जानिए आपकी बढ़ती उम्र को रोकने वाले 5 योगासनों के बारे में

अगर आप भी अपनी बढ़ती उम्र को रोकना चाहते है तो आपका फिट रहना बहुत जरूरी है और अपने आप को फिट रखने के बहुत से तरीके है उन्ही तरीको में से मुख्य है योग आसन ।

 

योग आसन के माध्यम से हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहते है। योग के माध्यम से हम शरीर और मन को संतुलित रख पाते है जो हमारे शरीर को फिट रखने के लिए बहुत जरूरी है।

 

वैसे तो हमे फिट रहने के लिए रोज योगा , व्यायाम करने चाहिए अगर यू कहे की योग जीवन जीने की कला है तो गलत नहीं होगा योग हमे जीवन कैसे जीना है इसके बारे में बतलाता है साथ ही साथ हमे स्वस्थ रखने में मदद करता है ।

 

आइए अब हम बात करते है कुछ मुख्य योगासनों के बारे में 

1. पादहस्तासन

इसमें हाथ आगे झुकते हुए पैरो के पास ले जाए जाते है , अतः इसे पादहस्तासन कहते है।

 

कैसे करे 

1.  दोनों पैर मिलाकर सीधे खड़े हो जाइये, हाथ बगल में जंघाओं से सटे रहेंगे, दृष्टि सामने की ओर ।

2. धीरे से आगे झुकिये, आसानी से जहाँ तक झुक सकते है ।

3. थोड़ा और झुकिये और प्रयत्न करें कि खुली हथेलियों को पैरों के बगल में जमीन पर लगा दें। हाथों की अंगुलियों मिली हुई सामने की ओर रहेंगी।

4. सर को पैरो के घुटना के बीच लगा दीजिए।

5. थोड़ी देर बाद हाथ उठाइये और धीरे से पूर्व स्थिति में खड़े हो जाइए।

 

लाभ

पादहस्तासन से संपूर्ण शरीर में रक्त का प्रवाह तेज होता है। सिर की मांसपेशियों को इसका विशेष लाभ मिलता है। - शरीर में लचीलापन (फ्लैग्जिबिलिटी) लाने में यह आसान विशेषतौर पर लाभकारी है। - थकान दूर करने और एकाग्रता बढ़ाने में लाभकारी है पादहस्तासन।

 

सावधानियां

निचली कमर में चोट (Lower Back Injury) हैमस्ट्रिंग में खिंचाव (Tear In The Hamstrings)साइटिका (Sciatica)

ग्लूकोमा या मोतियाबिंद (Glaucoma)

शुरुआत में पादहस्तासन को योग ट्रेनर की देखरेख में ही करें। 

 

2. धनुरासन

 पेट के बल भूमि पर पैर फैला कर लेट जाए तथा दोनो पैरों को दोनो हाथो से पकड़े तथा अपने शरीर को धनुष का आकार देते हुए मोड़ने से धनुरासन होता है।

 

कैसे करें

1.पेट के बल लेट जाइये, पैर सीधे मिले हुए, हाथ बगल में जंघाओं के पास सीधे रखे रहेंगे, हथेलिया आकाश की ओर ठोड़ी जमीन पर लगी रहेगी ।

2.पांव मोड़कर जंघाओं के पास लायें। एड़ी के ऊपर टखना हाथों के पंजों से लपेटते हुए पकड़िये। अंगूठे न पकड़ें ।

3.धीरे से पकड़े हुए पैरों को पीछे ले जाइये जैसे वे आपके हाथो से छूट जाना चाहते हों, जोर लाइये पर छोड़िये नहीं । जांघें उठाइये, सिर छाती भी उठाइये व धनुष का आकार बनाइये ।

4.वापस आते समय छाती व जांघें झुकाइये, पांव छोड़ दीजिए तथा पूर्वस्थिति में आ जाइये ।

 

लाभ

इस योगासन के नियमित अभ्यास से पेट से जुड़ी कई समस्याएं दूर हो सकती हैं। इनमें एसिडिटी, गैस, खट्टी डकार और सामान्य पेट दर्द जैसी समस्याएं शामिल हैं। हालांकि जिन लोगों को पेट में अल्सर की शिकायत है, उन्हें यह योगासन नहीं करना चाहिए। धनुरासन का अभ्यास रीड़ की हड्डी मजबूत और लचीली बनाता है।

 

सावधानियां

अगर आपने हालही में पेट या गर्दन का ऑपरेशन करवाया है तो धनुरासन न करे। 

गर्भावस्था के दौरान धनुरासन नहीं करना चाहिए। 

यदि पीठ या पेट में चोट लगी है, तो धनुरासन करने से बचे। 

 

3. वृक्षासन

वृक्षासन दो शब्द मिलकर बना है ’वृक्ष’ का अर्थ पेड़ होता है और आसन योग मुद्रा की और दर्शाता है।  

 

कैसे करें

1.आप सबसे पहले सीधे खड़े हों जाएं या ताड़ासन में आ जाएं।

2.पैरों के बीच की जगह को कम करें और हाथों को सीधा रखें।

3.दायां पैर उठाएं और दाएं हाथ से टखना पकड़ लें।

4.दाईं एड़ी को दोनों हाथों की सहायता से बाईं जांघ के ऊपरी भाग यानी जोड़ पर रखें।

5.पंजों की दिशा नीचे की ओर हो और दाएं पांव के तलवे से जांघ को दबाएं।

.ध्यान रहे मुड़े हुए पांव को दूसरे पांव के साथ समकोण बनाए।

7.अब हथेंलियों और अंगुलियों को प्रार्थना की मुद्रा में जोड़ें, ऊपर उठाएं और छाती पर रखें फिर धीरे-धीरे उन्हेंं उठाकर सिर से ऊपर ले जाएं।

8.आपके दोनों हाथ सिर से सटे होनी चाहिए।

9.कुछ समय तक शरीर का संतुलन बनाए रखें और इस अवस्था अपने हिसाब से धारण किये हुए रहे।

10.अब हाथ नीचे ले जाएं और मूल अवस्थाे में लौट आएं।

फिर इसी प्रक्रिया को दूसरे तरफ से करें।

11.यह एक चक्र हुआ।

12.इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।

 

लाभ

मानसिक एकागरता के लिए बहुत उपयोगी है।

शरीर मे लचक बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा है।

पांवों की मांस-पेशियों को मजबूत करता है।

रीढ़ व पेट को स्वस्थ रखता है।

 

सावधानियां

वृक्षासन उनको नहीं करनी चाहिए जिनके घुटनों में बहुत ज़्यदा  दर्द है।

अधिक एड़ियों के दर्द होने पर इस आसन का अभ्यास नहीं करनी चाहिए।

 

4. भुजंगासन

भुजंगासन एक ऐसा योगासन है, जो दो शब्दों को मिलाकर बना है। एक भुजंग अर्थात सांप और दूसरा आसन। अंग्रेजी में भुजंगासन को कोबरा पोज कहा जाता है

 

कैसे करे

1. पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अपनी दोनों हथेलियों को जांघों के पास जमीन की तरफ करके रखें। ध्यान रखें कि आपके टखने एक-दूसरे को छूते रहें। 

2. इसके बाद अपने दोनों हाथों को कंधे के बराबर लेकर आएं और दोनों हथेलियों को फर्श की तरफ करें। 

3. अब अपने शरीर का वजन अपनी हथेलियों पर डालें, सांस भीतर खींचें और अपने सिर को उठाकर पीठ की तरफ खींचें। ध्यान दें कि इस वक्त तक आपकी कुहनी मुड़ी हुई है। 

4. इसके बाद अपने सिर को पीछे की तरफ खीचें और साथ ही अपनी छाती को भी आगे की तरफ निकालें। सिर को सांप के फन की तरह खींचकर रखें। लेकिन ध्यान दें कि आपके कंधे कान से दूर रहें और कंधे मजबूत बने रहें।  

5. इसके बाद अपने हिप्स, जांघों और पैरों से फर्श की तरफ दबाव बढ़ाएं। 

6. शरीर को इस स्थिति में करीब 15 से 30 सेकेंड तक रखें और सांस की गति सामान्य बनाए रखें। ऐसा महसूस करें कि आपका पेट फर्श की तरफ दब रहा है। लगातार अभ्यास के बाद आप इस आसन को 2 मिनट तक भी कर सकते हैं। 

7. इस मुद्रा को छोड़ने के लिए, धीरे-धीरे अपने हाथों को वापस साइड पर लेकर आएं। अपने सिर को फर्श पर विश्राम दें। अपने हाथों को सिर के नीचे रखें। बाद में धीरे से अपने सिर को एक तरफ मोड़ लें और धीमी गति से दो मिनट तक सांस लें।

 

लाभ

इस आसन को करने से शरीर सुंदर तथा कान्तिमय बनता है।भुजंगासन बेडौल कमर को पतली तथा सुडौल व आकर्षक बनाता है।

 

सावधानियां

गर्भावस्था के दौरान।माहवारी के दौरान।कार्पल टनल सिंड्रोम के दौरान (इसमें हाथ-बांह में दर्द, इनका सुन्न पड़ना या इनमें झुनझुनी होती है)।जोड़ों के दर्द।कलाइयों या पसलियों में फ्रैक्चर की स्थिति में नहीं करना चाहिए।

 

5. वीरभद्रासन — जिसको वॉरईयर पोज़ (Warrior Pose) के नाम से भी जाना जाता है।

 

कैसे करें

1.वीरभद्रासन करने के लिए किसी स्वच्छ वातावरण में सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाएं।

2.दाएं पैर को 3 से 4 फीट आगे की ओर करें।

3.गर्दन, पीठ, हाथों और घुटनों को सीधा करें।

4.ध्यान केंद्रित करते हुए सांस को सामान्य रूप से लेते और छोड़ते रहे।

5.अब अपने दाएं पैर के घुटने को 90 डिग्री मोड़े और बाएं घुटने को सीधा रखें।

6.हाथों को बगल से सीधा ऊपर की ओर उठाएं और दोनों हाथों को ऊपर मिला कर नमस्कार करें।

7.अपने गर्दन को सामने की तरफ सीधा करें या ऊपर आसमान की तरह भी कर सकते हैं। 

8.शरीर को स्थिर रखें और सांस को लेते और छोड़ते रहे।

9.कुछ समय स्थिर रहने के बाद धीरे-धीरे पहले हाथों को और फिर पैरों को पुनः सावधान की मुद्रा में आ जाएं।

10.इस आसन को बाएं पैर से दोहराएं।

 

लाभ

इस आसन के अभ्यास से शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाने में मदद करता है।रीड की हड्डी को मजबूत तथा लचीला बनाता है।मोटापा को कम करने में यह आसन लाभकारी है।

 

सावधानियां

यदि पैरों में किसी प्रकार का गंभीर दर्द या चोट की समस्या में यह आसन नहीं करना चाहिए।

घुटनों में किसी प्रकार की परेशानी या गम्भीर दर्द है तो यह आसन ना करें।

इस आसन को चक्कर आने की समस्या में नहीं किया जाना चाहिए।

 

इस प्रकार हमने कुछ योग आसनों की बात की । योग आसनों को करते हुए कुछ बातों का भी ध्यान रखना चाहिए जिसके बारे में भी हमने चर्चा की । और सबसे महत्वपूर्ण बात योग आसनों के सही लाभ प्राप्त करने के लिए आप इनका अभ्यास योग ट्रेनर के निरीक्षण में करे। यदि आपको योग आसनों से संबंधित कोई और जानकारी चाहिए तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट कर सकते है । मैं भी  योग विषय की एक छात्रा हूं तो योगा के बारे में जो जानकारी मुझे प्राप्त थी वो आपके साथ सांझा की।

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