किताबों से लेकर दस्तावेजों में बदल जाएगा मिस्र का इतिहास! अनुमान से भी ज्यादा प्रचीन है ममी का रहस्य

मम्मी (Mummy) एक संरक्षित शव को कहते हैं जिसके अंग एवं त्वचा को जानबूझकर या बिना बूझे-समझे ही किसी विधि से संरक्षित कर दिया जाता है। संरक्षित करने के लिये उचित रसायनों का प्रयोग, अत्यन्त शीतल वातावरण, बहुत कम आर्द्रता, बहुत कम हवा आदि की तकनीकें अपनायीं जाती हैं। वर्तमान में जो सबसे पुरानी मम्मी ज्ञात है वह ६००० वर्ष पुरानी मम्मी है जो सन् १९३६ में मिली थी। मानव एवं अन्य जानवरों की मम्मी पूरे संसार यत्र-तत्र में मिलती रहीं है| मम्मी एक ऐसा मृत शरीर होता है जिसे प्राचीन काल मे लोग संरक्षितरखते थेे|उनका यह मानना था कि मम्मी(जो मृत शरीर है)रात के समय उठकर अपना कार्य(खाना- पीना,नहाना आदि)करती है|इसलिए वे मम्मी के लिए सभी उसका ऊपयोगी समान पिरामिड़ मे पहुँचा देते थे| मम्मी को जिस स्थान पर रखा जाता था उसे पिरामिड़ कहते है|मिस्र ज्यादातर अपने सदियों पुराने पिरामिडों, ममी और प्राचीन संस्कृतियों के चलते पुरातत्वविदों की पहली पसंद रहा है। इतिहास के रहस्यों पर से पर्दा हटाने में भी मिस्र का अहम योगदान है। अब एक नई खुद मिस्र के इतिहास में संशोधन कर सकती है। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि ममीकरण की प्रक्रिया प्राचीन मिस्र में अब तक के अनुमान की तुलना में 1000 साल पहले ही शुरू हो गई थी।

आए दिन हम मिस्र में ममी मिलने की खबरें सुनते रहते हैं. इसी के साथ हम सभी के मन में ममी को लेकर कई सवाल भी उठते हैं. लोगों का मानना है कि ममी बनाने की शुरुआत मिस्र से हुई थी. लेकिन, ममी शब्द अरबी भाषा से लिया गया है. प्राचीन मिस्र और कुछ अन्य देश पुनर्जन्म में विश्वास रखते थे. उनका मानना था कि मृत व्यक्ति के शरीर को संभालकर रखा जाना चाहिए ताकि वह अगले जन्म में उसे पा सकें. आपको जानकर हैरानी होगी कि आज भी मिस्र में ममी बनाई जाती है. वीडियो में देखें ममी से जुड़े रोचक राज.

Egypt History

मिस्र में खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों की खोज पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री के अनुसार सबूत बताते हैं कि यह प्रक्रिया अनुमान से पहले ही शुरू हो गई थी। डॉक्यूमेंट्री में सक्कारा के कब्रिस्तान में मकबरे की जांच और विश्लेषण को दिखाया गया है जो शाही परिवार से संबंधित था। शाही परिवार के सदस्य के अवशेष 2019 में खोजे गए थे और माना जाता है कि यह अब तक के आकलन से पुराने हैं।

सन्न रह गए गोताखोर जब समुद्र में दिखा 'एलियन'! बिना आंख, कान और मुंह वाली अजीबोगरीब बनावट  संशोधित करनी होंगी सभी किताबें

माना जा रहा है कि यह ब तक खोजी गई सबसे पुरानी ममियों में से एक भी हो सकती है। यह अवशेष Old Kingdom के हैं और 4000 साल पहले से शवों को संरक्षित करने में उनकी प्रगति को दर्शाते हैं। द ऑब्जर्वर से बात करते हुए काहिरा की अमेरिकन यूनिवर्सिटी में इजिप्टोलॉजी की प्रमुख प्रोफेसर सलीमा इकराम ने बताया कि यदि यह वास्तव में Old Kingdom की ममी है, तो ममीकरण और Old Kingdom के इतिहास के बारे में सभी पुस्तकों को संशोधित करने की जरूरत होगी।

किताब से खुला ममी बनाने की प्रक्रिया का राज

इससे पहले पुरातत्‍वविदों ने करीब 3500 साल पुरानी एक किताब से किसी लाश को ममी बनाने की सबसे पुरानी प्रक्रिया का पता लगाया था। कहा जाता है कि करीब 4 हजार साल पहले से ही प्राचीन मिस्र में इंसान के मरने के बाद उसे ममी बनाने की प्रक्रिया चल रही है। यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन के शोधकर्ताओं को किताब से लाश को ममी बनाने की सबसे पुरानी प्रक्रिया का पता चला था। यह किताब एक भोजपत्र की शक्‍ल में थी और उसे पेरिस में रखा गया है। इस किताब से कई डरावनी चीजें भी निकलकर सामने आई  

मिस्र के राजा तूतेनखामेन की कब्र का रहस्य, जिसने खुदाई करने वालों की जान ले ली

इजिप्ट (Egypt) में साल 2018 से चल रही खुदाई में लगातार प्राचीन ताबूत (coffin) मिल रहे हैं लेकिन पुरातत्वविद (archaeologist) इन्हें खोलने की हिम्मत नहीं कर रहे. वजह है मिस्र के राजा तूतेनखामेन (Tutankhamun) का ताबूत, जिसे खोलने पर उन सबकी जानें रहस्यमयी ढंग से चली गईं, जिन्होंने ताबूत से छेड़खानी की थी.

पुरातत्वविद भी ताबूतों को खोलने से परहेज करते रहे हैं, जिसकी वजह है राजा तूतेनखामेन

पुरातत्वविद भी ताबूतों को खोलने से परहेज करते रहे हैं, जिसकी वजह है राजा तूतेनखामेन

हाल ही में जब पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही है, इस दौरान भी मिस्र के कायरो (Cairo) शहर में 4 नए ताबूत मिले हैं. 24 अप्रैल को मिस्र की Ministry of Tourism and Antiquities ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि ये ताबूत 17वें साम्राज्य के हो सकते हैं यानी 1550 BCE के आसपास के. इसके आसपास ही तीसेक वर्कशॉप के अवशेष भी मिलें हैं, जहां ताबूतों में सोए लोगों के लिए जेवर, बर्तन बनाने का काम चलता रहा होगा. हालांकि मॉर्डन खयालों वाले पुरातत्वविद भी ताबूतों को खोलने से परहेज करते रहे हैं, जिसकी वजह है राजा तूतेनखामेन.

हाल ही में जब पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही है, इस दौरान भी मिस्र के कायरो (Cairo) शहर में 4 नए ताबूत मिले हैं. 24 अप्रैल को मिस्र की Ministry of Tourism and Antiquities ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि ये ताबूत 17वें साम्राज्य के हो सकते हैं यानी 1550 BCE के आसपास के. इसके आसपास ही तीसेक वर्कशॉप के अवशेष भी मिलें हैं, जहां ताबूतों में सोए लोगों के लिए जेवर, बर्तन बनाने का काम चलता रहा होगा. हालांकि मॉर्डन खयालों वाले पुरातत्वविद भी ताबूतों को खोलने से परहेज करते रहे हैं, जिसकी वजह है राजा तूतेनखामेन.

साल 1922 में अंग्रेज पुरातत्वविद होवार्ड कार्टर (Howard Carter) और उनके सहयोगी लॉर्ड कार्नरवन (Lord Carnarvon) ने इजिप्ट के लक्जर (Luxor) शहर में राजा तूतेनखामेन का मकबरा खोज निकाला था. इतिहासकारों के अनुसार वो प्रचीन मिस्र के 18वें राजवंश के 11वें राजा थे. ताबूत खोलने पर बिल्कुल साबुत और बेहद कीमती आभूषणों से भरा हुआ था. माना गया कि मौत के वक्त राजा की उम्र 17 साल से अधिक नहीं रही होगी. उनकी मौत की सही वजह कोई बता नहीं सका.

कैसी रही होगी दफनाने की प्रक्रिया

 

मिस्र, रोम और ग्रीस में राजाओं और राजसी खानदान या बड़े पदों पर काम करने वालों की मौत पर उन्हें सामान्य लकड़ी के ताबूत में नहीं दफनाया जाता था, बल्कि लकड़ी के ताबूत को भी एक डिब्बे में बंद किया जाता था. पत्थर से बना यही डिब्बा सार्कोफेगस कहलाता है. पत्थर का ये ताबूत जमीन से कुछ ऊपर रखा जाता था. मिस्र में इसकी शुरुआत 2686 BCE (Before Common Era) की मानी जाती है

 

माना जाता था कि मौत के बाद दूसरे संसार में व्यक्ति साबुत पहुंचे, इसके लिए सार्कोफेगस जरूरी है. लकड़ी पर नक्काशी के साथ ताबूत के भीतर कीमती रत्न और गहने भी रखे जाते थे, साथ ही मृतक का नाम खुदवाया जाता था ताकि मरने के बाद उसे कोई मुश्किल न हो. साथ ही साथ सार्कोफेगस लकड़ी के चौकोर ताबूत से अलग मृतक के शरीर के बनावट और कद के आधार पर बने होते थे. पुर्नजन्म पर यकीन करने वाली मिस्र की सभयता में मरने वाले के शरीर पर खास लेप किया जाता और फिर उसे दफनाया जाता, जिससे शरीर खराब न हो.. हो.

इधर एक बड़े राजा के मकबरे की खोज के बाद जल्दी ही दोनों खोजकर्ता सुर्खियों में आ गए. एक तरफ इंटरव्यू चलते रहे तो दूसरी ओर मरे हुए राजा के शाप का असर शुरू होने लगा. लॉर्ड कार्नरवन को शेविंग के दौरान एक मच्छर ने काट लिया, जिससे वे जख्मी हो गए और तेज बुखार में अनाप-शनाप बड़बड़ाते हुए 2 ही दिनों में उनकी मौत हो गई. राजा के शरीर पर कथित तौर पर एक्सरे करने वाले रेडियोलॉजिस्ट Sir Archibald Douglas Reid की एकाएक बिना किसी वजह मौत हो गई. एक शोधकर्ता आर्सनिक पॉइजनिंग से मारा गया. इनमें से एक Prince Ali Kamel Fahmy भी थे, जिन्हें उसी साल उनकी पत्नी ने गोली मार दी. विजिट करने वालों में से एक सूडान के गर्वनर जनरल Sir Lee Stack को 1924 में उनके विरोधियों ने मार दिया.

यहां तक कि ताबूत की खुदाई पर पैसे लगाने वाले तमाम लोग एक के बाद एक मरते चले गए. खुदाई के एक दशक के भीतर ही 26 में से सिर्फ 6 लोग बाकी रहे.

है और उसे छूने या किसी भी तरह की छेड़खानी करने वाली की बदकिस्मती आ जाती है. भूतपूर्व Egyptologist (इजिप्ट पर अध्ययन करने वाले) डॉमिनिक मॉन्टसेरट ने द इंडिपेंडेंट अखबार से एक इंटरव्यू में ममी के अभिशप्त होने और रहस्यमयी मौतों के बारे में खुलकर बात की. ममी के शापित होने पर कई किताबें भी लिखी गईं, जिनमें एक किताब Lost in a Pyramid; or, The Mummy's Curse खासी चर्चित रही.

 

वैसे एक बड़ा तबका मानता है कि शापित होना जैसी कोई बात नहीं है, बल्कि अचानक हुई मौतों की वजह ताबूतों के भीतर जमा जहरीली गैस या पैथोजन रहे होंगे. हजारों सालों तक जमीन में बंद रहने के दौरान ताबूत और मृत शरीर दोनों में ही खतरनाक पैथोजन यानी वायरस या बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं और इन्हें खोलना बीमार कर सकता है. ममी पर लैब स्टडी भी हुई. इसमें देखा गया कि ताबूतों के भीतर कई तरह के जानलेवा फंगस पैदा हो जाते हैं, जैसे Aspergillus niger. ये इतने घातक होते हैं कि इनसे सांस लेने में रुकावट और फेफड़ों में खून जमना जैसी दिक्कतें आ सकती हैं.

Enjoyed this article? Stay informed by joining our newsletter!

Comments

You must be logged in to post a comment.

About Author