपल एक वृक्ष है जो लगभग 10 से 20 मीटर तक उच्च होता है. यह अनेक शाखाओं वाला विशाल और कई वर्षों तक जीवित रहने वाला वृक्ष होता है. पुराने पेड़ की छाल फटे व सफेद श्यामले रंग की होती है. इसके नए पत्ते कोमल, चिकने तथा हल्के लाल रंग के होते हैं. पीपल के फल चिकने, गोलाकार, छोटे छोटे होते हैं. पीपल के फल कच्चे अवस्था में हरे और पक्के अवस्था में वैगनी रंग के होते हैं.

पीपल पेड़ की सबसे खास बात यह है कि विषैली कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है और ऑक्सीजन छोड़ता है. पीपल की छाया बहुत ठंडी होती है. इस पेड़ के नीचे गर्मी के दिनों में बैठने पर बहुत आराम मिलता है.

चलिए जानते हैं पीपल के औषधीय गुण-

1 .पीपल का ताजा पत्ता लेकर उसका रस का रस निकाल लें. इस रस को नाक में 5-5 बूंद डालने से नकसीर यानी नाक से खून आना बंद हो जाता है. 10 से 15 मिलीलीटर रस में थोड़ी सी मिश्री मिलाकर पीने से भी लाभ होता है.

2 .पीपल के पत्ते से आंखों के रोग भी ठीक किए जा सकते हैं. इसके लिए पीपल के पत्तों से जो दूध निकलता है उसको आंख में लगाने से आंखों में होने वाला दर्द दूर हो जाता है.

3 .पीपल और वट वृक्ष की छाल को बराबर मात्रा में मिलाकर जल में पका लें. इस जल से कुल्ला करने से दांतों के रोग ठीक होते हैं. इसके साथ ही पीपल की ताजी टहनी के प्रतिदिन दातुन करने से दांत मजबूत होते हैं. इससे बैक्टीरिया खत्म होते हैं और मसूड़ों की सूजन कम हो जाती है. इसके अलावा पीपल की टहनी का दातुन नियमित करने से मुंह से आने वाली बदबू की समस्या दूर हो जाती है.

4 .पीपल के फल से हकलाहट समस्या दूर हो जाती है. इसके लिए आधी चम्मच पक्के फल के चूर्ण में शहद मिलाकर इसका सुबह-शाम सेवन करना चाहिए.

5 .पीपल के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर 40 मिलीलीटर पीने से कुकर खांसी में काफी लाभ मिलता है या 10 मिलीलीटर रस को दिन में तीन बार देने से कुकर खांसी ठीक हो जाता है.

6 .आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आप सांस की बीमारी से ग्रसित है तो पीपल के पेड़ के आसपास रहना काफी लाभदायक होता है. पीपल का पेड़ वायु को शुद्ध रखता है और अन्य पेड़ों की तुलना में अधिक ऑक्सीजन छोड़ता है. इसके अलावा आप सांस से जुड़ी बीमारियों जैसे कि अस्थमा के घरेलू इलाज के रूप में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

इसके लिए पीपल की छाल और पके हुए फल को बराबर मात्रा में चूर्ण बनाकर आधा चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार सेवन करें या पीपल के सूखे फलों के पीस कर 2- 3 ग्राम की मात्रा में 14 दिन तक पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करें. इससे सांसो की बीमारी और खांसी में अच्छा लाभ होता है.

7 .पीपल के 50-100 ग्राम छाल को जलाकर उसके कोयले को पानी में बुझाकर फिर पानी को साफ करके पीने से हिचकी, उल्टी, अधिक प्यास लगने की समस्या दूर हो जाती है.

8 .अगर आपको भूख कम लगती है तो पीपल के लाभ में इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं, इसके लिए पीपल के पक्के फलों के सेवन करें. इससे कफ, पित्त, रक्तदोष, बिषदोष, जलन, उल्टी तथा भूख की कमी दूर हो जाती है.

9 .यदि किसी को पेट दर्द हो रहा है तो पीपल के ढाई पत्तों को पीसकर 50 ग्राम गुड़ में मिलाकर गोली बना लें. अब गोली को दिन में तीन- चार बार सेवन करने से इससे पेट दर्द दूर हो जाता है.

10 .आधा चम्मच पीपल के फल का चूर्ण को दिन में तीन बार दूध के साथ सेवन करने से कुछ दिनों में शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है.

11 .यदि कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो पीपल के 5-10 पत्तों को प्रतिदिन खाएं, इससे कब्ज की समस्या दूर हो जाती है या पीपल के पत्ते का काढ़ा बनाकर 40 मिलीलीटर काढ़ा को पीने से पेट साफ हो जाता है और कब्ज की समस्या दूर हो जाती है.

12 .पीपल की कोमल टहनियां, धनिया के बीज तथा मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर 4 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से पेचिश की समस्या दूर होता है.

13 .यदि किसी को पीलिया यानी जॉन्डिस हो गया है तो पीपल के 3-4 कोमल पत्तियों को पीसकर मिश्री के साथ 250 मिलीलीटर पानी में घोल लें अब इसे छानकर पीलिया के रोगी को दो बार में पिलाएं. इस प्रयोग को 3 से 5 दिन करने की पीलिया रोग दूर होता है. यह पीलिया रोग के लिए रामबाण औषधि है.

14 .डायबिटीज के मरीजों के लिए पीपल बहुत ही फायदेमंद औषधि के रूप में काम करता है. इसके लिए पीपल के पेड़ की छाल का 40 मिलीलीटर काढ़ा पिलाना चाहिए. इससे पीतदोष भी दूर होता है.

15 .पीपल पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से पेशाब रुक- रुककर आने की समस्या दूर होती है.

16 .पीपल बांझपन की समस्या को दूर करने में भी काफी लाभदायक होता है. इसके लिए मासिक धर्म खत्म होने के बाद 1-2 ग्राम की मात्रा पीपल के सूखे फल का कच्चे दूध के साथ सेवन कीजिए. 14 दिन तक इसके प्रयोग करने से बांझपन की समस्या दूर है.

17 .अक्सर सर्दी के दिनों में हाथ- पैर फटने की समस्या हो जाती है. ऐसे पीपल के पत्तों का रस या दूध लगाने से अच्छा लाभ होता है.

18 .पीपल की कोमल पत्तों को खाने से खुजली और त्वचा पर होने वाले चर्म रोग दूर हो जाते हैं. इसके लिए आप पीपल पेड़ की छाल का काढ़ा 40 मीटर की मात्रा प्रतिदिन पी सकते हैं.

19 .फोड़े- फुंसियों की समस्या होने पर पीपल की छाल को पानी में घिसकर फोड़े- फुंसियों पर लगाने और गीली पट्टी बांधने से अच्छा लाभ होता है.

20 .पीपल के कोमल पत्तों को गेहूं के आटे में पीसकर मिला लें. इसे फोड़ों पर लगाने से थोड़े ठीक हो जाते हैं और सूजन भी दूर हो जाती है.

21 .पीपल के फल, पीपल के जड़ की छाल और पत्रांकुर को दूध में पका लें. अब इसमें शर्करा और मधु मिलाकर पीने से बाजीकरण यानी संभोग शक्ति में बढ़ोतरी होती है.

22 .बराबर भाग पीपल के फल, जड़ की छाल तथा सोठ मिलाकर दूध में पका लें और उसमें मिश्री और मधु मिलाकर नियमित सुबह-शाम सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है और शक्ति मिलती है.

23 .आधा चम्मच पीपल के फल के चूर्ण को दिन में तीन बार दूध के साथ सेवन करने कुछ ही दिनों में नपुंसकता की समस्या दूर होती है तथा कमजोरी दूर होता है.

24 .यदि किसी को भगंदर हो गया है तो पीपल की अंतरछाल और गुलाब जल में पीसकर लगाएं. इससे घाव जल्दी ठीक हो जाती हैं. भगंदर में इससे अच्छा लाभ होता है.

नोट- यह पोस्ट शैक्षणिक उद्देश्य से लिखा गया है किसी भी प्रयोग से पहले योग्य चिकित्सक की सलाह जरूर लें. धन्यवाद.

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