आर्टिकल कैसे लिखे

आर्टिकल लेखन क्या है?

आर्टिकल लेखन एक ऐसा तरीका है जिसमें हम किसी भी विषय के बारे में लिखकर उसकी जानकारी या उसके बारे में बता सकते है। उसे हिंदी में ‘ लेख ‘  कहा जाता है। Article writing का मतलब होता है कि किसी भी विषय पर ज्यादा से ज्यादा जानकारी देना। आर्टिकल राइटिंग दो प्रकार के होते हैं।

  1. पहला प्रकार-  जिसके हर शब्द का अपना एक अलग ही महत्व होता है।
  2. दूसरा प्रकार- किसी भी आर्टिकल में उस विषय की जानकारी को सरल और साधारण भाषा में समझाया गया हो।

ऑटिकल कैसे लिखा जाता है

जब भी आप किसी भी टॉपिक पर आर्टिकल लिखते हैं तो आपको बहुत सारी बातों को ध्यान रखना पड़ता है जो आपके लिखने की क्षमता को कई गुना ज्यादा निखरता हैं इसलिए ऑटिकल लिखने के लिए नीचे दिए गए जानकारी को ध्यान से पढ़े जो आपको ऑटिकल लिखने में कई ज्यादा मदद करेंगा।

सोचकर लिखना सीखें

यह ऑटिकल  का सबसे महत्वपूर्ण अंग और सबसे पहला भाग है कि आप किसी भी टॉपिक में कोई भी ऑटिकल लिखते है तो सिर्फ एक विचार को ध्यान में रखकर ना लिखे बल्कि उस पूरे समाज और सभी लोगों के लिए लिखें जो आपके इस ऑटिकल का फायदा मिल सकें। और इमेजिनेशन ही एक ऐसी चीज है जिसे आप हर तरह का सीन क्रिएट कर सकते हैं इमेजिनेशन के जरिये ही आप अपने अंदर ही अंदर आर्टिकल का एक बेतरीन स्ट्रक्चर तैयार कर सकते है जो आपके रीडर्स को आपका पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए उत्साहित करता है।

शांत वातावरण

अक्सर आपने फिल्मों में देखा और पढ़ा होगा कि अगर कोई लिखता है तो वह एक ऐसा वातावरण देखते है जहाँ शाति हो और वहाँ वे अपनी लिखने की कौशल को एक बेहतर लेखन शैली पर लेकर जा सकें। ऐसा इसलिए ताकि वह किसी भी तरीके से डिस्टर्ब न हो ताकि वह अपनी इमेजिनेशन पर पूरी तरह से केंद्रित रह सकें क्योंकि हमारा मन बहुत चंचल हैं और अगर कोई हमें डिस्टर्ब कर देता है तो हम उस इमेजिनेशन से एक दम बहार आ जाते है औऱ फिर से उसपर केंद्रित होने में काफ़ी समय लग सकता है इसलिए हमेशा एक अच्छा और बेहतरीन ऑटिकल लिखने के पहले शांत वातावरण की जरूरत होती है।

एक शब्द का इस्तेमाल बार-बार ना करें

ऑटिकल लिखते समय इस बात का हमेशा आपको ध्यान रखना है कि आप किसी भी शब्द को एक से ज्यादा बार अपने ऑटिकल में इस्तेमाल नहीं करें। अब इसका मुख्या कारण यानी ऐसा करने से आपके रीजर्स ऑटिकल पढ़ते पढ़ते बोर हो जाते है जिसके बाद उस ऑटिकल में ज्यादा संख्या में व्यू नहीं आते हैं। इसलिए एक जैसे शब्दों का प्रयोग न करके उसके जैसे समान अर्थ वाले शब्दों का प्रयोग करें जिसे रीडर्स को यह न लगे कि वह बार-बार की की लाइन पढ़ रहा है।।

ज़ीरो से लिखना शुरू करें

आर्टिकल लिखते समय आपको नहीं पता होता कि आपका यह ऑटिकल दुनिया के किन कौने में कौन से व्यक्ति द्वारा पढ़ा जा रहा है। इसलिए आपने ऑटिकल में जब भी आप किसी भी टॉपिक के बारे में बताएं तो इस बात को ध्यान में रखकर लिखें जिसको पढ़कर उस टॉपिक के बारे में किसी भी रीडर में मन में अधूरी जानकारी ना रहें। इसलिए आपको अपने आर्टिकल को बिल्कुल ज़ीरो से लिखना चाहिए ताकि हर वर्ग का व्यक्ति बहुत आसनी से समझ सकें क्योंकि जब आपके लिखे गए तथ्य लोगों के समझ नही आते तो वह आपके आर्टिकल को छोड़कर चले जाते है।

अपना अनुभव के साथ लिखें

अगर आप किसी एक ऐसे विषय पर लिख रहे हैं जिसमे आपका अपना कोई पर्सनल अनुभव हैं तो आपको उसी आधार पर अपने आर्टिकल को लिखना चाहिए। क्योंकि हम सब की एक जैसी समस्याएं होती हैं और रीडर्स उस समय सबसे ज्यादा आर्टिकल को पढ़ने के लिए उत्साहित होता है जब उसे लगता है कि उसकी समस्या भी बिल्कुल ऐसी है और फिर वह उनका हल जाने के लिए अंत तक आर्टिकल पढ़ता है।

आर्टिकल लिखने का सही तरीका

आर्टिकल लेखन सरल और साधारण भाषा में होना चाहिए। ताकि उसे एक बार पढ़ना शुरू करें तो अंत तक उसे पूरा पढ़ कर ही रखें।आर्टिकल पढ़ने वाले के लिए लाभदायक होना चाहिए ताकि उसके हर सवालों के जवाब उसके अंदर उसे मिल जाए। इसलिए आर्टिकल लिखने से पहले उसके फॉर्मेट के बारे में हमें पता होना चाहिए। आर्टिकल लिखने की शुरुआत कैसी करनी चाहिए? कहां पर किस बारे में बताना चाहिए ?आर्टिकल को पूरा कैसे करना चाहिए ?उसके अंदर कौनसी-कौनसी बातों का उल्लेख करना चाहिए? ऐसे कई सारी बातों का ध्यान में रखकर आर्टिकल आप शानदार रूप से लिख सकते हैं।

Article Writing in Hindi : लेख लेखन उद्घाटन अनुभाग

आर्टिकल लेखन की शुरुआत सरल और आसान भाषा से होनी चाहिए। आर्टिकल के अंदर कहीं जाने वाली बातों का उल्लेख करना चाहिए। सीधे-सीधे बातों को पेश न करके उसे रोचक वाले शब्दों से उद्घाटन करना चाहिए। इमैजिनेशन जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके आर्टिकल को पढ़ने पर मजबूर करने वाले शब्दों का प्रयोग करें। अपने कई बार देखा होगा न्यूज़ में कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग होता है जिससे हम न्यूज़ को देखने के लिए व्याकुल हो जाते हैं।

उदाहरण के तौर पर,” गौर से देखिए इस मासूम बच्ची को”,यह शब्द सुनते ही हमारा पूरा ध्यान न्यूज़ की  तरफ केंद्रित हो जाता है। हमें वह न्यूज़ को देखने पर मजबूर कर देता है। ठीक उसी तरह हमारे आर्टिकल में भी कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग करके हम रीडर्स को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं। किसी भी बात को समझाने के लिए सीधे-सीधे ना बताकर, रोचक वाले शब्दों का इस्तेमाल करके अपने आर्टिकल को आकर्षित बना सकते हैं।

Article Writing in Hindi: लेख लेखन कार्रवाई अनुभाग

यह सबसे अहम विमाग होता है। जिसमें हम उन बातों का उल्लेख करता है , जिसके लिए रीडर आर्टिकल को पढ़ने के लिए आया होता है। इसलिए यह एक्शन पार्ट कहलाता है। इसके अंदर रीडर्स के सवालों के जवाब के बारे में लिखा जाता है।

उदाहरण तरीके

  • डॉक्टर कैसे बने
  • डॉक्टर के लिए कौन सी पढ़ाई करनी चाहिए
  • डॉक्टर के लिए कौन सा कोर्स करना चाहिए
  • डॉक्टर के लिए टॉप कॉलेजे
  • डॉक्टर के लिए टॉप सरकारी कॉलेज
  • डॉक्टर के लिए कितने साल की पढ़ाई होती है
  • डॉक्टर की पढ़ाई के बाद क्या करना चाहिए
  • ऐसे कई सारे सवालों का जवाब आर्टिकल के अंदर उल्लेख होना चाहिए

इन सभी सवालों का जवाब देकर आप रीडर को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं। आर्टिकल लेखन हमेशा सरल और साधारण वाक्य और भाषा में होना चाहिए। आर्टिकल को अलग-अलग उदाहरण के साथ समझा भी सकते 

Article Writing in Hindi: लेख लेखन समापन अनुभाग

जितना आर्टिकल राइटिंग का ओपनिंग सेक्शन जरूरी होता है ठीक उतना ही आर्टिकल राइटिंग का समापन विभाग भी उतना ही जरूरी होता है। Article writing क्लोजिंग सेक्शन में आप पूरे आर्टिकल के ओवरव्यू के बारे में बताते हैं। इसके अंदर कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में समझा सकते हैं। समापन विभाग तुरंत खत्म ना करें उसके अंदर थोड़ी-थोड़ी रोचक वाले शब्दों का प्रयोग करके  आकर्षित बनाएं ताकि रीडर अंत तक पूरा आर्टिकल पढ़ें। Article Writing in Hindi इस प्रकार तीन हिस्सों में बांट सकते हैं। अगर आप यह तीन हिस्सों में अच्छे से आर्टिकल लिखेंगे तो आप रीडर को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं। Article writing को बेहतर बनाने के लिए उसके अंदर writing skill होना बहुत ही जरूरी है। Writing skill से आप अपने आर्टिकल को और भी बेहतर बना सकते हैं।

Article Writing in Hindi: कैसे की जाती है

 आर्टिकल लिखते समय आपको बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। Article Writing in Hindi मैं नीचे दी गई बातों पर ध्यान रखें

  • इमैजिनेशन करना सीखें
  • शांत वातावरण
  • एक जैसे शब्दों का बार-बार प्रयोग ना करें
  • जीरो से लिखना शुरू करें
  • लिखा हुआ न काटे
  • अपना अनुभव लिखें
  • छोटे छोटे पैराग्राफ लिखें
  • रिसर्च करना सीखें
  • लिखे और पढ़ें
  • रोज कुछ ना कुछ लिखें

Article Writing मैं क्या क्या आवश्यकता होती है

  • शांत वातावरण में आर्टिकल लिखने की कोशिश करें
  • Knowledge
  • Format मे लिखे
  • Interesting शब्दों का प्रयोग करें
  • Creativity
  • Body
  • Conclusion
  • सवाल पूछिए
  • आर्टिकल का ब्लूप्रिंट बनाएं
  • बुलेट प्वाइंट्स का इस्तेमाल करें
  • दूसरे ब्लॉक से हटकर लिखें
  • कुछ प्रकार के सबूत दिखाइए
  • रीडर्स को पढ़ने के लिए रिसोर्स दीजिए
  • अपनी भाषा को मजबूत रखिए
  • सही प्रकार की जानकारी दें
  • रीडर्स को पढ़ने के लिए छोटी-छोटी टिप्स दें

 

 

Courtesy: English Online

आशा करते हैं कि आपको Article Writing in Hindi ब्लॉग अच्छा लगा होगा । जितना हो सके अपने दोस्तों और बाकी सब को शेयर करें ताकि वह भी Article Writing in Hindi की जानकारी प्राप्त कर सके और बेहतर तरीके से आर्टिकल लिख सके।

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Comments
Jitendra - Sep 2, 2021, 3:00 PM - Add Reply

Very help ful article

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Kashish - Dec 21, 2021, 12:21 PM - Add Reply

Helpful 👍

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