क्या आप जानते है सड़को पर बनी अलग अलग लाइनों का मतलब ? और उनके पीछे का राज ?
सड़क सुरक्षा भारत में एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है। हमारे देश में ज्यादातर लोग ट्रैफिक के नियमो को इतनी गंभीरतापूर्वक नहीं लेते, क्योंकि कोई भी इन्हे अपनी जिमेदारी नहीं समझता। सड़क नियमो में से कुछ बहुत जरूरी नियम जिन्हे हमें ड्राइव करते समय पालन करना होता है जैसे के अलग अलग ट्रैफिक साइन और सड़क पे बनी हुई लाइनें।
तो आइए जानते सड़क पे बनी लाइनों के बारे में जिनमे से कुछ सफेद और कुछ पीली होती है और साथ ही साथ इनकी डिजाईन भी अलग अलग तरह की होती है। हम सड़क पर ड्राइव करते समय अलग अलग तरह की लाइन्स देखते है| एन लाइनों का मतलब अलग अलग होता है, जो की सड़क परिवहन के नियमो के हिसाब से होता है | क्या आपको एन लाइनों का मतलब पता है ? जयादातर लोग नहीं जानते होंगे |
जैसे के,
सीधी सफ़ेद लाइन (वाइट लाइन ओन रोड)
यह लाइने सीधी सफ़ेद रंग की होती है बिना किसी समान्तर टुकडो के | इनका मतलब होता है की आप जिस लेन(lane) में गाड़ी चला रहे है आपको उसी लेन में चलते रहना बिना किसी लेन को बदले | यहाँ पर आप बाजु वाली लेन में गाड़ी नहीं चला सकते, वर्ना एक्सीडेंट होने की संभावना बढ़ जाती है |
ब्रोकन वाइट लाइन (टुकडो में सफ़ेद लाइन )
इस तरह की लाइने सड़क के बिच समान्तर टुकडो में एकसमान अंतर पे बनी होती है और उनके बिच में गैप होती है | इनका मतलब यह होता है की लेन बदल सकते है लेकिन बदलते समय सावधानी रखना आवशयक है | लेन बदलते समय पीछे चल रही गाडियों को परेशानी न हो इसलिए आप टर्न इंडिकेटर सिग्नल दिखाकर जिस दिशा में गाड़ी को ले जाना चाहते है उस दिशा में लेन बदल सकते है |
सीधी पिली लाइन (सॉलिड येलो लाइन )
आपको कही न कही यह लाइन देखने मिली होगी, इसका मतलब है की आप अगर ओवरटेक करना चाहते है तो कर सकते है लेकिन पिली लाइन को पर किये बिना | आप लाइन के उस परा नहीं जा सकते | हलाकि यह नियम का मतलब राज्यों के हिसाब से अलग अलग होता है | जैसे तेलंगाना में इसका मतलब है की आप लाइन के अन्दर के वाहनों को ओवरटेक(overtake) नहीं कर सकते |
दो सीधी पिली लाइन (two straight yellow lines)
अक्सर सड़को पर दो सीधी पिली लाइने बनी होती है | इनका मतलब होता है की आप लेन बदल(lane change) नहीं सकते और एक ही लेन में चले |
ब्रोकन यल्लो लाइन ( टूटी पिली लाइन )
अगर सड़क पर पिली लाइन टुकडो में यानि की बिच बिच में समान्तर गैप के साथ दिखे तो इसका मतलब है की आप एक लेन से दूसरी लेन बदल सकते है, लेकिन सावधानी से | यानि की लेन बदलते समय पीछे से आ रहे वाहनों का ध्यान रखना होगा |
टुकडो में पिली लाइन के साथ सीधी पिली लाइन( ब्रोकन लाइन विथ स्ट्रैट येलो लाइन)
कई सड़को पर दो तरह की पिली लाइने साथ बनी होती है | जैसे की सीधी पिली लाइन के साथ टुकडो में पिली लाइन | इसका मतलब होता है की अगर आप टूटी पिली लाइन की ओर से ड्राइव कर रहे है तो आप ओवरटेक(overtake) कर सकते है लेकिन अगर आप सीधी पिली लाइन की ओर ड्राइव कर रहे है तो आप ओवरटेक नहीं कर सकते |
स्टॉप लाइन(stop line)
हमने रास्ते में इस तरह की लाइन्स तो देखी ही होंगी । इस तरह की लाइन अक्सर जहा पे रोड पूरा होता है, चार रास्ते होते है और ट्रैफिक सिग्नल लाइट्स होती है वहा पर बनी होती है । इन लाइनों के कुछ दूर zebra crossing बना होता है । इस तरह की लाइनों को स्टॉप लाइन कहा जाता है ।
जब कभी भी आप ड्राइव कर रहे हों और रास्ते पे रेड सिग्नल लाइट चालू हो तो आपको अपने वाहन को इस स्टॉप लाइन से पहले रोकना होता है बिना इस लाइन को क्रॉस किए । इस लाइन को क्रॉस करना एक गुना बन जाता है ।
ज़ेबरा क्रोस्सिंग(zebra crossing)
सड़क पर रंगी गई काली और सफेद रेखाओं को ज़ेबरा-क्रॉसिंग या पैदल यात्री क्रॉसिंग कहा जाता है। यह वह जगह है जहां से पैदल यात्री सड़क को पार करते है । आप जब भी ड्राइव कर रहे हो, सावधान रहें और जब भी आवश्यक हो ऐसे पैदल यात्री क्रॉसिंग से पहले अपने वाहन को रोकें।
दो सीधी सफ़ेद लाइन(two solid white line)
इस तरह की दो सीधी सफेद लाइन्स एक दूसरे के समांतर में बनी होती है । इनका मतलब यह होता है की ड्राइवर इन लाइनों को पार करके अपनी लेन बदल नहीं सकता और ड्राइवर ओवरटेक को ओवरटेक करने की इजाजत भी नही होती ।
रोड के साइड में सीधी पिली लाइन(yellow straight line on side of road)
इस तरह की सीधी पीली लाइन कभी कभी सड़क के किनारे अक्सर बनी होती है । इसका मतलब यह होता है की किसी भी प्रकार के वाहन को रोड के साइड में वाहन को पार्क करने की इजाजत नहीं है ।
सीधी सफ़ेद लाइन का टूटी सफ़ेद लाइन में तब्दील होना (Straight white line converting into broken white line)
कई बार सड़को पे इस तरह की लाइन बनी होती है । जिसकी शुरुवात सीधी सफेद लाइन से होती है लेकिन आगे जाकर यह लाइन टूटी सफेद लाइन में तब्दील हो जाती है । इसका मतलब यह होता है की जब तक सीधी सफेद लाइन पूरी न हो जाए तब तक ड्राइवर लेन बदल नहीं सकता । आगे जब टूटी लाइन दिखने लगे तब ड्राइवर लेन बदल सकता है ।
ड्राईवर के हाथो के सिग्नल(Driver hand signals)
हालाँकि आज के सभी वाहनों में दिशा दिखाने के लिए इनबिल्ट संकेतक होते हैं, फिर भी कई ड्राइवर, विशेष रूप से ट्रक चालक, अन्य सड़क के वहान्चालाको को संकेत देने के लिए अपने हाथों का उपयोग करते हैं। अपने हाथ के संकेतों का उपयोग करके आप अन्य ड्राइवरों और सड़क उपयोगकर्ताओं को अपने इरादों के बारे में अधिक अच्छे ढंग से बता सकते हैं जैसे धीमा करना, मुड़ना और ओवरटेक करने की अनुमति देना। इस प्रकार इन संकेतों को सीखना सहायक होता है। जो कुछ इस प्रकार है |
1) 1) बाई ओर मुड़ने हेतु(left turn)
अगर ड्राईवर को दाई ओर मुड़ना होता है तो व् दाई ओर मुड़ने के लिए सिग्नल देता है जिससे पिली लाइट फ़्लैश करती है | मगर बाई ओर मुड़ना हो तो ड्राईवर बाई लाइट चालू करके सिग्नल भी देता है और अपने दाए हाथ को खिड़की से बहार निकालकर उसे गोल गोल घुमाता भी है जिससे पीछे वाले वाहन को परेशानी न हो और सिग्नल का भी पता लग जाये |
2) दाई ओर मुड़ने हेतु(right turn)
अगर ड्राईवर को दाई ओर वाहन को मुड़ना होता है तो वो अपने दाई हाथ से दाई ओर इशारा करते हुए मुड़ता है |
3) वाहन को रुकाने हेतु(to stop vehicle)
अगर ड्राईवर को वाहन को कही पे रुकना हो तो वो अपने हाथ को खिड़की से बहार निकलकर आकाश की दिशा में हाथ को सीधा दिखाकर संकेत देता है |
4) वाहन की गति को कम करने हेतु(to reduce vehicle speed)
अगर वाहन की गति ज्यादा हो और ड्राईवर को गति कम करनी हो तो वह अपने हाथ को बहर निकलकर हाथ को ऊपर निचे करते हुए पीछे वाले वाहन को संकेत देता है |
5) पीछे वाले वाहन को ओवरटेक करने देने हेतु(to permit overtake)
ड्राईवर अपने हाथ को बहार निकालकर हाथ को पीछे-आगे करते हुए ओवरटेक करने की अनुमाती देता है जिससे अगर पीछे वाले वाहन की गति ज्यादा हो तो वो कर सके |
इसी तरह हम लाइनों को देखते तो है पर हमें उनका मतलब नहीं पता होता, जो आज हमने एस आर्टिकल के जरियेजाना | अगर आप ड्राइविंग करते है तो आपको सड़क सुरक्षा के इस नियमो के बारे में जानकारी होना जरुरी है | इस आर्टिकल को पढने के लिए आपका धन्यवाद |
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