दिल का दौरा पड़े तो क्या करना चाहिए?

आज की भागदौड़ और तनाव से भरी जिंदगी में शुगर और बीपी की समस्या होना आम बात हो गई है। इन बीमारियों की वजह से दिल भी कमज़ोर होता है और हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ जाता है। पहले जहां हार्ट अटैक का रिस्क 60 साल के बाद रहता था, वहीं अब 30 साल की उम्र में ही हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के मामले सामने आने लगे हैं। कार्डियक अरेस्ट आने पर कुछ नहीं किया जा सकता, लेकिन दिल का दौरा पड़ने पर मरीज़ को बचाया जा सकता है। दिल के दौरे के लक्षण देखते ही अलर्ट हो जाएं और इलाज करें। 15 मिनट में अगर व्यक्ति को सही इलाज मिल जाता है तो मरीज़ की जान बचाई जा सकती है।

 

लक्षणों को पहचानें

 

दिल का दौरा पड़ने वाले व्यक्ति के लक्षणों को पहचानें। सीने में जकड़न और बेचैनी, सांसों का तेज़ी से चलना, चक्कर के साथ पसीना आना, नब्ज़ कमज़ोर पड़ना और मितली आना दिल के दौरे के प्रमुख लक्षण हैं।

 

 

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मुंबई के मसीना हॉस्पिटल हार्ट इंस्टीट्यूट में कंसल्टंट कार्डियोथोरेसिक सर्जन, डॉ. ज़ैनुलाबेदीन हामदुले का कहना है, "अक्सर लोग हार्ट अटैक के लक्षणों की पहचान करने या समय पर उचित चिकित्सा सहायता लेने में असमर्थ रहते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि कमर के स्तर से ऊपर किसी भी चेस्ट पेन को नज़रअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। एक ईसीजी डॉक्टर की हार्ट अटैक की पहचान करने और पुष्टि करने में मदद कर सकता है।"

 

 

 

दिल का दौरा पड़ने पर क्या करें?

 

डॉ. हामदुले ने बताया कि हार्ट अटैक के बाद एक घंटे या 90 मिनट के बाद हृदय की मांसपेशियां मरने लगती हैं, क्योंकि इससे रक्त मिलना बंद हो जाता है और 6 घंटे के बाद हृदय के विभिन्न हिस्से गंभीर रूप से, अपरिवर्तनीय रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और अधिकांश समय रोगियों को दूसरा मौका नहीं मिलता। हार्ट अटैक के बाद के पहले घंटे को गोल्डन आवर भी कहा जाता है। इस अवधि में दिए गए उपचार से हार्ट अटैक से

 

 

 

होने वाले नुकसान को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसलिए हार्ट अटैक के पहले घंटे के अंदर कैथ लैब की सुविधा वाले सबसे पास के अस्पताल में पहुंचना महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, इससे डॉक्टरों को हार्ट अटैक की पुष्टि करने और रोगी को PAMI के लिए ले जाने के लिए स्कैन और परीक्षण करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट तब रक्त प्रवाह को बहाल करने के लिए प्राथमिक एंजियोप्लास्टी कर सकते हैं।"

 

घबराएं नहीं ऐसे करें मरीज़ की मदद

 

द्वारका, दिल्ली के वेंकटेश्वर अस्पताल में निदेशक और मुख्य कार्डियो थोरैसिक और संवहनी सर्जन (वयस्क और बाल चिकित्सा), डॉ. बिक्रम केशरी मोहंती का कहना है, " दिल का दौरा पड़ने पर किसी भी व्यक्ति को तुरन्त First Aid देने से हम उसकी जान की रक्षा कर सकते हैं। ऐसे में सबसे अहम बात ये है कि बिल्कुल घबराएं नहीं और मरीज़ को आरामदायक अवस्था में बैठाएं, मरीज़ को घेरकर न खड़ें हों जिससे उसको सांस लेने में तकलीफ न हो, मरीज़ के कपड़ों को ढीला करें।

 

अगर आप घर में हैं, तो खिड़कियों को खोलें जिससे वेंटिलेशन हो सके। मरीज़ को जल्द से जल्द एस्प्रिन टैबलेट और नाइट्रोग्लिसरीन टैबलेट दें और साथ ही मरीज़ से भी पूछले की दिल के दर्द के लिए और कोई दवा अगर वो लेता हो तो वो भी साथ में दे सकते हैं। अगर एम्बुलेंस आने में बहुत देर है, तो इंतज़ार न करें और जल्द से जल्द अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाएं।

 

रोगनिर्णय और हार्ट अटैक का इलाज:

दिल के दौरे का इलाज से ज़्यादा बचाव जरुरी होता है। दौरा पड़े ऐसा मौका आने से पहले डॉक्टर्स का सुझाव लें। इ. सी. जी., चेस्ट एक्स-रे, इकोकार्डियोग्राम, एंजियोग्राम, कार्डिएक सी. टी. या एम.आर. आई, इत्यादि के ज़रिये रोगनिर्णय करना आज के समय में बहुत ही आसान है।

सीने में जकड़न और बेचैनी, सांसों का तेजी से चलना, चक्कर के साथ पसीना आना, नब्ज कमजोर पड़ना और बेचैनी होने जैसी हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षणों को पहचानें।

समय रहते डॉक्टर तथा अस्पताल से संपर्क करें।

 

हृदय रोग से उबरने के लिए जरूरी उपचार:

बदलती जीवनशैली, गलत खान-पान और अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों ने हमारे दिल को नुकसान पहुंचाया है, हालांकि कुछ तरीके या साधन हैं जिन्हें अपनाकर आप बहुत आसानी से अपने दिल के दौरे से उबर सकते हैं।

 

डाइट (मिताहार): अगर आप जल्दी में कुछ भी खाते हैं, तो अपनी आदत को जल्दी छोड़ दें क्योंकि आपको अपने मेटाबॉलिज्म और शारीरिक सक्रियता के अनुसार ही कैलोरी लेनी चाहिए। डेली डाइट या मिताहार करें।संतुलित और पौष्टिक खाना वजन नियंत्रण और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। अगर आप हार्ट प्रॉब्लम से पीड़ित हैं, तो आपको अपने आहार में फल, सलाद, हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज शामिल करना चाहिए। आपको अपने दिन के भोजन में तेल और घी की खपत को बहुत कम करना चाहिए। धूम्रपान से भी दूरी बनाएं रखना भी ज़रूरी है। आस पास अगर कोई धूम्रपान कर रहा है तो उससे भी दूरी बनाए ।

 

निर्धारित व्यायाम: निर्धारित व्यायाम हमारे शरीर और सेहत को स्वस्थ रखने में बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित व्यायाम न केवल आपके दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि कई रोग से हुमारे शरीर को दूर रखते हैं। दिन में कम से कम 30 मिनट के लिए कोई भी व्यायाम करें या आप कम से कम 30 मिनट के लिए पार्क जा सकते हैं। ऐसा करने से आप अतिरिक्त वसा जलाएंगे और आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर भी नियंत्रित रहेगा। जितने अधिक सक्रिय लोग होते हैं, दिल का दौरा पड़ने का खतरा उतना ही कम होता है।

 

कार्डियक रिहैब (ह्रदय का पुनर्वासन): कार्डिएक रिहैबिलिटेशन आपके दिल के भविष्य को बेहतर बना सकता है। ये एक मेडिकली सुपरभाईज़ड कार्यक्रम है। इसमें तीन महत्वपूर्ण भाग होते हैं:

●व्यायाम परामर्श और प्रशिक्षण

●हृदय-स्वस्थ रखने का शिक्षा

●तनाव कम करने के लिए काउंसिलिंग

आपके डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट के साथ-साथ परिवार और दोस्त आपके साथ रहेंगे और आपको मदद करेंगे आपके हार्ट प्रॉब्लम से जुड़ी जीवनशैली और आदतों को संभालने में।

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Comments
Shubham jha - Oct 14, 2021, 3:36 AM - Add Reply

Superb

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