दुनिया के 8 नए अत्याधुनिक हवाई अड्डे और दुनिया की सबसे बदसूरत कारें

दुनिया के नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर एक नज़र. इन हवाई अड्डों की सालाना यात्री क्षमता लाखों में नहीं करोड़ों में है.

इनका आर्किटेक्चर मंत्रमुग्ध कर देने वाला है और सुविधाएं अत्याधुनिक हैं.

सिंगापुर का चांगी एयरपोर्ट

इसके आर्किटेक्ट हैं मॉंट्रियल में मशहूर हैबिटाट 67 हाउसिंग कॉम्पलैक्स को डिज़ाइन करने वाले मोशे सेफ्डी.

इसका निर्माण दिसंबर 2014 में शुरू हुआ.

इसमें फॉरेस्ट वैली, ज्वैल गार्डन और 130 फ़ुट ऊंचा झरना होगा. 1.34 लाख वर्ग मीटर शीशे के गुंबद में पेड़ होंगे और वो भी कई प्रकार केइसका निर्माण 2018 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यात्री ज्वैल कॉम्पलैक्स से होकर मौजूदा टर्मिनल्स तक पहुंचेंगे. साथ ही होंगी शॉपिंग और खाने-पीने की दुकानें.

मेक्सिको सिटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट

मेक्सिको सिटी इंटरनेशनल

इमेज स्रोत,FOSTER AND PARTNERS

सितंबर 2014 में ब्रिटेन की आर्किटेक्चर कंपनी फ़ोस्टर एंड पार्टनर्स को इसे डिजाइन करने का ठेका मिला.

साल 2018 में जब यह बनकर तैयार होगा तो दुनिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा.

लगभग 5.55 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में फैले इस हवाई अड्डे के लिए ढाँचा पहले से तैयार किया गया है. नई इमारत में सौर ऊर्जा का पर्याप्त इस्तेमाल होगा.

मुंबई का छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट

मुंबई का छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट

इमेज स्रोत,ROBERT POLIDORI AND SOM

इस एयरपोर्ट का डिज़ाइन मयूरपंख की आकृति का है. यह भारत का सबसे आधुनिक और भव्य एयरपोर्ट टर्मिनल है.

इसका उद्घाटन फ़रवरी 2014 में हुआ था. इस एयरपोर्ट के नए टर्मिनल में गार्डन और फाउंटेन के साथ मल्टीलेवल कार पार्किंग भी है.

चीन में शेनझेन बाइयुन इंटरनेशनल एयरपोर्ट

बाइयुन इंटरनेशनल एयरपोर्ट

इमेज स्रोत,ARCHIVIO FUKSAS

मधुमक्खी के छत्ते की आकृति के इस एयरपोर्ट का उद्घाटन साल 2013 के आख़िरी में हुआ.

स्टूडियो फ़ुकसास ने इसे डिजाइन किया था.

आर्किटेक्ट्स इस डिज़ाइन की कुछ इस तरह व्याख्या करते हैं, “एक मछली जो सांस लेती है और अपनी बाहरी रचना बदलती रहती है, भावनाओं का जश्न मनाने के लिए पक्षी का रूप ले लेती है.”

टर्मिनल के अंदर की साज-सज्जा तो और भी बेहतरीन है.

चीन में चोंगकिंग जियांगबेई इंटरनेशनल एयरपोर्ट

चोंगकिंग इंटरनेशनल एयरपोर्ट

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आर्किटेक्चर डिज़ाइन कंपनी एडीपीआई ने एयरपोर्ट के नए टर्मिनल की अपनी योजना में हरियाली का भरपूर खयाल रखा है.

इसके दो हिस्से चोंककिंग की दो नदियों का प्रतिरूप हैं.

इसका ढांचा पार्क के बीचों-बीच खड़ा किया गया है. पूरा हो जाने के बाद इस टर्मिनल की सालाना क्षमता 5.5 करोड़ यात्रियों की होगी.

इसे दुनिया के 15 सबसे बड़े हवाई अड्डों में शुमार किया गया है.

रूस का पुलकोवो इंटरनेशनल एयरपोर्ट

पुलकोवो इंटरनेशनल एयरपोर्ट

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सेंट पीटर्सबर्ग स्थित इस एयरपोर्ट को डिजाइन किया है ग्रिमशॉ आर्किटेक्ट्स ने.

अंदर से देखने पर इसके मेटल पैनल शहर के चर्चों के रपटीले घुमावदार डिजाइनों की याद दिलाते हैं.

इसे फ़रवरी 2014 में यात्रियों के लिए खोला गया था. अभी इसके दूसरे और तीसरे चरण का काम पूरा होना बाक़ी है.

निर्माण पूरा होने पर हवाई अड्डे की सालाना क्षमता 1.7 करोड़ यात्रियों की होगी.

तुर्की में इस्तांबुल का नया एयरपोर्ट

इस्तांबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट

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ग्रीमशॉ और उनकी टीम को इस्तांबुल में छह रनवे का एयरपोर्ट 2019 तक तैयार करना है.

इस हवाई अड्डे की शुरुआती सालाना क्षमता 9 करोड़ यात्रियों की होगी.

एक बार पूरा होने के बाद हवाई अड्डे की क्षमता बढ़ाकर 15 करोड़ यात्री करने की योजना है.

आर्किटेक्ट्स का कहना है, “यह एक छत के नीचे दुनिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा.”

ग्रीमशॉ के साथ मिलकर काम कर रहे हेप्टिक के निदेशक टॉमस स्टोकी का दावा है, “हमने स्थानीय रंगों और पैटर्न से प्रेरणा ली है. तुर्की के परंपरागत आर्किटेक्चर को भी ध्यान में रखा गया है.”

जापान का माउंट फ़ुजी शिज़ुओका एयरपोर्ट

माउंट फ़ुजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट

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माउंट फ़ुजी की तलहटी में ये हवाई अड्डा शिगेरु बान के डिज़ाइन पर बन रहा है.

पहाड़ों से घिरे इस एयरपोर्ट पर यहां के चाय बागानों की भी कुछ झलक देखने को मिलेगी.

साथ ही जापान की परंपरागत वास्तुकला को भी इसमें शामिल किया जाएगा.

 

दुनिया की सबसे बदसूरत कारें

 

दुनिया की सबसे सुंदर और लक्जरी कारों के बारे में तो अमूमन चर्चा होती ही रहती है, लेकिन ऑटो पत्रिका 'टॉप गियर' ने उन कारों को चुना है जो कार चलाने वालों को फूटी आंख नहीं भाईं.

फ़ेरारी एफ़ 50

 

200 मील प्रति घंटे की रफ़्तार वाली एफ़40 कार बनाने के बाद इटली की कंपनी फ़ेरारी ने 1996 में एक और कार बाज़ार में उतारी. यह कार थी एफ़ 50. इसके पिछले पहियों में 513 हॉर्सपावर की ताक़त थी और क़ीमत पाँच लाख डॉलर थी, लेकिन फ़ेरारी के दीवानों को इसने न केवल अपनी परफॉर्मेंस से निराश किया, बल्कि दिखने में भी ये फ़ेरारी की सबसे बदसूरत कार थी.

सी3 प्लूरिएल

साइट्रॉन

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फ़्रांस की मर्क़ी एक अजीबोग़रीब मॉडल लेकर बाज़ार में उतरी. इसके छत को हटाया जा सकता था, लेकिन फिर वापस जोड़ने पर बारिश में इससे पानी रिसने की शिकायतें आने लगीं. नतीजा ये हुआ कि लोग इसे एयरपोर्ट के टैक्सी स्टैंड से किराए पर लेने के लिए तो तैयार होते थे, लेकिन ख़रीदने के लिए नहीं

लेक्सस एससी 430

लेक्सस 430

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लेक्सस के एससी मॉडल की शुरुआत 1991 में हुई थी. इसके ठीक दस साल बाद लक्जरी कार एससी 430 मॉडल से पर्दा उठा. इसका वजन लगभग 4,000 पाउंड था और सूरत बल्बनुमा.

अल्फ़ा रोमियो जीटीवी 6

अल्फ़़ा रोमियो

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अल्फ़ा रोमियो 1960 और 1970 के दशक की रैली चैंपियन कार थी. फिर 1985 में इसका जीटीवी मॉडल उतारा गया. इस मॉडल को इटली के मशहूर डिजाइनर लिबरेटो गियुडिकाटो ने डिजाइन किया था. उत्तर अमरीका में अधिकांश लोगों ने जब इसे देखा तो वे उसे ख़रीदने की हिम्मत नहीं जुटा सके. रही-सही कसर इस कार के पार्ट्स की कमी ने पूरी कर दी.

महिंद्रा सीजे540

महिंद्रा सीजे 540

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अगर कार मैकेनिक के नज़रिए से देखें तो यह कार बहुत साधारण, सस्ती और सब जगह मिलने वाली थी. ड्राइवर के नज़रिए की बात करें तो उन्हें इसे चलाने में कोई जुदा अहसास नहीं हुआ. भारत में बनी ये कार 1991 तक विदेशों को बेची जाती रही.

महिंद्रा सीजे 540

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दिखने में रफ-टफ दिखने वाली इस जीप में पैजेट डीज़ल इंजन लगा था. आराम को कोई ख़याल नहीं रखा गया था. ऑटो विशेषज्ञों के मुताबिक़ ये दुनिया की सबसे ख़राब कारों में से एक थी.

रॉल्स रॉयस क्रॉनिक

रॉल्स रॉयस क्रॉनिक

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शाही कार बनाने वाली ब्रिटेन की कंपनी रॉल्स रायस का 1970 के दशक में दुनिया भर में दबदबा था. लेकिन क्रॉनिक मॉडल को प्रशंसकों ने कतई पसंद नहीं किया. जर्मी क्लार्कसन ने कहा था कि क्रॉनिक में कोई चार्म नहीं है.

लिंकन कॉन्टिनेंटल मार्क 4

लिंकन कॉन्टिनेंटल

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फ़ोर्ड मोटर का यह मॉडल 1972 में बाज़ार में उतारा गया. इससे पहले का मॉडल 1968 में उतारा गया था और इसने दुनियाभर के बाज़ारों में खूब धूम मचाई थी. दमदार इंजन होने के बावजूद ये मॉडल कार प्रेमियों के दिल में जगह नहीं बना सका.

कैडिलेक सिमारॉन

कैडिलेक सिमारॉन

इमेज स्रोत,GENERAL MOTORS

बीएमडब्ल्यू ई30 3 सिरीज़ और ऑडी 4000 के मुक़ाबले 1982 में उतारी गई जनरल मोटर की इस कार को लोगों ने नापसंद किया. थ्री चीयर्स की जगह इसे लेकर थ्री जीयर्स (तीन बार मज़ाक) की चुटकी काफ़ी लोकप्रिय रही.

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