त्रिफला के आश्चर्यजनक फायदे जानकर हैरान हो जाएंगे

आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण को शरीर के लिए बहुत ही गुणकारी माना गया है. आमतौर पर लोग त्रिफला को कब्ज निवारक के रूप में ही जानते हैं. लेकिन इसके अलावा भी इसका सेवन करने के कई फायदे हैं. यदि आपको किसी भी प्रकार की पेट संबंधी समस्या है तो आपके लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन बहुत ही गुणकारी रहेगा. पेट के अलावा भी इसे खाने से कई रोगों में राहत मिलती है. चिकित्सकों की यह भी सलाह होती है कि त्रिफला का सेवन बिना चिकित्सीय परामर्श के नहीं करना चाहिए. कई बार त्रिफला की अधिक मात्रा नुकसान भी दे सकती है. आगे पढ़िए त्रिफला का सेवन करने से होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से.

कमजोरी दूर करें 

 

शारीरिक दुर्बल व्यक्ति के लिए त्रिफला का सेवन रामबाण साबित होता है. इसके सेवन करने वाली व्यक्ति की याद्दाश्त भी अन्य लोगों के मुकाबले तेज होती है. इसका सेवन करने से दुर्बलता कम होती है. दुर्बलता को कम करने के लिए त्रिफला को हरड़, बहेड़ा, आंवला, घी और शक्कर को मिलाकर खाना चाहिए.

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए 

 

त्रिफला चूर्ण का सेवन मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देता है. यदि आपके शरीर में दुर्बलता है तो भी त्रिफला चूर्ण का सेवन कर आप अपने शरीर का कायाकल्प कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप इसका कई वर्ष तक नियमित रूप से सेवन करें. 

 

हाई ब्लड प्रेशर में राहत 

 

त्रिफला का सेवन करने से हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप में आराम मिलता है. यदि आप भी उच्च रक्तचाप या मुधमेह के बढ़ते स्तर से परेशान हैं तो तीन से चार ग्राम त्रिफला के चूर्ण का सेवन प्रतिदिन रात को सोते समय दूध के साथ कर लें. राहत मिलेगी.

त्रिफला क्या है ? 

 

त्रिफला तीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण होता है। ये तीन जड़ी बूटियों निम्न हैं : 

 

आंवला 

 

बहेड़ा 

 

हरड़ 

 

इन तीनों फलों के चूर्ण का मिश्रण ही त्रिफला कहलाता है। इसका सेवन हमेशा आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए। 

 

त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि 

 

वैसे तो पतंजलि त्रिफला चूर्ण बाज़ार में आसानी से उपलब्ध है लेकिन अगर आप इसे घर पर भी बनाना चाहें तो इसे आसानी से बना सकते हैं। इसके लिए हरड़ का छिलका, बहेड़े का छिलका और गुठली निकाले हुए आंवला तीनों के 1-1 भाग लेकर उसका बारीक़ चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें और इसका सेवन करें। - (शा. सं.) 

 

त्रिफला की सामान्य खुराक 

 

रात को सोते समय 3 से 9 ग्राम त्रिफला चूर्ण गर्म पानी या दूध के साथ ले सकते हैं। इसके अलावा विषम भाग घी या शहद के साथ भी इसे लिया जा सकता है। 

 

त्रिफला के फायदे 

 

त्रिफला को हर उम्र के लोग रसायन औषधि के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा त्रिफला के नियमित सेवन से पेट से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है। यह औषधि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसे गंभीर रोगों में भी लाभकारी है। आइये इसके कुछ प्रमुख फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

 

कब्ज़ दूर करने में सहायक 

 

आयुर्वेद में कब्ज़ को कई गंभीर रोगों की जड़ बताया गया है। अगर आप कब्ज़ से पीड़ित हैं तो आगे चलकर बवासीर, भगंदर जैसी कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। त्रिफला चूर्ण कब्ज़ दूर करने की कारगर औषधि मानी जाती है। यह पुराने कब्ज़ से पीड़ित मरीजों के लिए भी बहुत उपयोगी है। 

 

और पढ़ें – भगंदर में ज्योतिष्मती के फायदे 

 

उपयोग विधि : 

 

कब्ज़ दूर करने के लिए रोजाना रात में सोने से पहले गुनगुने पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर सेवन करें। 

 

पेट में गैस की समस्या (एसिडिटी) से राहत 

 

कब्ज़ के अलावा पेट से जुड़ी एक और समस्या है एसिडिटी जिससे अधिकांश लोग परेशान रहते हैं। यह समस्या गलत खानपान और अनियमित रहन सहन की वजह से होती है। त्रिफला चूर्ण पेट फूलने, पेट में गैस की समस्या (हाइपरएसिडिटी) आदि सभी रोगों से आराम दिलाता है। 

 

उपयोग विधि : 

 

आधे चम्मच त्रिफला चूर्ण को पानी के साथ रोजाना सुबह दोपहर और शाम को लें। 

 

आंखों के लिए फायदेमंद 

 

बहुत कम लोग इस बारे में जानते हैं कि त्रिफला चूर्ण आखों के लिए भी फायदेमंद है। यह आंखों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ आंखों को अनेक रोगों से बचाता भी है। 

 

उपयोग विधि : 

 

एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को रात भर के लिए ठंडे पानी में भिगोकर रख दें। अगली सुबह इसे छानकर पानी अलग कर लें और उस पानी से आंखों को अच्छी तरह धोएं। ऐसा करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखों से जुड़े अनेक रोगों से बचाव होता है। 

 

वजन घटाने और मोटापा कम करने में सहायक 

 

अगर आप बढ़ते वजन और मोटापे से परेशान हैं और इससे जल्दी निजात पाना चाहते हैं तो त्रिफला आपके लिए एक कारगर औषधि हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला में ऐसे गुण हैं जो पाचन शक्ति बढ़ाने और वजन घटाने में सहायक है। इसलिए नियमित रूप से त्रिफला चूर्ण का सेवन करें। 

 

उपयोग विधि : 

 

200 एमएल पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर इसे रात भर के लिए रख दें। अगली सुबह इस पानी को तब तक उबालें जब तक यह घटकर आधा ना रह जाए। अब इस बचे मिश्रण को 2 चम्मच शहद के साथ लें। नियमित रूप से इसका सेवन करने पर कुछ ही हफ़्तों में मोटापा कम होने लगता है। 

 

पाचन शक्ति बढ़ाता है 

 

पाचन शक्ति कमजोर होने से कई बीमारियां का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला में ऐसे गुण हैं जो पाचन शक्ति को मजबूत बनाते हैं और पेट संबंधी रोगों का खतरा कम करते हैं। इसलिए अगर आपकी पाचन शक्ति कमजोर है तो चिकित्सक की सलाह लेकर त्रिफला का सेवन शुरू कर दें। 

 

बालों का झड़ना रोकता है 

 

आजकल अधिकांश लोग बाल झड़ने की समस्या से परेशान रहते हैं और रोज बालों को झड़ने से रोकने के नए तरीके आजमाते रहते हैं। लेकिन अगर आप आयुर्वेद की मदद लें तो बाल झड़ने की समस्या से निजात पा सकते हैं। आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार त्रिफला चूर्ण के सेवन से बालों का गिरना काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

 

उपयोग विधि : 

 

2-5 ग्राम त्रिफला चूर्ण को 125 एमएल लौह भस्म में मिलाकर रोजाना सुबह और शाम को सेवन करें। 

 

भूख बढ़ाता है 

 

त्रिफला में आंवला, हरड़ और बहेड़ा होता है और ये तीनों ही फल पेट के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। यही वजह है कि पेट से जुड़ी लगभग सभी समस्याओं के लिए त्रिफला चूर्ण सर्वोतम औषधि मानी जाती है। आयुर्वेद में इसके गुणों का उल्लख करते हुए लिखा गया है कि इसके सेवन से भूख और पाचन शक्ति बढ़ ती है। इसलिए यदि आपको भूख कम लगती है या कमजोर पाचन शक्ति है तो त्रिफला �

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Name- Bharat bhushan raje Birth details- 02/04/1987 Parents information- M.P.Rahi(father) chandrawti devi(mother) Education - M.A(economics) Profession - teaching