क्या आपको पता है इंडिया की टॉप 10 इमारतों के बारे में।

भारत के 10 ऐसे  ऐतिहासिक प्रसिद्ध स्मारक, जिसे  देखकर अपको (इंडियान) भारतीय कहलाने पर गर्व होगा। कि आप  जैसे लोग भारत में जन्मे  है।

 

 

 

भारत का  विश्व के उन देशों में से एक है जो हर साल देश दुनिया के लाखों पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। आज यहां कई ऐसे स्मारक मौजूद हैं जिनको यदि आप ध्यान से देखें तो आपको भारत के गौरवशाली इतिहास का पता चल जायगा। 

 

 

यदि आप भारत में स्थित अलग अलग स्मारकों पर गौर करें तो एक बात जो और सामने आती है वो है इन इमारतों की शैली, जिनमें अलग अलग सभ्यताओं और संस्कृतियों की झलक देखने को मिलती है। इसी क्रम में आज हम आपको अवगत करा रहे हैं भारत के ऐसे 10 स्मारकों से जो इतने खूबसूरत हैं कि किसी का भी मन मोह लें तो वहीँ दूसरी तरफ ये ऐसे भी हैं कला, इतिहास और वास्तु का इच्छुक व्यक्ति बार बार इन इमारतों और स्मारकों को देखने आयगा।

 

तो आइये जानें कला और वास्तु कि दृष्टि से क्यों महत्त्वपूर्ण हैं ये इमारतें।

 

 

 

1. ताजमहल

 

 

 ताजमहल की गिनती देश के सात अजूबों देशों एवं विदेशों में होती हैं यहां पर मुमताज महल का मकबरा भी है ताजमहल भारतीय इस्लामिक और वस्तु शिल्पी शैली के मिश्रण का उत्कृष्ट उदाहरण है  इसका निर्माण मुगल बादशाह ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में करवाया मुगल बादशाह ने ताजमहल को 1632 ईस्वी में बनवाना शुरू किया था इसको बनने में 21 साल का समय लगा यह सन 1953 में बनकर तैयार हो गया था ताजमहल को बनाने के लिए हजारों की संख्या में कारीगर, शिल्पकार लगे रहे। यहां स्थित मुमताज महल का मकबरा ताजमहल का आकर्षक है ताजमहल सफेद रंग  का संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है। यह मकबरा वर्गाकार नीव पर आधारित है मेहराबरूपी  गुंबद के नीचे है और इसमें एक वक्राकार गेट के जरिए पहुंचा जा सकता है।ताजमहल को बनाने वाले हजारों की संख्या में कारीगरों के राजा ने हाथ कटवा दीये।  इसलिए कटवा दिये जिससे  इस तरह का मकबरा दोबारा नहीं बनाया जा सके और उन्हें यह शपथ दी कि आप को जीवन भर भोजन फ्री करवाया जाएगा।

 

 

 

 

2. विक्टोरिया मैमोरियल

 

विक्टोरिया मैमोरियल भारत में अंग्रेजी राज को दी गई एक श्रद्धांजलि है, इसे पुनः निर्मित किया गया था और यह ताजमहल पर आधारित था। इसे आम जनता के लिए 1921 में खोला गया था, इसमें शाही परिवार की कुछ तस्वीरें भी लगी हुई हैं। इन बेशकीमती प्रदर्शन के अलावा पर्यटक विक्टोरिया मेमोरियल की ख़ूबसूरत संरचना को देखने  के लिए लोग यहाँ आते जाते रहते हैं। यह कोलकाता के सबसे मशहूर दर्शनीय स्थलों में से एक है। विक्टोरिया मैमोरियल एक प्रसिद्ध महल है।

 

 

 

3.  रेड फोर्ट

 

लाल किला (लाल किला) प्रसिद्ध किले किले - ए - मोअल्ला का नया नाम हैजो शाहजहानाबाद का केन्द्र बिन्दु होने के अलावा उस समय की राजधानी था। इस किले को 17 वीं सदी के समय बनाया गया था। किले का निर्माण उस्ताद अहमद द्वारा किया गया था, इस किले का निर्माण 1639 में शुरू हुआ जो 1648 तक बनकर तैयार हो गया हालांकि, किले का अतिरिक्त काम 19 वीं सदी के मध्य में शुरू किया गया। यह किला लाल पत्थर से बनाया गया था।  यह किला 2.41किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, और दो किलों का मुख्य द्वार लाहौर गेट और दिल्ली गेट है। लाहौर गेट चट्टा चौक के पास है जो शाही परिवारों के लिए बनवाया गया था।

यह कला दर्शनीय स्थल हैं।

 

 

 

4. गेटवे ऑफ इंडिया

 

मुंबई के पास कोलकाता में स्थित गेटवे ऑफ इंडिया वास्तुशिल्प कला का चमत्कार है और इसकी ऊंचाई लगभग 8 मंजिल के बराबर है वास्तुकला के हिंदू और मुस्लिम दोनों प्रकार को ध्यान में रखते हुए इसको सन 1911में यात्रा के स्मरण निर्मित किया गया पृष्ठभूमि में गेटवे ऑफ इंडिया के साथ आपकी एक फोटो खिंचवायें  बिना मुंबई के इस गेटवे ऑफ इंडिया को देखे बिना आपकी यात्रा अधूरी है गेटवे ऑफ इंडिया खरीददारों की स्वर्ग काजवे और दक्षिण मुंबई के कुछ प्रसिद्ध रेस्टोरेंट जैसे बड़े मियां कैफे और प्रसिद्ध कैफे लियोपोल्ड के पास हैं।

 

 

                                                                                                                                                      

5.  मैसूर महल

 

 

इस महल में इंडो-सारासेनिक, द्रविडियन, रोमन और ओरिएंटल शैली का वास्तुशिल्प देखने को मिलता है। इस तीन तल्ले महल  के लिए भूरे ग्रेनाइट, जिसमें तीन गुलाबी संगमरमर के गुंबद होते हैं, जिस गुंबद को सोने से बनाया गया है। यह महल विश्व के सर्वाधिक घूमे जाने वाले स्थलों में से एक है। इसका प्रमाण इस बात से भी मिलता है कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे विश्व के 31 अवश्य घूमे जाने वाले स्थानों में रखा है।  तथा अंबा विलास महल के नाम से भी जाना जाता है। और महल के साथ-साथ यहां 44.2 मीटर ऊंचा एक पांच तल्ला टावर भी है

 

 

 

6.  साँची स्तूप

 

साँची स्तूप एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो भोपाल शहर से लगभग 46 किमी दूर मध्यप्रदेश के साँची गाँव में स्थित है।  और ये देश के सर्वाधिक संरक्षित स्तूपों में से एक हैं।  और यह एक कृत्रिम मंच के ऊपर एक पहाड़ी की सीमा पर स्थित है। तीसरा साँची स्तूप पहले साँची स्तूप के पास स्थित है और इसमें अर्धवृत्ताकार गुंबद के ऊपर एक मुकुट है जिसे एक बहुत पवित्र स्थान माना जाता है। साँची के सभी तीन स्तूप विश्व विरासत स्थल  के रूप में माने जाते हैं और वर्तमान में यूनेस्को के अंतर्गत आते हैं। और पहले साँची स्तूप का निर्माण तीसरी शताब्दी में हुआ था। इसकी उंचाई लगभग 16.4 मीटर है और इसका व्यास 36.5 मीटर है। दूसरे स्तूप का निर्माण दूसरी शताब्दी में हुआ था।

 

 

 

7.   कुतुब मीनार

 

दिल्ली के कुतुब परिसर में मौजूद ये सबसे प्रसिद्ध संरचना है। यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में यह देश की सबसे ऊँची मीनार है जिसकी ऊँचाई 72.5 मी है। कुतुब मीनार को 1193 से 1368 के बीच कुतुब-उ-दीन- ऐबक ने विजय स्तम्भ के रूप में बनवाया था। स्थापत्य कला की यह अद्भुत मिसाल अच्छी तरह से संरक्षित है और भारत की एक देखने वाली संरचना है। कुतुब मीनार भारत की सबसे ऊंची मीनार  है।

 

 

8.  हवा महल

 

 

हवामहल जयपुर का एक प्रसिद्ध जाना माना इसमार्क है। इसको जयपुर के राजा सवाई प्रताप सिंह ने सन 1799 ईस्वी में बनवाया था। जो  की जयपुर में जौहरी बाजार के पास में स्थित है‌ हवामहल पूरी तरह लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से बना हुआ हुआ है यह महल 5 मंजिला ऊंचा बना हुआ है। हवामहल का डिजाइन लाल चंद उस्ता  ने बनाई थी।    हवामहल में 950 से भी ज्यादा खिड़कियां लगी हुई है।

 

 

 

 

9.  इंडिया गेट

 

दिल्ली के सभी मुख्य आकर्षणों में से पर्यटक, इंडिया गेट जाना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। दिल्ली के ह्रदय में स्थापित यह भारत के एक राष्ट्रीय स्मारक के रूप में शान से खड़ा है।  इस स्मारक का मूल नाम अखिल भारतीय युद्ध स्मारक था जिसे लगभग 70000 सैनिकों की याद में बनवाया गया था। ये वे सैनिक थे जिन्होंने अंग्रेजी सेना की तरफ से विश्व युद्ध प्रथम एवं 1919 में तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में अपने जीवन का बलिदान दिया था। हालाँकि इस इमारत की नींव महामहिम ड्यूक ऑफ़ कनॉट ने 1921 में रखी थी, परन्तु इस स्मारक को 1931 में उस समय के वाइसरॉय लार्ड इरविन ने पूर्ण करवाया। तथा 42 मी. ऊंचे इस स्मारक का निर्माण पेरिस के आर्क-डी-ट्राईओम्फे की तरह किया गया है।

 

 

10.  चारमीनार

 

हैदराबाद की बेहतरीन पहचान माने जाने वाले चारमीनार को मोहम्मद कुली कुतुब शाही ने 1591 में बनवाया था।  जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि चार मीनार का शाब्दिक अर्थ होता है- चार टॉवर। यह  इमारत प्रचीन काल की  वास्तुशिल्प का बेहतरीन नमूना है। इस टॉवर में चार चमक-दमक वाली मीनारें हैं, जो कि चार मेहराब से जुड़ी हुई हैं। मेहराब मीनार को सहारा भी देता है। जब कुली कुतुब शाही ने गोलकुंडा के स्थान पर हैदराबाद को नई राजधानी बनाया, तब चारमीनार का निर्माण करवाया गया था।आज इस ऐतिहासिक इमारत ने पूरे विश्व में चर्चा हासिल की है।

 

 

 

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