अल्जाइमर रोग क्या है ? जानें कारण, लक्षण और उपाय

हेल्थ डेस्क- अल्जाइमर रोग डिमेंशिया रूप का एक प्रकार है. डिमेंशिया कई प्रकार के होते हैं इसलिए इसे अल्जाइमर डिमेंशिया कहते हैं. यह वृद्धावस्था में होने वाला रोग है.

जिसमें व्यक्ति की स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे यह रोग बढ़ता जाता है और स्मरण शक्ति कमजोर होने के के अलावा रोगी की सोच- समझ में परिवर्तन होने लगता है.

अल्जाइमर

अल्जाइमर रोग क्या है?

अल्जाइमर रोग एक प्रकार की मस्तिष्क और स्मरण शक्ति से जुड़ी बीमारी है जिसमें व्यक्ति की याददाश्त धीरे-धीरे कम होने लगती है. सोचने- समझने की क्षमता भी कम होने लगती है. अल्जाइमर बीमारी से ग्रसित लोगों में देखा जाता है कि आसान काम करने में भी असमर्थ रहता है.

यह बीमारी 60 वर्ष की उम्र पार करने के बाद होने वाला रोग है लेकिन आजकल यह युवाओं में भी देखा जा रहा है.

यह एक न्यूरोडिजनरेटिव बीमारी लगातार मस्तिष्क कोशिकाओं के नुकसान होने के कारण होती है. एक रिपोर्ट के अनुसार जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में हर 3 सेकंड में एक डिमेंशिया का मरीज इलाज कराने आता है.

अल्जाइमर होने के कारण-

*  अल्जाइमर मुख्य तौर पर बुजुर्ग लोगों ने देखी जाती है. 60 वर्ष से 85 वर्ष के बुजुर्ग इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं.

* अगर आपके परिवार में अल्जाइमर का हिस्ट्री है तो आपको इस बीमारी से ग्रसित होने का खतरा अधिक रहता है.

* अल्जाइमर महिलाओं में अधिक देखा जाता है.

* लंबे समय तक स्लीपिंग डिसऑर्डर होने पर अल्जाइमर की बीमारी हो सकती है. स्लीपिंग डिसऑर्डर होने से अल्जाइमर का खतरा अधिक हो जाता है.

* लाइफस्टाइल में बदलाव होना जरूरी है. डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रोल और हाइपरटेंशन, स्ट्रोक के कारण अल्जाइमर हो सकता है.

* उच्च रक्तचाप के कारण भी अल्जाइमर की बीमारी हो सकती है.

* सिर में चोट लगने के कारण अल्जाइमर हो सकता है.

* हमेशा तनाव में रहने वाले लोग ही अल्जाइमर रोग की चपेट में आ सकते हैं.

* अल्जाइमर रोग में मस्तिष्क की कोशिकाएं खुद ही बनती है और खत्म होने लगती है जिससे याददाश्त और मानसिक कार्यों में लगातार गिरावट आती है.

अल्जाइमर रोग के लक्षण-

वैसे तो अल्जाइमर के बहुत सारे लक्षण है लेकिन इनमें भी मुख्य लक्षण हैं जैसे-

* याददाश्त का कम होना.

* सोचने- समझने की क्षमता प्रभावित होना.

* किसी सोचे हुए काम को पूरा नहीं कर पाना.

* आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होना.

* निर्णय लेने में दिक्कत होना.

* सही शब्द लिखने में दिक्कत होना.

* कोई भी सामान रख कर भूल जाना.

* लोगों से मिलने की इच्छा न होना.

* कोई भी काम को आगे टालना.

* डिप्रेशन ( तनाव ) में रहना.

* मन में डर बना रहना.

अल्जाइमर रोग होने पर उपाय-

वैसे तो अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है. लेकिन जीवन शैली में कुछ बदलाव करके आप इस बीमारी से बच सकते हैं. अल्जाइमर के लक्षण दिखने पर व्यक्ति की तत्काल जांच करवाएं. अल्जाइमर की पुष्टि होने पर पीड़ित व्यक्ति को पौष्टिक भोजन देने के साथ ही एक्टिव बनाना चाहिए.

अल्जाइमर रोग के अन्य क्या परेशानियां उत्पन्न हो सकती है ?

अल्जाइमर रोग से याददाश्त और भाषा से संबंधित समस्याएं हो सकती है. अल्जाइमर रोग से ग्रस्त व्यक्ति निम्न में सक्षम नहीं होता है.

* दर्द को व्यक्त करने में समस्या यानी वह अपने शरीर के किस हिस्से में दर्द है यह भी बताने में सक्षम नहीं होता है.

* अन्य बीमारी के लक्षणों व्यक्त करने में समस्या यानी वह व्यक्ति के शरीर में कोई बीमारी है तो उसके क्या लक्षण आ रहे हैं क्या- क्या परेशानियां हो रही है वह भी व्यक्त नहीं कर पाता है.

* निर्धारित उपचार योजना का पालन करने में समस्याएं यानी उस व्यक्ति को जो उपचार बताया गया है उसका पालन नहीं कर पाता है.

* दवा के साइड इफेक्ट को पहचानने और उसका वर्णन करने में भी वह व्यक्ति असमर्थ होता है.

* जैसे- जैसे अल्जाइमर रोग अपने अंतिम चरण में प्रगति करती है मस्तिष्क के परिवर्तन शारीरिक कार्यों को प्रभावित करना शुरू करते हैं जैसे-

निगलने, संतुलन और आंत्र व मूत्राशय नियंत्रण की समस्याएं. यह प्रभाव अतिरिक्त स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकते हैं जैसे-

1 .न्यूमोनिया और अन्य संक्रमण- निगलने में परेशानी होने के कारण अल्जाइमर से ग्रस्त लोग अक्सर अपने वायु मार्ग और फेफड़ों में भोजन या तरल पदार्थ ले जाते हैं जिससे न्युमोनिया की समस्या हो सकती है.

2 .मूत्राशय को खाली करने में अक्षम होने से मूत्र को निकालने और एकत्र करने के लिए एक ट्यूब की नियुक्ति की आवश्यकता हो सकती है. जिससे मूत्र पथ के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है जो अधिक गंभीर और जानलेवा भी हो सकता है.

3 .अल्जाइमर से ग्रस्त लोग कमजोर हो जाते हैं और उनके गिरने का जोखिम बढ़ जाता है.

अल्जाइमर रोग से बचने के लिए हेल्दी आहार-

1. साबुत-

अनाज साबुत अनाज खाने से यह सुनिश्चित होता है कि आपका आहार अन्य आवश्यक पोषक तत्वों में समृद्ध है, जो आपके शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखते हैं. प्रसंस्कृत खाद्य को आपके दिमाग का सबसे बड़ा दुश्मन कहा जाता है.

पूरे अनाज से वजन नियंत्रित करने, रक्तचाप को कम करने और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है. बदले में यह मस्तिष्क स्वास्थ्य में सुधार लाता है और अल्जाइमर को रोकने में मदद करता है.
2. बीन्स-

बींस में खूब फाइबर पाए जाते हैं, जो ग्लूकोज लेवल को स्थिर करते हैं और आपके मस्तिष्क में ऊर्जा को बढ़ाते हैं. यह मस्तिष्क को स्थिर करता है और इसके कामकाज को ठीक से काम करने देता है.

3. ब्लूबेरी बेरी-

विशेष रूप से ब्लूबेरी अल्जाइमर के इलाज के लिए बहुत प्रभावी है. यह स्मृति हानि को रोकती है और मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करती है. ये मस्तिष्क के संज्ञानात्मक कार्य को भी सुधार करती है.

4. ऑलिव-

ऑइल यह स्वस्थ तेलों में से एक है जिसे आप अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं. तेल में मौजूद घटक मस्तिष्क के संज्ञानात्मक कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. यह स्मृति में सुधार भी करता है और आपको अल्जाइमर रोग से दूर रखने में मदद करता है.

5. केला-

केले में एक कमाल की चीज होती है ट्रिप्टोफान. यह न केवल मूड ठीक करता है, बल्कि डिप्रेशन को दूर करता है. इसमें मौजूद विटामिन बी-6 दिमागी तंदरूस्ती देता है यानी याद्दाश्त बढ़ाने के लिए उत्तम है अल्जाइमर रोग से पीड़ित लोगो के लिए लाभदायक है.

6. मछली-

मछली खा सकें तो अच्छा है नहीं तो उसका तेल तो जरूर खाएं. मछली प्रोटीन और कैल्‍शियम से भरपूर होती है, जिससे मस्तिष्क का विकास होता है.

खासकर सॉल्‍मन और ट्यूना मछली खाना ज्यादा फायदेमंद रहता है. मछली में पाया जाने वाला एक विशेष प्रकार का फैटी एसिड दिमाग की कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाता है.

7. टमाटर-

टमाटर लाइकोपेन से भरपूर होता है. ये न सिर्फ शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने से बचाता है, बल्कि अल्जाइमर के खतरे को भी कम करता है.

8. अंडे-

अंडे में विटामिन बी12 और कोलाइन प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं. यह मस्तिष्क की कोशिकाओं का निर्माण करता है, जिससे याददास्त बढ़ती है.

9. ब्रोकली-

ब्रोकली में विटामिन के सहित ढेरों पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने में मददगार होते हैं.

10. ग्रीन टी-

ग्रीन टी में मौजूद पॉलीफिनोल नाम का एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो बढ़ती उम्र पर लगाम लगाता है. ग्रीन टी याद्दाश्त बढ़ाने में भी कारगर पाई गई है. यह दिमाग के लिए बढ़िया है तो अल्जाइमर रोग और पाकिसन रोग की दुश्मन है.

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