नेटवर्कों के 7 प्रकार एवं लाभ

 

नेटवर्क के प्रकार ( Types of Network )

1. लोकल एरिया नेटवर्क ( LAN - Local Area Network ) - ऐसे नेटवर्को के सभी कम्प्यूटर एक सीमित क्षेत्र में स्थित होते हैं । यह क्षेत्र लगभग एक किलोमीटर की सीमा में होना चाहिए , जैसे- कोई बड़ी बिल्डिंग या उनका एक समूह । लोकल एरिया नेटवर्क में जोड़े गए उपकरणों की संख्या अलग - अलग हो सकती है । इन उपकरणों को किसी संचार केबल द्वारा जोड़ा जाता है । लोकल एरिया नेटवर्क के द्वारा कोई संगठन अपने कम्प्यूटरों , टर्मिनलों , कार्यस्थलों तथा अन्य बाहरी उपकरणों को एक दक्ष ( Efficient ) तथा मितव्ययी ( Cost effective ) विधि से जोड़ सकता हैं , ताकि वे आपस में सूचनाओं का आदान - प्रदान कर सकें तथा सबको सभी साधनों का लाभ मिल सके । इस नेटवर्क का आकार छोटा , डाटा स्थानान्तरण की गति तेज तथा त्रुटियां कम होती हैं । इथरनेट ( Ethernet ) एक लोकप्रिय लैन ( LAN ) तकनीक है ।
2. मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क ( MAN- Metropolitan Area Network ) - मैन दो या दो से अधिक लोकल एरिया नेटवर्क को जोड़ता है । यह शहर की सीमाओं के भीतर स्थित कम्प्यूटरों का नेटवर्क है । ये काफी महँगे नेटवर्क होते हैं जो फाइबर ऑप्टिक केबल से जुड़े होते हैं । ये टेलीफोन या केबल ऑपरेटर और माइक्रोवेव लिंक द्वारा प्रदान किए जाते हैं । राउटर्स , स्विच और हब्स ( Router , Switch & Hubs ) मिलकर एक मैन का निर्माण करते है ।
3.वाइड एरिया नेटवर्क ( WAN - Wide Area Network ) - वाइड एरिया नेटवर्क से जुड़े हुए कम्प्यूटर तथा उपकरण एक दूसरे से हजारों किलोमीटर की भौगोलिक दूरी पर भी स्थित हो सकते हैं । इनका कार्यक्षेत्र कई महाद्वीपों तक फैला हो सकता है । यह एक बड़े आकार का डेटा नेटवर्क होता है । इसमें डेटा के संचरण की दर लोकल एरिया नेटवर्क की तुलना में कम होती है । अधिक दूरी के कारण प्रायः इनमें माइक्रोवेव स्टेशनों या संचार उपग्रहों ( Communication Satellites ) का प्रयोग सन्देश आगे भेजने वाले स्टेशनों की तरह किया जाता है । माइक्रोवेव नेटवर्क दो रिले टावरों के बीच आवाज या डेटा को रेडियो तरंगों के रूप में भेजते हैं । प्रत्येक टावर उस सन्देश को प्राप्त करके उत्तेजित ( Amplify ) करता है और फिर आगे भेज देता है । विश्वव्यापी डेटा कम्युनिकेशन नेटवर्क का महत्व दिन - प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है । वे आजकल के वित्तीय जगत ( शेयर मार्केट , बैंक , वित्तीय संस्थाओं आदि ) के लिए अनिवार्य हो गए हैं । भारत में CMC द्वारा विकसित इंडोनेट वैन का उदाहरण है । बैंकों द्वारा प्रदत्त एटीएम ( ATM ) सुविधा वाइड एरिया नेटवर्क का उदाहरण है ।
4 .कैंपस एरिया नेटवर्क ( Campus Area Network )– किसी स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी , संस्था या किसी अन्य बड़े कैंपस के भीतर स्थित कम्प्यूतरों का नेटवर्क कपस एरिया नेटवर्क ( CAN ) सहलाता है । इसमें उसी क्षेत्र के भीतर स्थित कई लैन को भी आपस में जाना जाता है । कंपस एरिया नेटवर्क का दायरा 1 से 5 किलोमीटर तक हो सकता है ।
5. पर्सनल एरिया नेटवर्क ( PAN- Personal Area Network ) किसी व्यक्ति या संत्या के अधिकार क्षेत्र के भीतर कुछ दूरी तक कम्प्यूटर का आपने ही उपकरणों से पापित सकार पर्सनल एरिया नेटवर्क ( PAN ) कहलाता है । उदाहरण के लिए ब्लूटुथ , वायरल यूएसबी ( ISR ) आदि पैन को सदाहरण है । इसका प्रयोग कर कम्प्यूटर को इंटरनेट से भी जाना जा सकता है । यदि इन कम्प्यूटर जोड़ने के लिए वायरलेस तकनीक का प्रयोग किया जाता है , तो इसे वायरलेस पर्सनल एरिया नेटवर्क ( WPAN ) कहा जाता है ।
6. वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क ( Virtual Private Network ) - वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क एक प्रकार का नेटवर्क है जो किसी प्राइवेट नेटवर्क जैसे कि किसी कम्पनी के आंतरिक नेटवर्क ( Internal Network ) से जुड़ने के लिए इंटरनेट का प्रयोग करके बनाया जाता है । यह आजकल का एक तेजी से प्रसारित होने वाला नेटवर्क है , जिसका प्रयोग बड़ी - बली संस्थाओं में तेजी से बढ़ा है । ये नेटवर्क आमाको भी है और निजी भी , निजी इसलिए क्योंकि इस नेटवर्क में किसी संस्था की निजता की पूरी पगारेटी होती है तथा आभासी इसलिए क्योंकि यह नेटवर्क पैन का प्रयोग नहीं करता है ।
( a ) इंट्रानेट ( Intranet ) - एक संगठन के भीतर निजी कम्प्यूटर नेटवकों का समूह इंद्रानेट कहलाता है । जो सूचनाओं के आदान - प्रदान के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल ( TCPAP ) तकनीक का उपयोग करता है । इंट्रानेट खेटा साझा करने की क्षमता तथा संगठन के कर्मचारिता के समग्र शान को बेहतर बनाने के लिए नेटवर्क प्रौद्योगिकियों ( Network Technologies ) के प्रयोग द्वारा व्यक्तियों या व्यक्तियों के समूह के बीच संचार की सुविधा को आसान करता है । स्पष्टतः , इंद्रानेट इंटरनेट का निजी ( Private ) रूप है । केवल संस्था के सदस्य या कर्मचारी ही इंट्रानेट की सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं । गेटये , कायरवाल या कोडिंग तकनीक का प्रयोग कर किसी अनाधिकृत व्यक्ति को इंट्रानेट का उपयोग करने से पचित रखा जाता है । अतः इदानेट वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का एक उदाहरण है ।
( b ) एक्स्ट्रानेट ( Extranet ) - इंट्रानेट की तरह ही एक्स्ट्रानेट भी निजी या संस्थागत उपयोग के लिए स्थापित एक कम्प्यूटर नेटवर्क है जो इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग करता है । लेकिन एक्स्ट्रानेट में संस्था के सदस्य व कर्मचारियों के अतिरिक्त अन्य उपयोगकर्ताओं को भी एक सीमा तक नेटवर्क का डाटा के उपयोग की अनुमति दी जाती है । एक्स्ट्रानेट का प्रयोग करने के लिए उपयोगकर्ता को एक विशेष यूजर नेम तथा पासवर्ड प्रदान किया जाता है किसी व्यवसायिक बैंक का निजी नेटवर्क एक्स्ट्रानेट का उदाहरण है । कोई भी उपभोक्ता यूजरनेम तथा पासवर्ड का उपयोग कर इंटरनेट के जरिए बैंक के नेटवर्क में घुस सकता है तथा अपनी व्यक्तिगत जानकारियां देख सकता है । लेकिन वह अपनी व्यक्तिगत जानकारी के अलावा और कोई सूचना प्राप्त (access) नहीं कर सकता ।
7. वायरलेस लैन ( Wireless LAN ) - वायरलेस तकनीक का प्रयोग कर बिना तार के एक छोटे भौगोलिक क्षेत्र में स्थापित कम्प्यूटरों का नेटवर्क वायरलेस लेन ( W LAN ) कहलाता है । इसमें कम्प्यूटर या अन्य उपकरणों को तार से जोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती तथा सीमित क्षेत्र में गतिशील होने की आजादी रहती है । वायरलेस लैन के लिए वाईफाई ( WiFi ) तकनीक का प्रयोग प्रमुखता से किया जाता है । वायरलेस लैन को इंटरनेट से जोड़कर गतिमान रहते हुए इंटरनेट का प्रयोग किया जा सकता है । इसके लिए ( WNIC - Wireless Network Interface Card ) का प्रयोग किया जाता है जिसके साथ लगा एंटीना डाटा स्थानान्तरित करता है ।

 

नेटवर्किंग के लाभ ( Advantages ofNetworking )

1. साधनों का साझा उपयोग ( Resources Sharing ) — हम नेटवर्क के किसी भी कम्प्यूटर से जुड़े हुए साधन का उपयोग नेटवर्क के अन्य कम्प्यूटरों पर कार्य करते हुए कर सकते हैं । उदाहरण के लिए- यदि किसी कम्प्यूटर के साथ लेजर प्रिंटर जुड़ा हुआ है . तो नेटवर्क के अन्य कम्प्यूटरों से उस प्रिंटर पर कोई भी सामग्री छापी जा सकती है ।
2. विश्वसनीयता ( Reliability ) - नेटवर्किंग में किसी फाइल की दो या अधिक प्रतियाँ अलग - अलग कम्प्यूटरों पर संग्रहित की जा सकती है । यदि किसी कारणवश एक कम्प्यूटर खराब या असफल हो जाता है , तो वह डेटा दूसरे कम्प्यूटरों से प्राप्त हो सकता है । इस प्रकार नेटवर्क के कम्प्यूटर एक - दूसरे के लिए बैकअप का कार्य भी कर सकते हैं । जिससे उनकी विश्वसनीयता बढ़ती है ।
3. डेटा का तीव्र सम्प्रेषण ( Rapidly Transmission of Data ) - कम्प्यूटर के नेटवर्किंग से दो कम्प्यूटरों के बीच सूचना का आदान - प्रदान तीव्र तथा सुरक्षित रूप से होता है । इससे कार्य की गति तेज होती है और समय की बचत होती है ।

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