12 ऐसे महतवपूर्ण टिप्स जिनसे आपका होने वाला शिशु जन्म से ही स्वस्थ एवं बुद्धिमान हो सकता है |

"12 ऐसे महतवपूर्ण टिप्स जिनसे आपका होने वाला शिशु जन्म से ही स्वस्थ एवं बुद्धिमान हो सकता है"

आज के समय में सभी अपने होने वाले बच्चो को स्वस्थ रखने के साथ-साथ बुद्धिमान भी बनाना चाहते है क्योकि जमाना बहुत तेज़ गति से आगे  बढ़ रहा है तो जमाने के साथ चलने के लिए हमे शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ एवं तीव्र बनना आवश्यक है| इसीलिए जरूरी है के आने वाले बच्चो का मानसिक विकास बहुत ही अच्छा हो ताकि वह न केवल अपना भविष्य अच्छा बना सके बल्कि चीजों को बेहतर समझ कर और भी बहुत कुछ हासिल कर सके| इसीलिए इस आर्टिकल में हम आपसे कुछ ऐसी ही टिप्स के बारे चर्चा करेंगे जिनसे आप अपने बच्चो को स्वस्थ एवं बुद्धिमान गर्भ से ही बनाना प्रारंभ कर सकती है |

1. सही मात्र में भोजन:- 

जब भी कोई महिला गर्भवती होती है तो सबसे खास ख्याल उसके आहार का ही रखा जाता है जो के सबसे जरूरी भी है लेकिन इस आहार में आपको क्या-क्या खाना चाहिए क्या नहीं इसकी सही जानकारी होनी चाहिए, जिसके लिए आप अपने परिवार में माँ दादी/नानी की सलाह ले सकती है और सबसे खास डॉक्टर की सलाह अवश्य ले  और माने भी क्योकि हर महिला का शारीर और गर्भावस्था का अनुभव अलग-अलग होता है |

प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, कैल्शियम युक्त भोजन खाना चाहिए| अपने भोजन का सही डाइट प्लान बनाने के लिए आप निचे दिए गये link से और अधिक जानकारी ले सकते है|

shorturl.at/axLU6 

2. हाइड्रेट रहे :-

गर्भावस्था के दोरान आपका नियमित रूप से पानी की सही मात्रा लेना आवश्यक है इसलिए आपको दिन में लगभग 12-15 ग्लास पानी रोज पीना चाहिए| जिससे आप और आपका बच्चा स्वस्थ रहे| क्योकि पानी की सही मात्रा लेने से एवं गुनगुने पानी के सेवन से पेट साफ़ रहता है और पाचन भी ठीक रहता है|

3. हाइजीन का ख्याल रखे:-

प्रेगनेंसी के दोरान जरूरी है के आप साफ़ सफाई का खास ख्याल रखे क्योकि ये न केवल आपके लिए जरूरी है बल्कि आपके बच्चे के लिए भी क्योकि बच्चा आप ही के जरिये भोजन ग्रहण करता है इसलिए यदि आप साफ़ शुद्ध भोजन खायेंगी तभी बच्चे तक भी सभी प्रकार का आहार अच्छा जा पायेगा और आप और आपका बच्चा स्वस्थ रह पाएंगे|

4. खुद को educate करे :-

किताबे पढने से न केवल मानसिक विकास होता है बल्कि ज्ञान भी मिलता है जिससे हम काफी कुछ सीख सकते है | इसलिए प्रेगनेंसी के दोरान यदि हम कुछ अच्छी किताबे पढ़ते है तो उनका प्रभाव भी बच्चे पर अच्छा पड़ता है और बच्चे का मानसिक विकास गर्भ के अन्दर होना शुरू हो जाता है और केवल इतना ही नही बच्चे को शब्दों को समझने पहचानने की समझ भी हो जाती है जिससे जन्म के बाद बच्चे को पढने लिखने आदि को सिखने में दिक्कत नही होती वह जल्दी सीख जाता है | और साथ ही आपका अपना ज्ञान भी विकसित होता है और कहा भी जाता है एक महिला का शिक्षित होना मतलब  एक परिवार का शिक्षित होना होता है |

यहाँ हम आपको कुछ किताबो के link शेयर कर रहे है जो आपको गर्भावस्था के दोरान पढनी चाहिए जिससे आपके बच्चे का मानसिक विकास तेज़ होने के साथ साथ आपको अपनी प्रेगनेंसी में होने वाले अनुभवों को पहचानने और जानने की जानकारी भी मिलेगी 

1.  Passport to a Healthy Pregnancy :- shorturl.at/fwGM7

2. Birth without Fear :- shorturl.at/vDW35

3. गर्भसंस्कार :- shorturl.at/ptLQW

4. what to expect when you are expecting :-shorturl.at/mxBEU

5. सॉफ्ट music सुनें :- 

सॉफ्ट music सुनने से बच्चो को आरामदायक महसूस होता है और बच्चो को शब्द (lyrics) पहचानने की जानकारी भी हो जाती जिससे वह जन्म के बाद उन्हें आसानी से समझ पता है और जल्दी  बोलना सीख पता है और जन्म के बाद भी उसे वह music की पहचान होती है और उसे यह आरामदायक भी लगता है  |

6. बच्चे को अपना स्पर्श कराएं :-

जी हां बच्चे आपका स्पर्श जन्म से ही पहचान जाता है क्योकि गर्भ से वह उस स्पर्श को महसूस करता है इसीलिए माता-पिता दोनों को ही गर्भावस्था के दोरान प्यार भरे  स्पर्श से पेट पर सहलाना चाहिए इससे आपका बच्चा आपका स्पर्श पहले से ही पहचानना सीख जाता और और साथ ही सुरक्षित भी महसूस करता है एवं माता के साथ साथ पिता का प्यार और स्पर्श भी मिलता है जो के बहुत ही अच्छा होता है |

7. आपको अपने बच्चे से बाते करनी चाहिए:- 

जी हां अपने सही पढ़ा है यदि आप गर्भ से बच्चे से बाते करते है तो बच्चाआपसे और अधिक जुड़ाव महसूस करता है साथ ही  आपको सुनना समझना सिखने लगता है उससे शब्दों और भाषा का ज्ञान होना प्रारभ होने लगता है जो के जन्म के बाद उसे सब आसानी से समझ आ जाता है| क्योकी  बच्चो पर  हर चीज़  का असर होता है इसलिए भारतीय बच्चा अपनी लोकल भाषा का प्रयोग ही सबसे पहले सीखते है जब वो बड़े हो जाते है और विदेशी बच्चा अपनी भाषा ही बोलनी सीखता है |

8. अपने आपको positive रखें :-

बच्चो पर हर एक चीज़ का असर होता है चाहे अच्छी हो या बुरी इसीलिए आपको कोशिश करनी चाहिए के आप अपने बच्चे को positive माहोल दे जिससे आपका बच्चा भी positive मानसिकता का ही बने| खुश रहने की कोशिश करे अच्छी चीज़े देखे सुने ये चीज़े आपके लिए कारगर साबित होंगी|

9. समय समय पर डॉक्टर से चेक-अप कराएं  :-

सभी चीजों का ख्याल रखने के बाद भी समय समय पर डॉक्टर्स से चेक-अप कराते रहना चाहिए जिससे जो भी जरूरी विटामिन ,कैल्शियम आदि की कमी हो वो पूरी हो सके और साथ ही बच्चे की सुरक्षित होने आदि के बारे में पूर्ण जानकारी मिल सके|

10. अपनी प्रेगनेंसी को enjoy करें :-

ऐसे अवस्था में खुश एवं स्वस्थ रहना जरूरी है और ऐसे समय में अलग-अलग अनुभव होते है तो इन्हें आप enjoy करे ताकि बच्चा भी अच्छी तरह ग्रोथ कर सके और आप भी अच्छा महसूस करें| अपनी क्रेविंग के अनुसार चीज़े खाए लेकिन ये ध्यान रखें के जो चीज़े आप खा रहे है उनसे कोई नुक्सान तो नही| 

11. सुबह शाम टहलना एवं व्यायाम :- 

सुबह शाम टहलना गर्भवती महिलाओ के लिए सेहतमंद होता है इससे फ्रेश ऑक्सीजन मिलने के साथ साथ पाचन क्रिया भी सही रहती एसिडिटी नही बनती और भुक भी अच्छी लगती है| और मनन को शांति एवं सुकून मिलता है और यदि आपको डॉक्टर परामर्श दें तो कुछ हलके व्यायाम जो प्रेगनेंसी के दोरान किये जाते है उन्हें भी करना चाहिए लेकिन व्यायाम  किसी प्रोफेशनल की मदद से और डॉक्टर की सलाह से करें |

12. कुछ ध्यान रखे योग्य बाते :-

  • गर्भवती महिला को हर 4 घंटे में कुछ खाने की कोशिश करनी चाहिए। हो सकता है आपको भूख न लगी हो, परन्तु हो सकता है कि आपका गर्भस्थ शिशु भूखा  हो।
  • वजन बढ़ने कि चिंता करने के बजाय अच्छी तरह से खाने कि ओर ध्यान देना चाहिए।
  • कच्चा दूध न पिए।
  • मदिरापान अथवा  धूम्रपान न करे।
  • कैफीन की मात्रा कम करे। प्रतिदिन 200 मिलीग्राम  से अधिक कैफीन लेने पर गर्भपात और कम वजन वाले शिशु के जन्म लेने का खतरा बढ़ जाता है।
  • गर्भवती महिलाओं  को गर्म मसालेदार चींजे नहीं खाना चाहिए।
  • एनेमिया  से बचने के लिए अखण्ड अनाज से बने पदार्थ, अंकुरित दलहन, हरे पत्तेवाली साग भाज़ी, ग़ुड़, तिल आदि  लोहतत्व से भरपूर खाद्यपदार्थों का सेवन करना चाहिए।
  • सम्पूर्ण गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला का वजन 10 से 12 किलो बढ़ना चाहिए।
  • गर्भवती महिला को उपवास नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिला को मीठा खाने की इच्छा हो तो उन्हें अंजीर खाना चाहिए। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्सियम है और इससे कब्ज भी दूर होता हैं।
  • सब्जियों का  सूप और जूस लेना चाहिए। भोजन के दौरान इनका सेवन करे। बाजार में मिलने वाले रेडीमेड सूप व् जूस का उपयोग न करे।
  • गर्भवती महिला को फास्टफूड, ज्यादा तला हुआ खाना, ज्यादा तिखा और मसालेदार खाने से परहेज करना चाहिए।
  • अपने डॉक्टर की  सलाह अनुसार विटामिन और आयरन की  गोलिया नियमित समय पर लेना चाहिए।

आशा करते है हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपके लिए लाभकारी हो और यदि आप गर्भवती है तो हम आपके और आपके बच्चे के अच्छे स्वास्थ  की इश्वर से कामना करते है |

 

 

 

 

                                                          

 

 

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