डायनोसोर के बारे में कुछ अद्बुत और अनोखे रोचक तथ्य

डायनोसोर के बारे में कुछ अद्बुत और अनोखे रोचक तथ्य...
 

➡ आपके साथ ऐसा जरूर हुआ होगा कि कभी आप अपना Google Chrome Browser खोलें और उसमें आपको एक डायनासोर दिखे। ये तब होता है जब आप Internet से Connect ना हों। इसका मतलब है कि आप “इंटरनेट के बिना, अब आप डायनासोर के युग में रह रहे है”। गजरात के नर्मदा नदी के इलाके से भी डायनासोर का एक अवशेष मिल चुका है जो 7 करोड़ साल पुराना है।

➡ बड़े आकार वाले शाकाहारी डायनासोर हर रोज़ करीब 1 हज़ार किलो तक खाना खा सकते थे जबकि इनके आकार वाले मासाहारी 10 हज़ार किलो तक मास खा सकते थे।

➡  वैज्ञानिकों का मानना है डायनासोरों के अंत का कारण था एक 10 किलोमीटर के दायरे वाला उल्का, जो आज से 6.5 करोड़ साल पहले मैक्सिको के पैनिनसुला से टकराया और पृथ्वी पर भयंकर तबाही मच गई। सारा आकाश कई सालों तक राख से ढका रहा जिसकी वजह से धरती पर से कुत्तों के बड़े आकार के सभी जीवों का खात्मा हो गया। हालांकि इस तबाही में पानी में रहने वाले जीव, जैसे कि शार्क, जेलिफ़िश, मछली, बिच्छू, पक्षी, कीड़े, सांप, कछुआ, छिपकली, और मगरमच्छ जैसे जानवरों की प्रजातियां बच गई।

 

डायनोसोर के बारे में कुछ अद्बुत और अनोखे रोचक तथ्य...
 

 

 

➡  पृथ्वी के जिस काल में डायनासोर रहते थे उसे Mesozoic (middle life) Era कहते हैं। Mesozoic Era के आगे तीन भाग हैं – Triassic(ट्राइएसिक), Jurassic(जुरासिक) and Cretaceous( क्रीटेशियस)।

➡  जिन डायानासोरों के अवशेष हमें मिले हैं, उनका हम DNA टेस्ट नहीं कर सकते क्योंकि DNA केवल 20 लाख साल तक जीवित रह सकता है।

➡  भारतीय जीवाश्म वैज्ञानिकों द्वारा पिछले 57 साल में खोजे गए डायनासोर के जीवाश्म से इस बात की पुष्टि होती है कि भारत में करीब 19 करोड़ साल पहले 20 तरह के डायनासोर पाए जाते थे। यह देश के पश्चिमी भाग से लेकर दक्षिणी हिस्से तक में स्थित थे.

➡  हिंदी में डायनासोरों को भीमसरट कहते हैं जिसका संस्कृत में अर्थ भयानक छिपकली ही होता है।

➡  कुछ डायनासोर की पूंछ 45 मीटर लंबी थी। ये लंबी पूँछ भागते समय बैलेंस बनाने में मदद करती थी।

➡  डायनासोरों का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक को Paleontologist (जीवाश्म विज्ञानी) कहते है।

➡  डायनासोरों की कई प्रजातिआं उड़ने में सक्षम थी, डायनासोरों ने लगभग 15 करोड़ साल पहले उड़ना सीखा।

 

डायनोसोर के बारे में कुछ अद्बुत और अनोखे रोचक तथ्य...
 

 

➡  ऐसा नही है कि डायनासोर बड़े – बड़े जानवर थे, कई मुर्गों जितने छोटे-छोटे डायनासोरों के अवशेष भी मिले हैं जो कीड़े खाते थे।

➡  अब तक मिले सबसे छोटे डायनासोरी अंडे की लंबाई 3 cm और वजन 75 ग्राम है। सबसे बड़ा डायनासोरी अंडा 19 inch की लंबाई का मिला है।

➡  लगभग सभी डायनासोर अंडे देते थे। अब तक 40 प्रकार के अंड़ो के अवशेषों को खोज़ा गया है जो डायनासोरों के थे। डायनासोरों के अंडे एक क्रिकेट बाल से लेकर एक बॉस्केटबाल तक जितने बड़े होते थे।

➡  अब तक मिले जीवाशमों से डायनासोरों की 2468 प्रजातियों के बारे में पता चला है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आज से 6.5 करोड़ साल पहले डायनासोरों की हज़ारों प्रजातियां रही होंगी।

➡  मध्य चीन के कुछ किसान डायनासोरों की हड्डियों से दवाईयां त्यार करते थे क्योंकि उनका मानना था  कि यह ड्रैगनों की हड्डियां हैं।

डायनोसोर के बारे में कुछ अद्बुत और अनोखे रोचक तथ्य...

➡  ‘Dinosour’ शब्द प्राचीन ग्रीक भाषा से आया है जिसका अर्थ है – Terrible Lizard ( भयंकर छिपकली)। डायनासोरों के लिए इस शब्द का इस्तेमाल 1842 से ब्रिटिश जीवाश्म विज्ञानी रिचर्ड ओवेन ने शुरू किया।

➡  ज्यादातर मासाहारी डायनासोरों की हड्डिया खोखली होती थी। इससे उनका वज़न हल्का बना रहता था और वो तेज़ी से भागकर अपना शिकार कर सकते थे।

➡  डायनासोर कई बार पत्थर के टुकड़ों को खा जाते थे।  यह टुकड़े उनके पेट में रहकर भोजन को पीसने में सहायता करते थे।

➡  जो डायनासोर पानी के नज़दीक रहते थे, उनके अवशेष सबसे ज्यादा मिले हैं।

➡  वैज्ञानिकों का मानना है कि डायनासोरों ने धरती पर लगभग 15 करोड़ साल तक राज किया। ये मनुष्यों के इतिहास के कुल समय का महज 0.1% है।

 

डायनोसोर के बारे में कुछ अद्बुत और अनोखे रोचक तथ्य...


➡  ‘जुरैसिक पार्क’ फिल्म में डायनासोरों के चिल्लाने की आवाज़े कछुओं के सेक्स की Recordings से त्यार की गई थी।

 

➡  मध्य भारत में डायनासोर के लगभग 1000 से ज्यादा अलग-अलग प्रकार के अंडों के अवशेष पाए गए हैं। यह दुनियाभर में किसी एक जगह पर पाए गए अंडों के मुकाबले सबसे अधिक हो सकता है।

➡  दक्षिणी अमेरिका के देश बोलीविया में एक चूना पत्थर की चट्टान है जिस पर डायनासोरों के 5 हज़ार से ज्यादा पैरों के निशान हैं। यह लगभग 6 करोड़ 80 लाख साल पुराने बताएं जाते हैं।

➡  अगर पृथ्वी के इतिहास को 24 घंटों में बांट दिया जाए तो सुबह चार बज़े ( 4AM ) पृथ्वी पर जीवन शुरू हुआ था, 10:24 PM पर जमीन पर पेड़ उगने शुरू हुए, 11:41 PM पर डायनासोरों के जीवन की शुरूआत हुई और 11:58:43 PM पर मानव इतिहास शुरू हुआ।

➡  डायनासोरों के कंकाल दुनिया के हर महाद्वीप पर पाए गए हैं, पर यह बात ध्यान रखने लायक है कि उस समय पृथ्वी के सभी महाद्वीप आज के मुकाबले एक दूसरे से कम दूर थे।

➡  अभी तक की रिसर्च से पता चला है कि डायनासोर दहाड़ नही सकते थे, ये सिर्फ मुंह बंद करके घुरघुरा सकते थे।

 

डायनोसोर के बारे में कुछ अद्बुत और अनोखे रोचक तथ्य...

➡  शाकाहारी डायानासोर भारी वज़न के होते थे, जो अपने चार पैरों पर चलते थे। ये बहुत कम समय के लिए ही अपने दोनों पैरों पर संतुलन बना सकते थे।

 

➡  अब तक खोज़े जाने वाले डायनासोर का सबसे बड़ा जीवाश्म 27 मीटर लंबा है जो अमेरिका के व्योमिंग (Wyoming) राज्य से मिला  था।

➡  डायनासोर मासाहारी और शाकाहारी दोनो तरह के थे, ज्यादातर डायनासोर शाकाहारी थे। शाकाहारी डायनासोर ठंडे खून वाले प्राणी थे जबकि मासाहारी गर्म खून वाले।

➡  वैज्ञानिक अभी तक इस विचार पर एकमत नही है कि डायनासोर कितने समय तक जीते थे। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है उनका जीवन काल उनकी प्रजातियों पर निर्भर करता है, कुछ बड़ी प्रजातिआं 200 साल तक जीती थी

Enjoyed this article? Stay informed by joining our newsletter!

Comments

You must be logged in to post a comment.

About Author