साउथ के सुपरस्टार पुनीत राजकुमार का निधन हो गया है. 46 साल के पुनीत की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई. पुनीत की मौत से एक बार फिर कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई जा रही है.
बता दें कि इससे पहले 40 साल के टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की भी हार्ट अटैक से ही मौत हुई थी. युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के पीछे एक्सपर्ट्स कई वजह मानते हैं.
नौजवानों को इतने हार्ट अटैक क्यो आ रहे है?
एक किस्सा बताते है कुछ दिनों पहले की बात है 29 साल के राहुल दिल्ली में अपनी घर में ए सी चला के सो रहे थे सुबह के 4 बजे उनके सीने में दर्द उठा दर्द इतना बुरा था की नींद खुल गई शरीर पसीने से तर तर हो गया घर में कोई नहीं था जो अंकित को अस्पताल ले जा सकता राहुल ने कराहते होए उस दर्द को सहा घंटे भर में दर्द कम हुआ तो फिर से नींद आ गई सो कर उठे तो तबीयत थोड़ी ठीक लगी तो अंकित ने डॉक्टर के पास जाने का फैसला टाल दिया.
लेकिन अगले दिन से चलने फिरने से लेकर रोज के काम में भी उन्हे दिक्कत आई इसलिए राहुल ने डॉक्टर के पास जाने का फैसला किया डॉक्टर ने अंकित की बात सुनकर उन्हे इको कार्डियो ग्राम करने के सलहा दी इको कार्डियो ग्राम में पाता चला की कुछ दिनों पहले अंकित को जो दर्द उठा था वो हार्ट अटैक था डॉक्टर की बात सुनकर राहुल के होश उड़ गए वो समझ ही नही पा रहे थे की काम उम्र में हार्ट अटैक केसे आ सकता है.
आंकड़े बताते है की कम उम्र में हार्ट अटैक वाले मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे है. अमेरिका के एक रिसर्च जनरल में छपे एक लेख मुताबिक 2015 तक भारत में 6.2 करोड़ लोगो को दिल से जुड़ी बीमारी हुई इन्मेसे तकरीबन 2.3 करोड़ लोगो की उम्र 40 के अंदर है भारत के लिए ये आंकड़े चौकाने वाले है.
जानकार बताते है पूरी दुनिया में ये आंकड़े सबसे तेजी से बढ़ रहे है हेल्थडेटा.ओ आर जी के मुताबिक अकाल मृत्यु के कारणों में 2005 में दिल की बीमारी से होने वाली मौत 3 पायदान पर है.
लेकिन 2016 में दिल की बीमारी अकाल मृत्यु का पहला कारण बन गया है. 10,15 पहले तक दिल की बीमारी को अक्सर बुजुर्गो में देखा जाता था लेकिन पिछले एक दशक में दिल से जुड़ी बीमारी के अकड़े कुछ और कहानी कहने लगे है बड़े बड़े डॉक्टर्स का ये कहेना है की दरसल देश के युवाओं का दिल कमजोर हो गया है उनके मुताबिक कमजोर दिल का कारण नए जमाने की जीवन शैली है देश युवाओं में फैल लाइफ स्टाइल डिसऑर्डर के लिए 5 मुख्य कारणों को मानते है.
जीवन में तनाव,खाने की गलत आदतें,कंप्यूटर इलेट्रॉनिक उपकरणों पर देर तक काम करना, धूम्रपान,तंबाकू,शराब की लत,परियावरण का प्रदूषण....
राहुल बताते थे की वे बहुत सिगरेट पीते थे लेकिन हार्ट अटैक के 2 साल बाद से उन्होंने सिगरेट पीना छोड़ दिया है लेकिन आज भी उन्हे दिल की बीमारी के लिए दवाइया लेनी पड़ती है.
हार्ट अटैक केसे होता है?
जब दिल तक खून के आपूर्ति नहीं हो पाती है तो दिल का दौरा पढ़ता है जब हमारी धमनियों के रास्तों में किसी तरह के रुकावट आने पर खून दिल तक नही पहुंच पाता है कभी कभी दिल के दौरे में दर्द नहीं होता है इसे साइलेंट अटैक कहते है.
इसमें व्यक्ति को पता भी नहीं चलता और उसे आखों सामने अंधेरा छाने लगता है और उसकी मृत्यु भी हो जाती है।
सिगरेट और शराब-
आज कल ज्यादातर युवा 18 से 25 साल की उम्र में ही धूम्रपान और एल्कोहल का सेवन करना शुरू कर देते है. डॉक्टरों की माने तो युवाओं की आदत उन्हे कार्डियो वेस्कुलर महामारी का शिकार बना रही है.
जंक फूड-
आज की ज्यादातर युवा पीढ़ी अपनी भूख मिटाने के लिए घर के खाने की जगह जंक पर निर्भर रहती है. जिसकी वजह से शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है जिससे इसका बुरा असर सीधा दिल पर पढ़ता है.
वर्क प्रेशर-
आज कल की भाग दौड़ के चलते युवा आज कल अपनी डाइट को अनदेखा कर रहे है और भूख लगने पर वो बाहर मिलने वाले जंक फूड जैसे- पिज्जा,बर्गर,चाट,नूडल्स और भी बहुत कुछ लगातार घंटो काम करने और जंक फूड के सेवन का सीधा असर ब्लड वेसल्स पर पढ़ता है.
यही वजह है कि कम उम्र में ही युवा ब्लड प्रेशर का शिकार बनते जा रहे है तनाव काम की वजह से युवा मानसिक तौर पर बहुत परेशान रहते है ज्यादा तनाव सेहत के लिए बहुत हानिकारक है. इनजाइटी डिसॉडर की वजह से स्ट्रेस फार्मोनकार्ड रीसोल भी बढ़ जाता है जिसकी वजह से हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है.
फिट दिखने की चाहत-
एक्सपर्ट्स का कहना है की हार्ट अटैक से बचने के लिए मानसिक रूप से इस्थिर रखने की जरूरत है. खास तौर पर एक्टर्स पर अच्छा दिखने का बहुत दवाब है. वरना काम न मिलने का प्रेशर रहता है. सिक्स पैक्स और अच्छी बॉडी रखने की चाहत उस खतरे को और बढ़ा रही है.
पूरी नींद ना लेना-
नींद का दिल से गहरा कनेक्शन है. डॉक्टर्स का कहना है की दिल को सेहत मंद रखने के लिए 7 से 8 घंटे की नींद होना बहुत जरूरी है स्टडीज के मोताबिक तय समय से काम सोने पर हार्ट अटैक का खतरा 44% तक बढ़ जाता है.
हाई ब्लड प्रेशर-
हाई ब्लड प्रेशर की वजह से हार्ट अटैक का खतरा हमेशा बना रहता है बहुत ज्यादा तनाव से भी ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है.
हार्ट अटैक के लक्षण क्या है?
हार्ट अटैक का कोई निश्चित समय नहीं होता है व्यक्ति कभी भाई इस बीमारी की चपेट में आ सकता है बावजूद इसके हार्ट अटैक आने के 1 महीने पहले कई ऐसे लक्षण होते है जो व्यक्ति को सचेत करते है की आप हार्ट अटैक का शिकार बन सकते है.
बहुत अधिक थकान होना,नींद ना आना,सास लेने में दिक्कत,सीने में बैचेनी खट्टी डकार,अनियमित दिल की धड़कन,पेरो में सूजन आना
हार्ट अटैक के प्रमुख लक्षण है.
ऐसे करे बचाव-
इस गंभीर बीमारी को एक्सरसाइज करके दूर रख सकते है योग को अपनाना चाहिए योग से हार्ट अटैक से बचने का कारगर तरीका नही हो सकता योग से न केवल तनाव दूर होता है लोग शांत चित्त और एकाग्र हो जाते है.
हार्ट अटैक से बचना है तो ट्रांस फैट से बचे डॉक्टरों की माने तो आज के तनाव भरे लाइफ स्टाइल के चलते युवा पीढ़ी एक्सरसाइज करके ब्लड फ्लो को ठीक रख सकती है. इसके अलावा भोजन में प्रचुर मात्रा में फल और सब्जियां शामिल करे स्वथ्य हिरदया के लिए काम वासा वाले आहार का सेवन करे जंक फूड का सेवन कम से करे और भोजन समय पर करे.
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