7 इंडियंस रीति रिवाजों के पीछे छुपा विज्ञान क्या आप जानते है |

अरे रात को नाखून नहीं काटते शेतान अजायगा ,अरे कल घर से बाहर मत निकालना पनोती लगेगी ,हाई राम आज घर मे चमकादर घुस गया क्या आज किसी की मौत होगी आप लोगों ने ये बात कभी न कभी जरूर सुनी होगी |क्युकी भारतीय sanskrti मे इतने cheaply अंधविश्वास करते है ,हमारे गाँव मे तो लोग इन रीति रिवाजों को मनाने से पहले दो बार नहीं सोचते है well हमे तो ये अंधविश्वास लगता है पर हमारे जो बुजुर्ग पूर्वज शायाद हमसे जादा  scientific  थे ,पर कुछ लोगों ने आपको यही बाते अंधविश्वासी लॉजिक से बताई गई है पर हम इसके पीछे का scientific रीजन आपको पूरा डीटेल मे बताएंगे |

1.  दक्षिण की और सिर रख कर सोये |

  • आपने सुन होगा अच्छी नींद सोना है तो आपको दक्षिण की और सिर रख कर सोना चाहिए | आपने अक्सर ये बात सुनी होगी की उत्तर की और सोने से मना किया जाता है इसके पीछे एक ठोस वजह है , जो हमारे पूर्वज हुमसे बेहतर जानते थे पर इसके आगे के पीड़ियों ने इस scientific रीजन को superstaion बना कर आगे बटन शुरू कर दीआ और वो अंडविश्वास क्या है आपको पता है ,अगर आप उत्तर की और सिर रख कर सोते है तो भूत प्रेत आत्मा आपको अपना शिकार बनाईगी ,आपको रात मे बुरे सपने और आपके आस पास भटकती हुई आत्मा दिखाई देगी और आज भी कुछ लोग इस अंधविश्वास को मानते है |                                                                                                                                                                                                                                   हम इससे scientific तौर से देखेंगे तो बात तो ये की की हमे उत्तर दिशा मे सोने पर हमे पृथ्वी की megnetic field का सामना करना पड़ता है हमे स्कूल और कॉलेज मे बताया जाता है की पृथ्वी की मेग्नेटिक फील्ड उत्तर और दक्षिण पोल मे कोनसेनट्रेटेट होती है | और हमारे पूर्वज को ये तक पता था की हमारे शरीर की खुद की एक मेग्नेटिक फील्ड भी होती है और हमारा सिर उत्तर और पैर दक्षिण दिशा माना जाता है और हमारे पूर्वजों को ये भी पता था की हमारा इंडिया nortern hemisphere मे आता है |अगर हम उत्तर दिशा मे सिर रख कर सोते है तो खून का बहाव सिर मे तेजी से होता है और इससे हमारी मौत होने के चांस बड़ जाते है |

                        

2.  अंतिम संस्कार के बाद स्नान |

  • आपने देखा होगा जब भी आपके घर का कोई मर्द अंतिम संस्कार attempt करने बाद घर आते है तो बिना कुछ टच कीये बिना कुछ कीये सीधे नहाने जाते है | पर कभी आपने किसी से सुना है की अंतिम संस्कार के बाद नहाना क्यू जरूरी है तो जवाब मिलेगा की शमशान से आकर नहीं नहाना अशुभ माना जाता है और कही अंधविश्वास लोगों की सुने तो उस मरे हुए इंसान की भटकती आत्मा आपका पिछा कर सकती है और फिर आप तो गए पर ये लॉजिक कुछ हजम नहीं हुआ |हमारे पूर्वज ने वाकय मे सोच समझ कर शमशान से आकर नहाना जरूरी समझा क्युकी उस वक्त सेनेटाईजेशन और क्लेनलीनेस्स  के अलग अलग practices थे  |

                          

  • जब इंसान मर जाता है तो उसका शरीर bactreria से लड़ने की ताकत गवा बेठता है और तुरंत सड़ना शुरू हो जाता है ,और अंतिम संस्कार मे उपस्थित लोग मृत शरीर केबिलकुल आमने सामने होते है| और इसलिए वो लोग becteria से एक दम इक्स्पोज़ हो जाते है और इसीलिए उन्हे तुरंत नहाने को कहा जाता है और आज कोरोना के दौर मे हम जब भी घर आढ़े है बाहर से तो हमे नहाने को कहा जाता है  पर फिर भी हमारे पूर्वज उस जमाने मे ये बात कहते ठे और ये भोत बड़ी बात थी इसका मतलब है की हमारे पूर्वज भोत सारे scientific fact जानते थे |

3.   टूटे हुए शीशे |

  • शीशे से शिशा अगर टकराए तो होगा बुरा अंजाम ऐसा जो करदेगा आपका जीवन बर्बाद वो आपने देखा होगा आक्सर डरावनी फिल्म मे अक्सर टूटे शीशे देखे होंगे कैसे एक शीशे के टूटने से bad luck इंसान के आस पास मंडराता रहता है |आप शायद ये बेलिव नहीं करेंगे की हमारे पूर्वजों ने हुमए दराने के लिए ये बात नहीं की थी बल्कि इसके पीछे कुछ रियल रेगिऑन है |उस जमाने मे शीशे बहोत expensive और नाजुक सी चीज मानी जाती थी जो जरा सी लापरवाही से आसानी से टूट जाती थी ,और शीशे को बनाने का प्रोसेस भोत क्रिटिकल था| इसमे भोत मेहनत और काम शामिल होता था ,लोगों को इसकी एहमीयत और उन्हे लापरवाही बताने के लिए पूर्वजों ने ये जानबुजकर अफवाये फैलाई की शीशे के टूट जाने से 7 साल तक bad luck होगा |

                                        

4.   रात को झाड़ू नहीं लगाना चाहिए |

  • आपने आपके घर मे ही देखा होगा की रात को झाड़ू लगाना अशुभ मानते है भोट सारे घरों मे रात को झाड़ू मारना सख्त माना है | रात को झाड़ू मारो या सुबह झाड़ू मारो क्या फरक पड़ता है भी well फरक पड़ता है हमारे पूर्वजों ने ये रूल भी कुछ सोच समझ कर बनाए थे पर अफसोस आगे की पीड़ियों ने इससे अंधविश्वास मे तकदिल कर दीआ ,पुराने अंधविश्वास से अगर आप रात मे झाड़ू लगते है घर पर तो माता लक्ष्मी कभी नहीं आयगी आपके घर पर पर सच तो ये है की ,सूर्यास्त के बाद घर मे गुप्त अंधेरा हो जाता था और सिर्फ दिया और बत्ती थी न की बिजली तो बात तो यही हे की आँखों पर पट्टी बंद कर काम करने के बराबर हो गया तो बहुत सी कीमति चीजे नहीं दिखती और गलती से कुछ कचरे मे न जाए इसलिए उस जमाने मे ये लॉजिक सही था लेकिन आज इलेक्ट्रिसिटी के कारण इससे कोई फरक नहीं पड़ता है |

                        

5.   सूर्यास्त के बाद नाखून और दाड़ी नहीं बनानी चाहिए |

  • नाखून नहीं काटना शैव नहीं करना क्युकी अगर आप रात को ऐसा करते है तो आपके ज्यादा chances होते है की स्किन कटने का डर रहता है पर कुछ अंधविश्वासी लोगों का कहना है की अगर आपने रात मे नाखून काटा और स्किन कूट गया तो वो कति स्किन से अट्रैक्ट होकर बुरी आत्मा आयगी आज भी कुछ गाँव मे लोग ये बात मानते है पर ऐसा कुछ नहीं है क्युकी पहले के वक्त मे बिजली का न होना सबसे बड़ा कारण था अगर आप उस वक्त मे ऐसा करते तो आपकी स्किन कूट जाती और दर्द होता उससे बचने के लिए ऐसा कहा जाता था पर ये दुनिया तो अंधविश्वास से भरा पड़ा है पर अब इलेक्ट्रिसिटी मोजूद है तो आप भी इन बातों से जागरूक होये और दूसरों को भी जागरूक करे |

                           

6.   सूर्य ग्रहण पर बाहर न निकले |

  • सूर्य ग्रहण आया नहीं की हम सब की मम्मी हमको घर के अन्डर खिच लेती है ,और कई बार तो खिड़कियों से झाकने से पाबंदी लग जाती है और कुछ लोगों के वहा तो खाना भी नहीं खाया जाता है |अब ये सूर्य ग्रहण का रोक है या अन्न ,बड़े बुजुर्ग भी ये जवाब देते है की सूर्य ग्रहण मे बाहर जाना या खिड़की से बाहर देखना allow नहीं है ,इंडियन मिथालजी मे ऐसा माना जाता है की सूर्य को उस दिन राखक्षस खा जाता है और उस दिन जो भी घर से बाहर निकलेगा वो बुरी चीजों का शिकार बन जायगा भोत आसानी से| क्या आपको ये बात लाजिकल लगती है |

                            

  • हमारे पूर्वजों ने बाहर जाने पर रोक इसलिए नहीं लगाई की राखक्षस खा जायगा well इसलिए लगाई की इन्हे पता था की सन ultra voilet rays छोरता है जिससे इंसान की रेटिना खराब हो सकती है और यहा तक स्किन जल सकती है | रेटिना खराब होने से इंसान अंधा हो सकता है ,और प्रेग्नन्ट लेडी अगर घर मे उस वक्त हो तो उन्हे किचन मे काम भी नहीं करने दिया जात है और उन्हे एक कोने मे बीठा दिया जाता है ,की ultra voilet rays उस वक्त बहुत तेज होते है और वो भोत नुकसान कर सकता है babies के लिए |तो इसलिए ग्रहण के दिन बाहर जाने का मतलब था इस रेडीऐशन से बचाने के लिए |

7.  घर मे चमकदार का आना बुरा होता है |

  • बहोत सारे देशों मे और अलग अलग कल्चर मे अलग अलग मिथ है क्युकी सभी लोग ये मानते है की चमकादर का घर मे 3 बार आना मतलब उस घर के सदस्य की मौत इंतजार कर रही है , और हमारे पूर्वज इसको लेकर कही न कही सही थे की चमकदार घर मे मौत लेकर आते है | इसका असली रीजन ये है की उस जमाने मे मेडिकल डेवलपमेंट को लेकर तरक्की नहीं हुई थी ,आज हमको पता है की चमकादर  की बीमारी होती थी उनके वायरस हमारे शरीर को ज्यादा देर तक जींदा नहीं रहने देते चमकादर के वायरस अगर इंसान के शरीर मे आजाते है तो वो उन्हे मौत के घाट उतार देते है |

                         

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