शीर्ष 15 भारत की प्राचीन मंदिर, जो अतिथि का याद दिलाती है।

शीर्ष 15 भारत की प्राचीन मंदिर, जो अतिथि का याद दिलाती है। जो आज भी अपने आप में रहस्य बना हुआ है।

भारत के वह प्राचीन मंदिर जो हमें अपने अतिथि में वापस ले जाते हैं, प्राचीन समय के मंदिर जो आज भी सामाजिक केंद्र के महत्वपूर्ण स्थल है। देश में आज भी ऐसे कई मंदिर मौजूद हैं जो अतीत के कारीगरों की बेहतरीन शिल्प कला को याद दिलाती है। मंदिर ही एक ऐसी जगह थी जहां नृत्य, कथैया नृत्य तथा संगीत और युद्ध कलाओं को सम्मानित किया जाता है।आज भी हमें इस प्राचीन मंदिरों को याद रखना चाहिए जो हमारे देश को उज्जवल बनाते हैं

भारत के सबसे प्राचीन मंदिर:

आइए आज हम उनमें से कुछ मंदिरों के बारे में जानते हैं युगो युगो से सुनते आ रहे हैं।

1) तुंगनाथ मंदिर (उत्तराखंड)

 तुंगनाथ मंदिर सभी पांच केदार केदारनाथ, रुद्रनाथ मध्य और कलेश्वर स्थान से सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित है "नदिया स्थल से 3680 मीटर" । यह मंदिर इतना छोटा है कि यहां एक बार में केवल 10 लोग ही प्रवेश कर सकते हैं। यह मंदिर रामायण से भी जुड़ा है, कहते हैं कि भगवान राम ने रावण का वध कर के बाद ब्रह्महत्या के अभिशाप से बचने के लिए उन्होंने तपस्या की थी।

 2) कोणार्कर्य मंदिर (उड़ीसा)

इस मंदिर का निर्माण राजवंश के राजा नरसिम्हा देश ने 1250 ईस्वी में बनवाया था। इसकी संरचना पत्थर के दो पहियों स्तंभों और पत्थर की दीवारों के साथ एक विशाल रथ के आकार में है। यह मंदिर कई सालों से बंद होने से इसका रूप खंडहर बन गया। यह मंदिर यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में भी शामिल है यहां अभी भी लोग घूमने के लिए जाते हैं।

3) कैलाश नाथ मंदिर

देश के प्राचीन मंदिरों में से एक कैलाश नाथ मंदिर भी शामिल है। इस मंदिर को दुष्टों का संहार करने वाले भगवान शिव को समर्पित है। यह एक महानता के प्रति एक श्रद्धांजलि है यह एक शांति का प्रतीक भी माना जाता है।

4) आदि कुंबेश्वर मंदिर (तमिलनाडु)

भारत देश में स्थित एक स्थान जिसका नाम कुंभकोणम है यह 1 मंदिरों का नगर है यहीं पर आधी कुंबेश्वर मंदिर स्थित है आज कुंडेश्वर मंदिर के देवता हैं और उनका पवित्र स्थान मंदिर किस केंद्र में स्थित है यह मंदिर विजय कालका है आज कुंबेश्वर लिंगम शिव के रूप में माना जाता है भगवान शिव ने स्वयं अमृत को रेत में मिलाकर इसे एक विशाल मंदिर का रूप दिया था।

5) चेन्ना केशव मंदिर (कर्नाटक)

यह यागची नदी के तट पर स्थित मंदिर पूरी तरह से विष्णु के लाक्षणिक पहलुओं के चित्र किया गया है। यह विशेष रूप से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को  एक साथ स्थापित किया गया है यह मंदिर बहुत ही सुंदर और आकर्षण है।

6) पंचारतना मंदिर (पश्चिम बंगाल)

यह मंदिर राजा रघुनाथ सिंह नेशन 1643 ईस्वी पूर्व में बनवाया गया था। इस मंदिर के वर्गाकार आकार का है। जिसके चारों ओर मेहराब वाले द्वार के साथ चारों तरफ घूमने वाला बरामदा है। यह मंदिर काफी आकर्षक और लोकप्रिय है। ऐसा माना जाता है कि नकाशी से भगवान कृष्ण की लीलाओं का चित्रण और पत्थर की दीवारों प्रत्याशी कराओ को प्रस्तुत किया गया है।

7) ओरछा मंदिर (मध्य प्रदेश)

 ओरछा एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। एक पवित्र स्थान के रूप में माना जाता है। यहां पर चतुर्भुज, मंदिर लक्ष्मी मंदिर और रामराजा मंदिर भी है। काफी ऊंचाई पर बने चतुर्भुज मंदिर का एक ऊंचा शिखर लोगों को आकर्षित करता है।  राम राजा मंदिर महल के जैसा बना हुआ है। यहां भगवान राम की पूजा एक राजा के रूप में की जाती है। इसलिए और अच्छा-अच्छा लेकर अच्छा मंदिर के नाम से जाना जाता है। 

8) दिलवाड़ा मंदिर (राजस्थान में स्थित माउंट आबू के पास)

यह मंदिर राजस्थान में स्थित माउंट आबू से लगभग 2.6 किमी की दूरी पर स्थित है। इसका निर्माण 11वी और 13वीं शताब्दी के बीच हुआ था। इस मंदिर का निर्माण संगमरमर के पत्थरों से अद्भुत उपयोग के लिए प्रसिद्ध है इस मंदिर के आस पास पांच मंदिर (लोना वैसाही, पीतल हर मंदिर, महावीर स्वामी) मंदिर में जैन तीर्थ स्थल का सबसे सुंदर मंदिर माना जाता है।

9) बृहदेश्वर मंदिर, तंजौर (तमिल नाडु)

बृहदेश्वर मंदिर को 1200 ईं पूर्व में राजा राज चोल के द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर के शीर्ष की ऊंचाई 66 मीटर है। यह भगवान शिव को समर्पित है। विदेश्वर मंदिर सर्वश्रेष्ठ मंदिरों में से एक है, जिसमें वास्तुकला, चित्रकला और अन्य कलाएं सम्मिलित है। आज भी यह मंदिर भगवान शिव के पूजा के लिए प्रसिद्ध है।

10) जगतपिता ब्रह्मा मंदिर (राजस्थान)

जगतपिता ब्रह्मा मंदिर का निर्माण 14वीं शताब्दी की की गई थी। इस मंदिर के शिखर लाल रंग का है और इसके शिखर पर एक बड़ी पक्षी की आकृति बनी हुई, यह माना जाता है कि मंदिर 2000 वर्ष पुराना है। और यह संगमरमर के पत्थरों से बना है। यह बहुत ही पवित्र स्थान है। मंदिर के बीचो-बीच ब्रह्मा और उनकी पत्नी गायत्री की मूर्ति की स्थापना की गई है । और यहां कार्तिक पूर्णिमा को ब्रह्मा जी का एक त्यौहार का आयोजन किया जाता है। इसकी भूमि एक पवित्र स्थल यहां लोग ब्रह्मा जी की आराधना करने आते हैं।

11) बरद राजा पेरूमल मंदिर (तमिलनाडु)

बरद राजा मंदीर एक हिंदू मंदिर है माना जाता है कि भगवान विष्णु के पवित्र 108 मंदिरों में 12 कवि संतो ने भ्रमण किया था। जो भगवान विष्णु के पवित्र शहर कांचीपुरम में स्थित है। यह भगवान विष्णु का सबसे बड़ा मंदिर है।

12) बदामी गुफा मंदिर (कर्नाटक)

भारत देश में एक ऐसा दिव्य मंदिर है जो आज भी रहस्यमई है यह मंदिर कर्नाटक के उत्तरी भाग में बगलकोट जिले के बदामी शहर में स्थित एक विशाल मंदिर है। इस मंदिर में आज भी वास्तुकला का एक उदाहरण है।

13) मीनाक्षी अम्मन मंदिर (तमिलनाडु)

तमिलनाडु में स्थित मीनाक्षी अम्मन मंदिर अपने आप में एक रहस्य है। यह मां पार्वती जी को समर्पित है। मां मीनाक्षी देवी पर्वती का अवतार है, और यह भगवान विष्णु की बहन के रूप में। यह मंदिर हिंदू धर्म के आस्था रखने वाले के लिए एक तीर्थ स्थान है। इस मंदिर को अलग 3 नामों से जाना जाता है (मीनाक्षी अम्मन मंदिर, मीनाक्षी मंदिर, मीनाक्षी सुंदरी मंदिर) इस मंदिर का कार्यकाल 17वीं शताब्दी में संपन्न हुआ था।

14) विश्वनाथ मंदिर (बनारस)

यह मंदिर उत्तर प्रदेश के बनारस स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर है। जहां शिव जी स्वयं प्रकट हुए, इस मंदिर का इतिहास कोई कई वर्षों पुराना है। जिसका प्रमाण हिंदू पुराणों में लिख मिलता है। इसकी भूमि एक पवित्र स्थल है, इस पावन अवसर पर आदि शंकराचार्य से लेकर स्वामी विवेकानंद, तुलसी नाथ,  वह महर्षि दयानंद जैसे महर्षि  आए थे, और यहां महाशिवरात्रि के दौरान एक भव्य नजारा देखने में आकर्षक और लोकप्रिय होता है।

15) विट्ठुल मंदिर हम्पी (कर्नाटक)

देश का यह अद्भुत मंदिर है, जो शायद यह भी परिसर के सभी मंदिरों में सबसे अधिक लोकप्रिय है। यहां मशहूर म्यूजिकल पिलर्स (खंभे) है। जिनमें एक अद्भुत ध्वनि निकलती है। यह एक अपने आप में रहस्य बना रहा है, कि धोनी खंभों से निकलती है। जिसका पता कोई भी नहीं लगा सका आज भी इस मंदी से अद्भुत ध्वनि निकलती है।

 

 

हेलो दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट करें यह प्राचीन काल के मंदिर हैं और इसमें उनका वर्णन दिया गया है आप को और भी ऐसी जानकारी जानने के लिए देखें paid for article और फॉलो करें।

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