जिम करने के सही तरीके एवम अहम् सवाल जो अक्सर ही पूछे जाते हैं

आज के समय में एक परेशानी हैं जो हर चौथे व्यक्ति में दिखाई दे रही हैं, वो हैं अधिक वजन होना, जिसका सही मायने में एक ही इलाज हैं वो हैं शारीरिक मेहनत | कितने भी नुस्खे अपना ले, कई तरह के प्रयोग कर ले लेकिन सबसे कारगर प्रयोग हैं तो वो हैं एक्सरसाइज़ | यह एक्सरसाइज़ किसी भी रूप में हो सकती हैं या तो सुबह की वाक, योग, प्राणायाम या वेट ट्रेंनिंग | इन में से जो भी आपके लिये सही हैं और जो भी आप नियमित कर सकते हैं उसे अपनाकर ही आप वजन कम करने का अपना सपना पूरा कर सकते हैं |

इस आर्टिकल में आपको gym अर्थात वेट ट्रेनिंग के बारे में कुछ जरुरी बाते बतायेंगे जिन में उन सवालों के जवाब हैं जो अक्सर ही मनुष्य के दिमाग में उठते हैं जब वे किसी भी तरह के वेट लॉस प्रोग्राम का हिस्सा बनाना चाहते हैं |

वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज Gym Tips Weight Training Tips In Hindi

  • सबसे पहले यह निश्चित करें कि आप रोजाना वर्कआउट को दिन में कितना समय दे सकते हैं जो कि 40 मिनिट से कम एवम 1.30 मिनिट से ज्यादा ना हो |
  • जिम आने के 15 मिनिट पहले कुछ खा कर आना अच्छा होता हैं | बहुत ज्यादा नहीं जैसे चाय के साथ बिस्कुट, या फल, जूस आदि | खाली पेट वेट ट्रेनिंग करने से सही एवं एफ्फेक्टिव रिजल्ट नहीं मिलते | अवधारणा हैं कि एक्सरसाइज़ खाली पेट करना चाहिये लेकिन यह नियम योग एवम प्राणायाम के लिए हैं जिम में वर्कआउट के लिए पर्याप्त एनर्जी होना जरुरी हैं | दूसरा खाली पेट जिम करने से एसिडिटी भी हो सकती हैं |
  • वार्म अप : यह बेहद जरुरी हैं लेकिन जरुरत से ज्यादा समय वार्म अप में देना बेवकूफी हैं | वार्म अप के लिये कार्डियो एक बेहतर आप्शन हैं |
  • जिम करते वक्त आपकी पोजीशन सही होना बेहद जरुरी है अधिक से अधिक वजन उठाने से ज्यादा जरुरी शरीर की पोजीशन सही होना जरुरी हैं अन्यथा चोट लग सकती हैं जो पूरा जीवन ख़राब कर सकती हैं |
  • किसी भी एक्सरसाइज़ के दो से तीन सेट जरुर ले और प्रति सेट में अपने सामर्थ्य के हिसाब से वजन बढ़ाकर उठाये | रोटेशन 20 se 25 रखे इसके बाद भी आप बिलकुल आसानी से कर रहे हैं तब नेक्स्ट टाइम वेट बढ़ाकर ले | लड़कियाँ भी वेट बढ़ा कर ले सकती हैं उसमे कोई परेशानी नहीं हैं |
  • वर्कआउट में सभी एक्सरसाइज़ पहले सही तरह से सीखे | कुछ दिनों तक ट्रेनर के साथ रहकर ही वर्कआउट करें |
  • वर्कआउट में प्रति एक्सरसाइज़ के बीच में 1 मिनिट का रेस्ट ले इससे नेक्स्ट एक्सरसाइज़ में आपकी हार्टबीट नार्मल हो जायेगी | इससे एक्सरसाइज़ भी अच्छी तरह से होती हैं |
  • हफ्ते में तीन दिन वेट ट्रेनिंग और तीन दिन कार्डियो बहुत अच्छा माना जाता हैं इससे बॉडी टोंनिंग भी होती हैं और स्टेमिना भी बढ़ता हैं |
  • वेट ट्रेनिंग के दिनों को भी अपर वर्कआउट, लोअर वर्कआउट एवम शोल्डर वर्कआउट में बाँट ले एवं कार्डियो वाले दिनों में एब्स एक्सरसाइज़ जरुर करें | इस तरह से चार्ट बनाकर सिस्टेमेटिक तरीके से वर्कआउट करने से आपका मन भी लगा रहेगा एवम आपको रिजल्ट भी अच्छा मिलेगा |
  • शुरुवात में थोड़ा सा वार्म अप एवम अंत में स्ट्रेचिंग जरुर करें इससे बॉडी में फ्लेक्सिबिलिटी बनी रहेगी | पर इन दोनों में ही आवश्यक्ता से ज्यादा समय खर्च ना करें |
  • वर्कआउट के दौरान पानी के घूंट लेते रहे इससे पानी की कमी नहीं होती और स्फूर्ति बनी रहती हैं |
  • कार्डियो से स्टेमिना बढ़ता हैं इसे भी आवश्यक्ता से ज्यादा ना करें क्यूंकि अधिक दोड़ने से भविष्य में घुटनों में दर्द की परेशानी हो सकती हैं |
  • वर्कआउट करते वक्त ध्यान केन्द्रित करें | इससे एकाग्रता बढती हैं और दुर्घटना से भी बचाव होता हैं |

कुछ अहम् सवाल जो अक्सर ही पूछे जाते हैं :

कितने समय में मेरा कितना वजन कम हो जायेगा ?

 

यह एक बहुत ही स्टुपिड सवाल हैं जिसका जवाब कई बार ट्रेनर को अपने ट्रेनी को खुश करने के लिए देना पड़ता हैं लेकिन वास्तव में इस सवाल का जवाब नहीं दिया जा सकता | यह सब आपकी मेहनत और उससे भी ज्यादा आपके बॉडी टाइप पर निर्भर करता हैं | इसका पूर्वानुमान लगाना भी सही नही होता क्यूंकि ऐसा ना होने पर ट्रेनी डिप्रेशन में भी जा सकता हैं | वेटलॉस एक ऐसा काम हैं जिसके रिजल्ट ना मिलने का मनुष्य में बहुत जल्दी निराशा के भाव आ जाते हैं जो कि बहुत गलत परिणाम देते हैं | वजन कम करने के लिए सकारात्मक सोच का होना बहुत जरुरी हैं |

क्या में एक्सरसाइज़ छोड़ते ही मोटा हो जाऊंगा या हो जाउंगी ?

आप एक बात ध्यान रखे | आपकी बॉडी में कोई चीज बैलेंस नहीं हैं इस कारण ही आप वेट गेन कर रहे हैं या तो कोई हार्मोनल तकलीफ हैं, थायराइट हैं, या मेटाबोलिज्म में कमी जिसके कारण आप मोटे हो रहे हैं ये कमी या अधिकता बॉडी से कभी दूर नहीं होती हैं यह केवल एक्सरसाइज़ से मेंटेन हो सकती हैं जिसे अगर आप छोड़ेंगे तो यह मेंटेनेंस बिगड़ेगा और आप वापस मोटे होने लगेंगे | इसका यह मतलब नहीं हैं कि आप एक्सरसाइज़ ना करें क्यूंकि अगर कोई कमी हैं तो उसे स्वीकार कर उसका इलाज करने में ही समझदारी हैं | नियमित वर्कआउट करने से शरीर स्वस्थ होता हैं इसमें कोई हानि नहीं हैं |

लड़कियाँ भी वेट एक्सरसाइज़ कर सकती |

 

यह एक बिलकुल गलत बात हैं | लड़कियाँ अपने स्टेमिना के हिसाब से सारी वेट एक्सरसाइज कर सकती हैं | कई लोग कहते हैं कि ऐसा करने से लड़कियों के मस्स्ल्स बन जाते हैं और उनकी नाजुकता खत्म हो जाती हैं | यह बिलकुल गलत बात हैं लड़कियों में हैवी मसल्स बने, ऐसे होरमोन ही नहीं होते, जो लड़कियाँ अपने मसल्स डेवलप करती हैं उन्हें इसके लिए मेडिकल हेल्प लेनी पड़ती हैं जिसमे उनकी बॉडी में होरमोन ट्रान्सफर किये जाते हैं | इसलिये यह सोचना कि लडकियाँ हैवी वेट ट्रेनिंग नहीं कर सकती बिलकुल गलत हैं |

वेट लॉस एवम इन्चेस लॉस में अंतर होता हैं :

gym training अथवा वेट ट्रेनिंग का महत्वपूर्ण कार्य इन्चेस कम करना होता हैं जिसमे BMI (Body  Metabolic Index) को कम किया जाता हैं जो भी BMI आपकी हाइट और एज के हिसाब से सही हैं उसे कैलकुलेट किया जाता हैं और उस हिसाब से वेट ट्रेंनिंग ली जाती हैं |

वेट ट्रेनिंग में सामान्यतः बॉडी टोंनिंग होती हैं जिससे शरीर मजबूत होता हैं और गठता हैं और यही कारण हैं कि वेट ट्रेंनिंग में इन्चेस कम होते हैं और वजन या तो समान बना रहता हैं या कभी-कभी बढ़ता भी हैं जो कि निराशाजनक नहीं हैं | इसका मतलब यह नहीं हैं कि आप मोटे हो रहे हो | अगर आपका इंच लॉस हो रहा हैं और वजन में कोई कमी नहीं  आई हैं इसका मतलब हैं आपकी बॉडी मजबूत हो रही हैं, आपकी बॉडी वेट ट्रेनिंग के अनुरूप कार्य कर रही हैं और आपको बेहतर रिजल्ट दे रही हैं |

वेट ट्रेनिंग में नींद फायदेमंद हैं

जब हम मसल्स पर काम करते हैं तो मसल्स थक जाती हैं उसमे एक तरह का दर्द बन जाता हैं जो संकेत देता हैं कि आज के प्रोग्राम में आपने बॉडी के कौन से पार्ट के लिए काम किया | जब हम वर्क आउट करते हैं तब भी हमें बॉडी से एनर्जी लगती हैं और जब हम नींद लेते हैं तब हमारी मसल्स रिलेक्स होती हैं उसकी रिकवरी होती हैं तब भी बॉडी रिलेक्स होने के लिए अपने फेट को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करती हैं इससे फेट लॉस होता हैं इसलिये वेट ट्रेंनिंग करने वालो को भरपूर 7 से 9 घंटे की अच्छी नींद लेना जरुरी हैं जो उनके लिये फायदेमंद साबित होता हैं | ऐसा ना करने पर वजन बढ़ने लगता हैं और शरीर थका हुआ एवम दुर्बल होने लगता हैं |

वेट ट्रेनिंग में प्रोटीन खाना फायदेमंद होता हैं |

वेट ट्रेंनिंग में हम खासतौर पर मसल्स/ मांस पेशी पर काम करते हैं और  मसल्स का मुख्य भोजन प्रोटीन हैं अगर मसल्स को रिकवर होने के लिए प्रोटीन मिलता हैं तो वह सही शेप में अर्थात टोन होती हैं एवं मजबूत भी होती हैं और अगर कार्ब्स मिलता हैं तो बॉडी में फेट जमा होने लगता हैं | इस प्रकार कहा जाता हैं कि प्रोटीन खाने से बॉडी का फेट बर्न अथवा कम होता हैं |

दूसरा कारण हैं कि प्रोटीन धीरे-धीरे पचता हैं और लम्बे समय तक बॉडी को एनेर्जी देता हैं | इन्चेस कम करने लिए प्रोटीन के साथ प्रोटीन खाना फायदेमंद होता हैं अर्थात एक्स्ट्रा प्रोटीन के साथ भोजन में भी प्रोटीन लेने से इनचेस लॉस होता हैं | अगर कोई मोटा होना चाहता हैं तो वह एक्स्ट्रा प्रोटीन के साथ कार्ब्स ले तो जल्दी मोटा हो सकता हैं |

कुछ महत्वपूर्ण एक्सरसाइज़ के नाम

लोअर बॉडी एक्सरसाइज़

 

1 स्क्वेट यह शरीर की बड़ी मसल्स पर काम करती हैं इसलिये इसका असर पुरे शरीर पर पड़ता हैं लेकिन खासतौर पर जन्घो/ थाईज़ के लिए होती हैं |
2 लंजेस यह भी जांघ थाईज़ वर्कआउट हैं
3 लेग एक्सटेंशन थाईज़ उपर मसल्स
4 लेग कर्ल थाईज़
5 लेग प्रेस लोअर बॉडी

 

अपर बॉडी हैण्ड एक्सरसाइज़

 

1 बाइसेप्स हाथो के कोहनी के उपर आगे के हिस्से की मसल्स पर की जाने वाली एक्सरसाइज़
2 ट्राइसेप्स हाथो के कोहनी के उपर पीछे के हिस्से की मसल्स पर की जाने वाली एक्सरसाइज़
3 फोर आर्म कोहनी के निचे के हिस्से पर की जाने वाली एक्सरसाइज़
4 चीन अप अपर बॉडी मशीन एक्सरसाइज़
5 पुश अप्स अपर बॉडी बॉडी वेट एक्सरसाइज़
6 चेयरडिप्स ट्राइसेप्स हैण्ड बॉडी वेट एक्सरसाइज़
7 हैमर हैण्ड एक्सरसाइज़

 

शोल्डर एक्सरसाइज़

 

1 शोल्डर प्रेस
2 डमब्लस फ्रंट रेज
3 वन आर्म
4 डम्बल लेटरल रेज (साइड)
5 अप राईट बारबेल रो

 

 

ऐसी बहुत सी एक्सरसाइज़ हैं जो जिम वेट ट्रेनिंग के दौरान करवाई जाती हैं जिन्हें सही तरह से सीखे एवम करें | अपने ट्रेनर पर विश्वास रखे सवाल करे लेकिन सिखने और जानने की दृष्टि से ट्रेनर की योग्यता को परखने की दृष्टि से नही | सभी ट्रेनर का तरीका अलग होता हैं लेकिन उद्देश्य सभी का एक होता हैं जिसमे उनके ट्रेनी को फायदा हो इसलिए अपने ट्रेनर पर हमेशा भरोसा रखे |

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