बारिश में मोर क्यों नाचते है?

दोस्तो, आज हम हमारे राष्ट्रीय पक्षी मोर के बारे मे जानेगे । यह लेख आपको महत्व की जानकारी तो देगा ही, लेकिन इसके अलावा भी स्कूल के हर क्लास और कॉलेज मे भी काम आएगा ।

इस लेख मे हम जानेगे की मोर कहाँ पाया जाता है ? बारिश में मोर क्यों नाचते है ? रात में मोर क्यों रोते है ? क्या मोर एक शाकाहारी पक्षी है ? क्या मोर आपको मार सकते है ? एसे कई सारे मज़ेदार तथ्यो को जानेगे ओर समजेगे ।

हम पर भरोसा करें, इस लेख को पढ़ने के बाद शायद ही आपके मनमे मोर के बारे मे कोई संदेह रहेगा ।तो चलिए शुरू करते है ।

मोर शब्द का उपयोग आमतौर पर दोनों लिंगों के पक्षियों के लिए किया जाता है । लेकिन अगर तकनीकी रूप से देखा जाय तो केवल पुरुष मोर हे और मादा तो पीहर है । लेकिन जब ये दोनों का मिलन हो या दोनों एक साथ हो तब उन्हे मयूर कहा जाता है ।

मोर एक बड़े आकार का पक्षी होता हे जिसकी लंबाई चोंच से लेकर पेरो तक 100 से 115 सेमी तक होती है । किन्तु एक पूरी तरह से विकसित मोर की लंबाई 195 से 225 सेमी होती है । एक सामान्य मोर का वजन 4 से 6 किलो होता है ।  

मोर एक रंगीन तीतर होते है ।  इनको इंद्रधनुषी पूंछ के लिए भी जाना जाता है । आपको ये जानकार बड़ी हेरानी होगी की, मोर की पुंछ मे लगे पंख उसके पूरे शरीर का 60 प्रतिसत हिस्सा होता है ।उसकी पंख मे नीले, लाल, पीले जैसे कई सारे अन्य रंग भी शामील होते है । इसके कारण मोर की सुंदरता को और भी बढ़ावा मिलता है ।वो जमीन-भक्षी पक्षी हे जिसके कारण वो कीड़े, पौधे और छोटे जीव खाते है ।

मोर कहाँ पाया जाता है?

वैसे तो मोर की बहोत प्रजातीय हे लेकिन सबसे ज्यादा दो प्रजातियाँ परिचित है । जिनमे नीला मोर ओर हरा मोर शामिल हे ।नीला मोर दुनिया मे सबसे ज्यादा भारत और श्रीलंका में पाया जाता हे जबकि हारा मोर जावा और म्यांमार (बर्मा) में सबसे ज्यादा पाया जाता है ।लेकिन मोर की एक अधिक विशिष्ट और अल्पज्ञात प्रजाति भी है जिसका नाम कांगो मोर है । ये प्रजाति अफ्रीकी देशो मे सबसे ज्यादा पाइ जाती है ।

 बारिश में मोर क्यों नाचते है?

 

आप को पता होगा की जब वर्षा का मौसम आता हे तब मोर अपनी अनमोल छटा बिखेरते हुए नाचते है ? क्या आपको इसके पीछे का कारण पता है ? अगर नहीं तो चलिये जानते है ।मोर का तीन प्रजातियों के साथ सबंध होता है । जिसमे मोर (नर), पेहेन्स (मादा) और पीचिस (शिशुओं) का समावेश होता है । मोर की ये तीन प्रजातियों में से भारतीय या नीला मोर वो हे जिसे हमने सबसे ज्यादा देखा है ।

भारत में वर्षा का मौसम जून में शुरू होता हे और सितंबर में समाप्त होता है । इसी मोनसून मौसम के दौरान ज्यादातर जानवर संभोग करना चाहते हैं ।

मोर भी इन तीन महीनों के दौरान मादा मोर के साथ संभोग करना चाहते है । इसलिए मादा मोर को आकर्षित करने के लिए वो नृत्य करते है ।एक महिला साथी को आकर्षित करने के लिए बारिश में मोर का नृत्य कुछ इस तरह होता हे की नर मोर बारिश में अपने पंख खोलते है । जिससे मोर के रंगीन पंख फैल जाता है ।

जब विज्ञान की प्रगति उतनी नहीं हुई थी तब मोर का नृत्य एक एसा संकेत माना जाता था कि, हमारे आस-पास के क्षेत्र में अचानक बारिश आने वाली है ।लेकिन ये धारणा बिलकुल गलत साबित होती है । क्योकि हमने जाना की मोर अपनी महिला साथी को आकर्षित करने के लिए नृत्य करता है ना की बारिश लाने के लिए ।

रात में मोर क्यों रोते है?

 

क्या आपको लगता हे की मनुष्य की तरह मोर भी रोते है ? एक रिसर्च के मूताबिक पता चला की मोर रोते है । और वो भी रात के समय ज्यादा रोते है । 

इसके एक बड़ा कारण यह भी माना जाता हे की, जब वर्षा के मौसम मे उनके संभोग करने के लिए कोई मादा मोर ना मिले तो वो रोने लगते है ।मोर एक शांत पक्षी है । और वो तब तक शांत रह सकता हे जब तक उन्हें कोई खतरा न हो या उनके प्रजनन का मौसम न हो । मोर एक एसा पक्षी हे जो अन्य जीवो के साथ अच्छी तरह से घुल-मिल ना पसंद नहीं करता ।

क्या मोर आपको मार सकते है?

 

ये आपको विचित्र प्रश्न लगता होगा की क्या मोर भी मनुष्यो को मार सकते है । कई प्राणि उद्यान के अधिकारियों के अनुसार संभोग के मौसम में मोर अधिक आक्रामक होता है ।ये बात हे साल 2013 में मई के महीने की, अल्बुकर्क चिड़ियाघर के एक मोर ने दो साल की बच्ची पर हमला कर दिया था ।उसकी मां ने प्रेस को बताते हुए कहा कि, मेरी बेटी के सिर पर कूदकर मोर ने उस पर एक खूनी हमला किया था । उस हमले की वजह से बच्ची के सिर पर दो टांके लगवाने पड़ थे ।

जून 2010 में, एक तीन वर्षीय लड़के को अमेरिका के डेनवर चिड़ियाघर में चोट लगी थी । एसोसिएटेड प्रेस को लड़के के पिता ने बताया की, मोर ने अचानक उनके बेटे पर हमला किया था । उसे भी नाक और माथे पर टांके लगवाने पड़ ।एक्सोटिक एनिमल इंसिडेंट रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2006 में एक और मोर का हमला हुआ । ये हमला ओरेगॉन चिड़ियाघर में एक बच्चे पर हुआ था ।

इन चीज़ों को देखकर हमे पता चलता हे की मोर एक गुस्से वाला पक्षी जरूर है । लेकिन उसको हम आक्रामक जानवरों की सूची मे नहीं डाल सकते ।फिर भी कोई हमेशा नहीं जानते कि, एक मोर किस मूड मे है । इसलिए अगर आप मोर के पास जा रहे हे तो हर समय सावधान रहे ओर खास कर अपने बच्चो का जरूर संभाले ।

मोर को मारने से क्या होता है?

 

मोर हमारे भारत देश का राष्ट्रीय पक्षी है । इसलिए हमारे देश मे मोर का शिकार और उसकी हत्या करना एक अपराध है ।

 

मोर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 51 (1-) के तहत मोर संरक्षित है फिर भी अगर कोई व्यक्ति मोर की हत्या करे तो उस व्यक्ति को छे साल की कैद, ओर 25,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा

क्या मोर एक शाकाहारी पक्षी है?

 मोर तीतर परिवार से आते है । इसलिए वो कहा रहते हे यानि उनकी भौगोलिक स्थिति, और वो जंगली हे के नही ये सब इस पर निर्भर करता हे की वो शाकाहारी हे या मासाहारी ।

इसीलिए मोर को दो भागो मे बाटा जाता है ।

  • पालतू मोर यानि शाकाहारी (गाव –शहर मे रहते हे)
  • जंगली मोर यानि मासाहारी (जंगल मे रहते हे)

पालतू मोर बीज, फल, जामुन, अन्य पौधे, दाने मकई और कुत्ते या बिल्ली के भोजन खाते है । 

 

जंगली मोर छोटे जानवर जैसे चूहे, कीड़े, छिपकली, दीमक, चींटियों, बिच्छुओं ओर भी कई जीवजंतु ओर बहुमुखी आहारों को पचाने में भी सक्षम होते है ।

क्या भारत में पालतू पशुओं के रूप मे मोर को रखने की अनुमति है?

हमारे भारत देश मे मोर को पालतू पशुओ के रूप मे रखना गैरकानूनी है । क्योकि मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है । इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत पालतू जानवरों के रूप में रखना गैरकानूनी है ।कोई भी पशु-पक्षी को मनुष्यों द्वारा अगर कैद में रखा गया हे ओर बाद मे उनको अगर बंधन से मुक्त किया जाए तो उनके जीवित रहने की संभावना बहुत कम होती है ।

क्योकि जब उनको छोड़ा जाता हे तो वे नहीं जानते कि भोजन कैसे खोजना है या अपने विरोधी का मुक़ाबला कैसे करना है । इसलिए या तो कोई वन्य प्राणी उन्हे मार देगा या वो भूख से ही मर जाएगे ।  इसलिए भी हमारे देश मे मोर को पालना हमारे कानून के खिलाफ है ।

मोर को भारत के राष्ट्रीय पक्षी के रूप में क्यों चुना गया?

क्योकि 1963 में भारतीय परंपराओं में धार्मिक और पौराणिक भागीदारी के कारण मोर को भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था । इसको राष्ट्रीय पक्षी के रूप मे पसंद करने के ओर भी कई मापदंड थे ।

क्या मोर उड़ते है?

कई लोगो ने मोर को देखा होगा लेकिन क्या मोर को उड़ते हुए देखा है ? ओर क्या मोर उड भी सकते है ? तो चले इस मज़ेदार टॉपिक को जानते हे ।एक मोर के पंख 6 फीट तक लंबे हो सकते है । और शरीर की लंबाई का लगभग 60 प्रतिशत बनाते है । इसलिए कम दूरी तक मोर उड़ पाते है । लेकिन अगर लंबी दूरी तय करनी हो तो उनके लिए उड़ना थोड़ा कठिन है । 

मोर के बारे मे कुछ रहस्यमय तथ्यो 

मोर एक सामाजिक और जिज्ञासु पक्षी है । वे आपके आंख में देखेंगे अगर आप उन्हें घूरते हे या आपकी शरीर की गतिविधिया मोर को आक्रामक लगती हे तो वो खुद को खतरे मे महसूस करेंगे ओर जल्दी से वहा से भाग जाएंगे ।

यदि आप मोर के करीब जाना चाहते है, तो धीरे से बात करते हुए चले और अपनी आंखों को संयमित रखें । आपको यह दिखावा करना पड़ेगा कि आप उन्हें बिल्कुल नहीं देखते हैं । क्योकि यह उन्हें सुकून देता है ।

एशिया खंड में मोर के पंख को शुभ माना जाता है । लेकिन यूरोपीय देशो मे मोर के पंख को घर में रखना बहुत ही बुरा माना जाता है ।

 

ये अंधविश्वास जानबूझकर प्रचारित किया गया ताकि बड़े और अमीर परिवार के सदस्य मोर को खाए नहीं । इसके कारण दुनिया के सुंदर पक्षी को विलुप्त होने से बचाया जा सकता है ।

ग्रीस में यह हेरा स्वर्ग की रानी और ज़ीउस की वैध पत्नी के लिए पवित्र माना जाता है ।

इंडोनेशिया के जावा में मुसलमानों एक मथक है ओर उनका मानना हे की मोर स्वर्ग की रखवाली करता है और शैतान को खा जाता है ।  

चीन की पुरानी नौकरशाही प्रणाली में उच्चतम स्तर के सदस्यों ने पद के प्रतीक के रूप में एक मोर को प्रदर्शित किया था । हिंदू और बौद्ध धर्मो मे मोर का प्रभाव मुख्य रूप से सांसारिक के तोर है ।

 

जापान में मोर के साथ जुड़ा हुआ बौद्ध ज्ञान देवता है । जिसे मयूरी या कुजाकू मायो-ओ के नाम से जाना जाता है ।

भारत देश का राष्ट्रिय पक्षी यानि मोर दुनिया के सबसे अच्छे ओर सुंदर पक्षी मे से एक है । इसको संरक्षित करने के लिए हमारे देश मे बहोत सारे कानून बनाए गए हे लेकिन फिर भी क्यो आज मोर की संख्या घटती जा रही है ?अगर हम इतने कानून बनाने के बावजूद भी मोर का बचाव नहीं कर सकते तो गलती सरकार या फॉरेस्ट पोलिस की नहीं बल्के हमारी है ।

अगर हमारा नागरिक जागरूक होजाए तो इनको बचाया जा सकता है । हमे उनको प्रकृति से प्यार करना सिखाना होगा, लोगों की अज्ञानता को दूर करना होगा और लोगो को समजाना होगा की मोर का मांस खाना गलत और गेरकानूनी है ।

हमे खुद मोर की रक्षा के लिए सतर्क रहेना पड़ेगा । अगर कोई भी व्यक्ति मोर के साथ कुछ गलत होता देखे तो सबसे पहले फॉरेस्ट पोलिस को इसकी जानकारी दें । क्या आप देंगे ?(Yes or No)

अब मे आखिर मे आपसे पूछना चाहता हु की आपको ये यानि मोर का लेख कैसा लगा ?

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Comments
Naresh - Sep 9, 2021, 10:17 AM - Add Reply

Super

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Harsh saini - Sep 9, 2021, 10:21 AM - Add Reply

thanks

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