क्या प्यार में शर्ते जरुरी है ?

हम जानते है की जब एक इंसान खुशहाल जीवन के बारे में सोचता है तो बिना प्यार और लगाव के इसकी कल्पना करना उतना ही मुश्किल है जितना की अंधरे में चलना, हम सभी बहुत तरह के बंधनो से बंधे हुए है, पर उम्र के एक पड़ाव पे हमे एक ऐसे साथी की तलाश होती है जो हमारा साथ हमारी आखिरी सांस के ख़तम होने तक दे तो  विषय है अनकंडीशनल लव मतलब प्यार बिना किसी शर्तो के | 

 

 1.क्या नया शहर विशाल को रास आएगा ?

 

विशाल का आज पहला दिन था वो आज ही अपने गाँव कानपुर से दिल्ली काम करने के लिए आया था, विशाल बिलकुल नया था शहर में वो अपने एक दोस्त के यहाँ कुछ 

दिनों के लिए रुक गया जब तक की उसे कही काम नहीं मिल जाता, अगले दिन विशाल इंटरव्यू के लिए गया क्यों की विशाल ने ग्रेजुएशन कर रखी थी तो उसको इंटरव्यू के लिए तुरंत कॉल आ जाता है, पर विशाल को इंटरव्यू में रिजेक्ट कर दिया जाता है क्यों की वह इंग्लिश में बोल नहीं पता है, विशाल ने अपनी पढाई हिंदी मीडियम से की होती है इसलिए वह ठीक तरह से न बोल पाने के कारन रिजेक्ट कर दिया जाता है, दिन बीतते है और महीने विशाल को नौकरी नहीं मिलती है,और वह उम्मीद छोड़ देता है| 

 

 2.क्या ये पहले प्यार के आने की आहात हैं ?

 

विशाल को नौकरी नहीं मिलती है और  फिर वो हार मानकर एक रेस्ट्रोरेंट में जॉब करने लगता है उसकी सैलरी उतनी नहीं होती पर उसका गुजरा हो जाता है इतने बड़े शहर में फिर वो छोटा सा कमरा किराये पर ले लेता है, विशाल का दिन अब ठीक ठाक कटने लगता है, एक दिन विशाल अपने छत पर खड़ा होता हैं उस दिन उसकी छुट्टी होती है तभी ठीक सामने जहां एक आलीशान फ्लैट होता है वहां एक लड़की खरी होकर निचे एक कुत्ते के छोटे बच्चे को देख रही होती हैं विशाल उसे एक टक देखता ही रह जाता विशाल 24 साल का होता है और इस उम्र में ये सब नेचुरल होता है पर विशाल को अंदाज़ा ही नहीं होता की ये प्यार के तूफ़ान से पहले की ख़ामोशी होती है, अगले दिन विशाल जिस रेस्टोरेंट में काम करता है वह उसी में अपनी कुछ फ्रेंड्स के साथ आती है क्योंकि उसका कॉलेज उस रेस्टोरेंट के सामने होता है, विशाल जब उसके टेबल पर ऑडर लेने जाता तो वह उसी को देख रहा होता है, ऑडर तैयार होने के बाद जब विशाल ऑडर लेके जाता है तो गलती से उसका पैर फिसल जाता है और हरी चटनी उसकी एक फ्रेंड की ड्रेस पर गिर जाती है, बस क्या था वह उस पर बरस परती हैं उसे बहुत भला बुरा कहती है और वह माफ़ी मांग कर सर झुका लेता है इस गलती पर मैनेजर भी आ जाता है और उसे डाँट कर अंदर भेज देता है और उसका एक दिन का पैसा भी काट लेता है| 

 

3.क्या विशाल कभी कुछ कह पायेगा ?

 

आज विशाल घर आने के बाद खाना खा कर छत पर टहलने के लिए गया, वह सामने की तरफ ही देख रहा था तभी अचानक ही वही लड़की सामने आ जाती है, विशाल तुरंत ही अपना मुँह फेर लेता है, उस दिन के रेस्टोरेंट

वाली घटना के बाद उसकी हिम्मत नहीं हुई सामने से उसे देखने की और वह तुरन्त निचे कमरे में चला गया, अगले दिन विशाल रोज की तरह काम पे गया वह अपने काम में वयस्त था और वह उस लड़की के बारे में ही सोच रहा था तभी उसकी नज़र उसी लड़की पर परती है, आज वो अकेले थी और कोने वाली टेबल पर बैठी थी सायद उसने कोई ऑडर दिया नहीं था, विशाल हिम्मत करके ऑडर लेने चला जाता हैं, आज वह थोड़ी दुखी सी लग रही थी उसे सिर्फ एक कॉफ़ी मांगी विशाल ऑडर ले के आ गया पर वह यही सोच रहा था की वह दुखी क्यों थीं, फिर कुछ देर बाद जब वह कॉफ़ी लेके जाता है तो वह जा चुकी होती है और उसका आई डी   कार्ड वही पारा होता है उस पर उसका नाम लिखा होता है कल्पना उम्र  21 साल और कॉलेज का नाम आदि लिखा होता हैं वह तुरंत भागते हुए जाता हैं वह थोड़ी आगे रिक्शा को हाथ देकर रोकने की कोशिश कर रही होती है, विशाल उसके पास जाता उसका मुँह दूसरी तरफ होता है वो कहता है सुनिये वो आपका कॉलेज आई डी  कार्ड रह गया था वह उसके हाथ से कार्ड ले लेती है फिर वह  पूछता है आप ने कॉफ़ी का ऑडर दिया था वो कहती है सॉरी वो थोड़ा काम आ गया था  ये आप पैसे रख लो पर विशाल पैसे नहीं लेता वह कहती रख लो नहीं तो आप के पैसे न काट जाए वो कहता है कोई बात नहीं आप अगली बार आये तो दे देना और वो चली जाती हैं | 

 

 

4.क्या दोनों का प्यार इज़हारे मोहब्बत तक पहुंच पायेगा ?

 

विशाल आज रेस्टोरेंट से लौटते वक्त थोड़ा खाना ले लेता है आज उसको काफी लेट हो गया था तो उसने सोचा की घर जा कर सीधा खाना खा कर सो जाएगा, जब वह अपने घर के नजदीक पहुँचता है तो वही छोटे छोटे कुत्ते के बच्चे उसके पास आने लगता है सायद उन्हें भूख लगी थी विशाल रुक गया फिर उसने थाली से आधा खाना निकल कर वही रख देता है, सभी कुत्ते के बच्चे बड़े प्यार से खाने लगते है, वह उन्हें देख रहा होता है खाते  हुए और हल्का हल्का मुस्कुरा रहा होता हैं, फिर वह एक बच्चे को गोद में लेकर उसे सहलाने लगता है, कुछ देर बाद उसकी नज़र ऊपर की तरफ जाती है तो वह देखता है कल्पना वहां खरी थी और उसे देख रही थी  वह तुरंत सर निचे कर लेता है और छोटे पप्पी को निचे रख कर अपने बिल्डिंग में चला जाता हैं, कल्पना को ये सब देखकर उसके लिए हमदर्दी होने लगती है, उस दिन उसकी सहेलियों ने उसे बहुत भला बुरा कहा था यही सब सोचते हुए वह अंदर चली जाती हैं, अगले दिन जब कल्पना अपने कॉलेज के लिए जा रही होती है तो विशाल उसके आगे होता है तभी एक रिक्शा वाला चढ़ाई पर रिक्शा को बहुत मुश्किल से खीच पा रहा होता है उसके रिक्शे पर काफी सामान होता है ;यह देख कर विशाल रिक्शे को पीछे से धक्का देने लगता है और ऊपर तक पंहुचा देता है रिक्शे वाला बुजुर्ग होता है वह कहता बेटा भगमान तुम्हारा भला करे विशाल बस मुस्कुरा देता है, कल्पना ये सब देख रही होती है फिर वह अपने रेस्टोरें की तरफ चला जाता है, आज कॉलेज के बाद कल्पना कॉफ़ी  पीने जाती है वह सोचती है ऑडर लेने विशाल आएगा पर कोई दूसरा लड़का आता है,तो वह उसे ऑडर दे देती है पर वह विशाल के बारे में ही सोच रही होती हैं कॉफ़ी पी कर वह जब बहार जाती है तो गली के अंदर किचन का हिस्सा दिख रहा होता है वहा पर एक खिड़की होती है, वहा एक 8 साल का छोटा लड़का खड़ा होता है उसके कपड़े मैले कुचैले होते है, विशाल खिड़की पर ही खरा होता है, विशाल अंदर जाता है और एक बर्गर पैक कर के उसे दे देता हैं, बच्चा पैकेट ले के बहुत खुश हो जाता है और भाग कर गली के अंदर चला जाता है विशाल मुस्कुरा रहा होता है फिर वह अंदर चला विशाल की नज़र कल्पना पर नहीं पड़ती, कल्पना यह देख कर मुस्कुरा रही होती है फिर वह घर चली जाती हैं, विशाल कुछ कह तो नहीं सकता था और न ही वह कहना चाहता था कल्पना एक आमिर घर की लड़की थी और विशाल गरीब परिवार से पर विशाल दिल ही दिल में कल्पना को चाहने लगा था पर जब भी वह कल्पना के सामने से गुजरता तो अपना मुँह नीचे कर लेता था छत पर भी वह उसे देखते ही मुँह घुमा लेता था कल्पना उसे से बात करना चाहती थी पर कर नहीं पाती थी | 

 

 

5.क्या विशाल आज भी चुप रह जाएगा ?

 

विशाल कल्पना से मोहब्बत करने लगा था छुप छुप के अपने कमरे की खिड़की से उसे देखा करता था पर उसको ये भी पता था की उसका ये प्यार मुक़म्मल नहीं हो पायेगा पर कल्पना चाहती थी की विशाल उस से बात करे कई महीने यु ही बीत गए, आज विशाल रोज की तरह खिड़की पर खरा था पर वह आज बालकनी में नहीं आयी तो विशाल फिर थोड़ी देर रुक के सोने चला गया कुछ दिनों से वह कॉलेज नहीं आ रही थीं और कई दिन हो गए वह बालकनी में भी नहीं आयी थी तो विशाल को कुछ अच्छा नहीं लग रहा तो वह रात को देर तक खिड़की से बालकनी की तरफ देखता रहा पर वह नहीं आयी, सुबह जब विशाल अपने काम पर जा रहा था तो उसने सिक्योरिटी गॉर्ड से पूछा भइया ये जो फॅमिली जो चौथे माले पे थे कही गए हुए हैं तो उसने बताया की वो लोग तो हॉस्पिटल में है उनकी लड़की का एक्सीडेंट हो गया है, ये सुनकर विशाल चुप हो गया और चुपचाप ही वह से चला गया, जब वह रेस्टोरेंट में काम कर रहा था तो कल्पना की सहेलियां आती है तो विशाल उनको बाते करते सुन लेता है, वो बात कर रहीं होती है की कल्पना की हालत खराब है एक्सीडेंट के कारन उसके शरीर से ब्लड काफी मात्रा में निकल गया था और कल्पना का ब्लड ग्रुप अलग होने के कारन ब्लड मिलने में काफी दिक्कत हो रही है उसके परिवार वाले भी ब्लड दे नहीं पा रहे है    और हमारा ब्लड ग्रुप भी अलग है ये सब सुनकर विशाल की आँखों में आंसू आ जाते हैं, बातो के दौरान वह हॉस्पिटल का नाम सुन लेता है और  काम ख़तम होने के बाद वह रेस्टोरेंट से सीधा हॉस्पिटल चला जाता है, रिसेप्शन पर वह बोलता है की उसे ब्लड डोनेट करना है क्योंकि विशाल का ब्लड ग्रुप भी वही होता है जो कल्पना का होता है, उस वक्त कल्पना के पेरेंट्स वह नहीं होते वह थोड़ी देर के लिए घर गए हुए होते हैं

 रेसप्शन पे खड़ी महिला के पूछने पर वह बोल देता है की वह उसका दोस्त है, उसके बाद उसका चेक-अप करने के बाद उसका खून ले लिया जाता है और कहा जाता है की आपको खून देने दुबारा भी आना पड़ेगा विशाल हां में सर हिला देता है, दो हफ्ते बाद विशाल दोबारा खून देने जाता है, एक महीना बीत जाता है अब कल्पना भी लगभग ठीक हो चुकी होती है उसे डिस्चार्ज कर रहे होते है, कल्पना के माता पीता डॉक्टर का शुक्रियादा करते है तो डॉक्टर उन्हें बताता है की कल्पना का कोई दोस्त था जिसने अगर वक्त पर खून नहीं दिया होता तो शायद कल्पना को बचाना मुश्किल होता तो कल्पना को लगता है की शायद उसकी कोई फ्रेंड ने ख़ून दिया है जब वह रिसेप्शन से गुजर रही होती है तो रेसप्शन पे खरी महिला पूछती है सुनिए वो आपके दोस्त विशाल जिन्होंने दो बार आपके लिए खून दिया था उन्हें किसी तरह की कोई कमजोरी तो नहीं है पर कल्पना को तो पता ही नहीं था की विशाल कौन है क्योंकि अभी तक उसे उसका नाम ही नहीं पता था जिसे कल्पना भी रोज बालकनी से देखा करती थी वो भी उसे चाहने लगी थी पर कभी उसकी हिम्मत नहीं हुई विशाल से कुछ कहने की या उसका नाम तक पूछने की अब वह यही सोच रही थी की ये विशाल कौन है  फिर वह घर चली जाती है घर जाने के बाद वो यही सोचती रहती है की विशाल कौन है,दो हफ्ते बाद कल्पना फिर से कॉलेज जाने लगती है आज वह अपनी फ्रेंड के साथ रेस्टोरेंट में जाती है विशाल किचन में होता है और दूसरे लड़के अभी तक आये नहीं होते तो मैनेजर काउंटर से आवाज़ लगता है विशाल मैडम का आर्डर लो ये सुनकर वह थोड़ी देर के लिए उसे देखने लगती है पर वह अभी भी समझ नहीं पाती क्योंकि विशाल नाम के तो बहुत है पर उसी वक़्त मैनेजर सैलरी का भी हिसाब देख रहा होता है आवर विशाल से कहता है की तुमने इस महीने में एक दिन जल्दी गए हो और एक दिन तुम आये नहीं थे पर तुमने कहा था की तुम्हे किसी अपने को खून देने जाना था तो मै पैसे नहीं काट रहा हु ये सैलरी है जाते वक्त मुझसे ले लेना विशाल ऑडर लेके किचन में चला जाता है, कल्पना को अब लगने लगता है की वो विशाल यही विशाल है अब वह आखरी तसल्ली के लिए हॉस्पिटल चली जाती है और जब रजिस्टर में एड्रेस देखती है तो उसे पता चल जाता है की विशाल वही है और वह दौरी दौरी रेस्टोरेंट जाती है मगर विशाल वहा से जा चूका होता है फिर वह उसके कमरे पर चली जाती है दरवाज़ा बंद होता है, वह दरवाज़ा खटखटाती तो विशाल दरवाज़ा खोलता है अब वह अपने आप को नहीं रोक पाती कुछ देर देखने के बाद वह उसे से लिपट जाती है और रोने लगती है इस वक्त विशाल की आँखों में भी आंसू होता हैं, कल्पना उस से बोलती है की तुमने आज तक कुछ नहीं कहाँ  क्यों पर आज तुम्हे बताना पड़ेगा और आज विशाल अपने प्यार का इज़हार कर देता हैं | 

प्यार में जब शर्ते नहीं होती तो इसका मज़ा ही कुछ और होता है, आज के ज़माने में ऐसा देखने को तो नहीं मिलता पर इसकी कामना सब करते हैं | 

 

 

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