चाहे बच्चे हो या जवान हम सभी को कहानियां बहुत पसंद है। बचपन से ही हमें दादा- दादी, नाना -नानी कहानियां सुनाते आ रहे हैं। जब हम बड़े हो जाते हैं तब हम किताबों अखबारों मेगज़ीन में कहानियां पढ़ते हैं ।कहानियां किसी भी उम्र पर निर्भर नहीं रहती। हर किसी को हंसना बहुत अच्छा लगता है और हर कोई अपनी जिंदगी में खुशी जाता है। हर इंसान को हास्य जनक कहानियां बहुत अच्छी लगती है ।
हमारा शरीर अनेक कोशिकाओं से बना हुआ है। जब हम हंसते हैं तब हमारे शरीर की कोशिकाएं अधिक बनते हैं और जिससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। जब हमारे शरीर की कोशिकाएं अधिक बनती है तब हम हमेशा ऊर्जा से भरे रहते हैं। हम जो भी काम करते हैं वह मन लगाकर करते हैं और हमारा काम भी ठीक तरीके से होता है । जिससे हम पर कोई परेशानी भी नहीं आती।
आज मैं आप लोगों को कुछ मजेदार और हास्य जनक कहानियां बताने जा रही हूं जिसके द्वारा आपका पूरा दिन अच्छा जाएगा।
तो चलिए हम आगे बढ़ते हैं:-
1. राम और श्याम की कहानी
एक रामपुर नामक गांव था । उस गांव में अनेक परिवार हंसी खुशी रहते थे । उनमें से एक परिवार रामू का था। रामू के 2 पुत्र थे राम और श्याम। दोनों ही बहुत नटखट और शरारती थी ।वह दिन भर घर से बाहर रहते थे और गांव वालों को परेशान किया करते थे। पूरे गांव को उन दोनों ने उथल-पुथल करके रखा था। सभी गांव वाले उनकी मां के पास उन दोनों की शिकायतें लेकर जाते थे जिसको सुन सुनकर उसकी मां के नाक में दम हो गया था।
एक दिन एक बहुत विद्वान साधु गांव में आया । उसकी मां ने सोचा कि उन दोनों बच्चों को शायद वह साधु टेढ़ा से सीधा कर पाएंगे । इस उम्मीद से उसकी मां ने अपने बच्चों को उस साधु के पास भेजा। वह बच्चे उस साधु के पास जाने से घबरा रहे थे फिर भी उन दोनों ने साहस करके उस साधु के घर के बाहर पहुंचे ।
राम :- श्याम पहले तू अंदर जा, अगर कोई परेशानी होगी तो मैं तुझे जल्दी से आकर बचा लूंगा।
श्याम :- ठीक है भाई।
श्याम अंदर चला जाता है और राम खिड़की से सब कुछ देख रहा होता है।
साधु :- तुम्हारा नाम क्या है ?
श्याम:- मेरा नाम श्याम है।
साधु:- क्या तुम्हें पता है कि "भगवान कहां है"?
श्याम अपनी आंखें गोल गोल करके उस साधु की तरफ एक टक आश्चर्य से देखने लगता है। साधु उससे 4-5 बार प्रश्न को दोहराता है लेकिन श्याम बिल्कुल मौन होकर देखते रहता है । अंतिम में साधू क्रोधित हो जाता है और श्याम वहां से भागकर राम के पास चला आता है।
राम :- क्या हुआ श्याम तुम इतने डरे हुए क्यों हो?
श्याम :-अरे! पता है भाई, कोई भगवान नाम का आदमी गुम हो गया है और मिल नहीं रहा है तो उसका दोष भी हम दोनों पर ही आ रहा है ।हम से ही पूछताछ कर रहे हैं ।अजीब है भाई ये लोग।
राम अभी तक बेहोश पड़ा हुआ है।
2. दो शराबी मित्र की कहानी
एक गांव में दो शराबी मित्र रहते थे । पहला था मोहन और दूसरा का नाम था सोहन । मोहन बहुत शराब पीता था। वह दिन रात शराब में डूबा रहता था सोहन हमेशा उसको समझा था कि शराब पीना छोड़ दें लेकिन मोहन उसकी एक नहीं सुनता। सोहन जब भी उससे मिलता उसको मोहन हमेशा शराब पीते हुए ही मिलता ।
एक दिन सोहन मोहन से कहता है-
सोहन :- भाई चल हम लोग गांव से बाहर किसी शहर में जाते हैं वहां हम दोनों मिलकर कोई काम करेंगे तो दो-चार पैसे आएंगे भी।
लेकिन मोहन उसकी एक नहीं सुनता सोहन शहर चला जाता है ।
सोहन 5 साल बाद एक साइकिल पर सवार होकर गांव लौटता है तो देखता है कि मोहन अभी शराब से चिपका हुआ है ।
फिर 5 साल बाद एक बाइक पर आता है तो देखता है कि मोहन अभी शराब ही पी रहा है वह मोहन को बहुत समझाता है लेकिन मोहन उसके बाद पर सहमत नहीं होता है ।
सोहन फिर 5 साल बाद अपनी कार में अपने ड्राइवर के साथ गांव आया । इस बार उसको मोहन नहीं मिला तो उसने मोहन के पड़ोसी से मोहन के बारे में पूछा उसके पड़ोसी ने उसे बताया कि आगे जाकर दाएं मुड़ कर मोहन एक मैदान में मिलेगा। सोहन उसकी बात सुनकर चला जाता है ।
मोहन अभी शराब ही पी रहा था और मोहन जहां बैठकर शराब पी रहा था वहीं पर एक हेलीकॉप्टर खड़ा था। तब सोहन आश्चर्य से पूछता है कि -
सोहन -अरे मोहन तुम यहां क्या कर रहे हो? और यह हेलीकॉप्टर किसका है?
मोहन:- अरे भाई तुम यहां ,आओ-आओ , यह हेलीकॉप्टर मैंने खरीदा है। 15 सालों में मैंने जितनी शराब पी थी उन सब की खाली बोतल मैंने बेज दिए और उससे एक हेलीकॉप्टर और उसके लैंडिंग के लिए एक मैदान खरीद लिया।
उसकी बात सुनकर सोहन हक्का-बक्का हो गया।
3. एक टीचर की कहानी
तीसरे नंबर पर हम आपको एक टीचर की मजेदार कहानी सुनाते हैं। एक रामपुर नामक गांव में एक स्कूल था। एक दिन एक टीचर क्लास में पढ़ाते पढ़ाते कुर्सी पर बैठा- बैठा ही सो गया। सब बच्चे पढ़ाई छोड़कर खेलकूद में मगन हो गए। जिसके कारण बहुत शोर-शराबा होने लगा।
शोर-शराबे की आवाज हेड मास्टर के ऑफिस तक पहुंच गई। तब हेड मास्टर अपने ऑफिस से उठकर क्लास आया और देखा कि टीचर सो रहा था और बच्चे कागज से हेलीकॉप्टर बनाकर टीचर की नाक पर निशाना लगा रहे थे। टीचर का नाम था रामलाल । हेड मास्टर रामलाल को उठाने का अनेक प्रयास करते हैं लेकिन रामलाल नहीं उठता। अंत में जब हेडमास्टर गुस्से से रामलाल को हिलाकर उठाते हैं तब टीचर उठकर बोलता है कि-
टीचर :- तो देखो बच्चों, कुंभकरण ऐसे ही सोता था अब समझ गए ना।
4. रामू की कहानी
चौथे में हम आपको एक छात्र की कहानी बताते हैं जिसे सुनकर आपका पेट हंस हंस के दर्द देने लगेगा। छात्र का नाम रामू था। वह बहुत बुद्धिमान था । वह हर प्रश्न का उत्तर सबसे पहले देता था जिसे सुनकर टीचर के पास कोई तर्क नहीं होता था।
एक दिन टीचर पूछता है -
टीचर :- अच्छा बच्चों बताओ तो, ऐसा कौन सा पंछी है जो उड़ नहीं पाता है ?
रामू उसी समय खड़े हो जाता है और अपना हाथ उठाकर कहता है कि -
रामू:- मास्टर जी, मरा हुआ पंछी उड़ नहीं पाता है।
अब आपको समझ में आ ही गया होगा कि रामू कितना बुद्धिमान है । अगर आपको पता है कि कौन सा पक्षी उड़ नहीं पाता है तो कमेंट करके जरूर बताएं।
5. संता और बंता की कहानी
एक बार एक गांव में 2 मित्र रहते थे ।वह आपस में बहुत अच्छे मित्र थे। वह हमेशा एक दूसरे की मदद करते थे ।एक समय की बात है वह लोग एक मित्र के बर्थडे पार्टी में जा रहे थे । तभी रास्ते में अचानक बहुत तेज हवाएं बहने लगी और देखते ही देखते बारिश शुरू हो गई तो वह लोग एक दुकानदार की दुकान पर ठहरे।
अचानक से बहुत जोर से बिजली चमकी तब संता बंता से पूछता है कि-
संता:- भाई यह बिजली क्यों चमकती है?
बंता:- अरे भाई, भगवान ऊपर से टॉर्च मारकर देखते हैं कि कहीं सूखा तो नहीं रह गया।
दुकानदार बंताा की बात सुन कर बेहोश हो जाता है।
निष्कर्ष :-
जिंदगी बहुत संघर्ष से भरा है इसलिए जिंदगी के 5 मिनट निकालकर हंसना सीखे और दूसरों को भी हंसाए। हंसने से हमारा दिमाग नकारात्मक विचारों से मुक्त रहता है और जीवन में भी खुशी बरकरार रहती है।
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरा आर्टिकल पसंद आया होगा।
धन्यवाद।
Bhut achhi stories btai aapne 👍
Hello
Good 👍
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