1. प्रोटीन
शारिरिक विकास, फुर्तीलापन, उत्साह और शक्ति पैदा करने में सहायक है। शरीर की क्षति-पूर्ति करता हैं। प्रोटीन हमे सोयाबीन, दालों, अनाजों, चना, मटर, दूध, दही, छाछ इत्यादि से प्राप्त होता हैं।
शरीर में कोशिकाओं का निर्माण व नष्ट करने का कार्य प्रोटीन का है। कार्बोहाइड्रेट की तरह प्रोटीन शरीर को शक्ति प्रदान करता है। दालों में 20 से 25 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता हैं।
2. फैट( चिकनाई)
ये शरीर को शक्ति देता है और शरीर को गर्मी प्रदान करता हैं। फैट हमे दूध, दही, घी, मक्कन, छाछ, तेल, बादाम, अखरोट, आदि से प्राप्त होता हैं। शरीर में अधिक मात्रा में फैट का होना हानिकारक होता हैं।
3. खनिज लवण
खनिज शरीर को शक्ति प्रदान करता है। हड्डियों को मजबूत करता हैं। रोगों से शरीर की रक्षा करता हैं। ये ताजी सब्जियों से, गेंहू, फल, चावल, दूध, दही, इत्यादि से प्राप्त हैं।
4. कार्बोहाइड्रेट
ये शरीर में शक्ति और गर्मी पैदा करती है। जिससे हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं। ये चावल, मक्का, बाजरा, गन्ना, मीठे, खजूर इत्यादि से प्राप्त होते हैं।
प्रदार्थों में मीठापन होना कार्बोहाइड्रेट का प्रतीक हैं। शक्कर और गुड़ में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा मात्रा में पाया जाता हैं। इसी के कारण खाना आसानी से पच जाता है। एक जवान इंसान को प्रतिदिन चार ग्राम शक्कर या गुड़ का सेवन करना चाहिए।
5. पानी
शरीर को साफ करके शरीर से गंदे प्रदार्थों शरीर से मल, मूत्र, पसीने के रूप में निकाल देता हैं। भोजन को पचता है। शरीर में खून की मात्रा को बढ़ता हैं। शरीर के तापक्रम को समान रखता है। वजन को बढ़ने नही देता।
6. कैल्शियम
हड्डियों और दांतो को मजबूत करता है। शरीर का रंग निखरता है। बालो को घने एवं मजबूत बनाता है। इसे हम हरी सब्जियों, दूध, दही, छाछ इत्यादि से प्राप्त कर सकते हैं।
7. लोहा
इसकी कमी के कारण खून की लाली में कमी आ जाती है। जिसके कारण खून शरीर की प्रत्येक जरूरी हिस्सो तक ऑक्सीजन नही पहुँचा सकता। इसके कारण खून की कमी की बीमारी हो जाती हैं। खून की कमी के कारण कई रोगों का सामना करना पड़ता है। रक्त संबंधित रोग स्त्रियों को ज्यादा होती हैं। भारत में इस प्रकार के रोगियों की ज्यादा सबसे ज्यादा हैं।
8. विटामिन
शरीर को स्वस्थ रखता है। ये चावल, गेंहू, दूध से बने प्रदार्थ, मक्खन, फल, ताजी पत्तियों वाली और बिना पत्तियों वाली सब्जियों, नींबू, टमाटर इत्यादि से प्राप्त होते हैं।
9. कैलोरी
यह शरीर में उपस्थित शक्ति और गर्मी को मापने के पैमाना है। जैसे इंजन में कोयले के जलने से गर्मी और शक्ति प्राप्त होती हैं। उसी प्रकार भोजन करने से हमारे शरीर को गर्मी और शक्ति प्राप्त होती हैं।उसी के माप को कैलोरी कहते है। एक ग्राम प्रोटीन में लगभग चार कैलोरी पायी जाती हैं।
10. वसा
प्रदार्थो में चिकनाई होना वसा का प्रतीक है। तेल, घी, वनस्पति वसा वाले खाद्य हैं।
दादी माँ के नुस्खे
यदि कान में कीड़ा चला गया है तो कान में सरसों का तेल भर दे कीड़ा बाहर निकल जायेगा।
आँख में मच्छर चला गया हो तो उल्टा पीछे की तरफ चलना शुरू कर दे मच्छर मच्छर बाहर निकल जायेगा।
दाद पर कच्चे पपीते का रस लगाने से दाद और खुल खुजली की समस्या दूर हो जाती हैं।
जल जाने पर तारपीन का तेल लगाने से जलन कम हो जाती है।
गुलकंद का सेवन करने से एसिडिटी में लाभ होता हैं।
दो ग्राम भुनी हुई फिटकरी रात को मुँह में रखकर सोने से तुतलाने की समस्या दो से तीन महीनों में कम होने लगती हैं।
गर्म दूध में हल्दी डालकर पीने से पुरानी से पुरानी खासी ठीक हो जाती हैं।
दस्त होने पर बच्चों को पानी में जयफल मिलाकर सुबह शाम पिलाये।
होठो पर कच्चा दूध लगाने से होठो का कालापन दूर हो जाता हैं।
दिल की धड़कन बढ़ जाने पर सेब का मुरब्बा सुबह में खाने से लाभ होता है।
चेहरे पर झाई होने पर तारपीन का तेल मलकर कुछ देर बाद धो ले।
नाक में कोई चीज़ फंस जाए तो तम्बाकू पीसकर सूंघने से छीक के साथ चीज़ भी बाहर आ जायेगी।
यदि बच्चा बिस्तर पर पिसाब करता है तो एक अखरोट की गिरी व किशमिश रात को सोने से पहले दस दिनों तक खिलाये या रोज सुबह एक सूखा छुहारा खिलाये।
संतरे के रस में नमक और कालीमिर्ची डालकर रोज पीने से कुछ दिनों के बाद नजर की कमजोरी दूर होने लगती हैं।
एक गिलास मीठे दूध में पांच ग्राम बेलगिरी का चूर्ण मिलाकर पीने से खून बढ़ता है तथा शरीर से खून की कमी दूर होती हैं।
रात को सोते समय कालीमिर्च पीसकर मुहासों पर लगाने से मुहासे ठीक हो जाते हैं।
यदि किसी ने गलती से कांच खा लिया हो तो उसे उबले हुए आलू खिला दो।
पीली मिटी को महीन पीसकर पानी के साथ पेडू पर लेप लगाने पर रुक हुआ पिसाब खुलकर आता हैं।
बच्चों की सांस चलने, पसली में दर्द होने पर पान पर सरसों का तेल हल्का सा गर्म करके दर्द वाले स्थान पर बांधने से दर्द में राहत मिलती हैं।
अनार का छिलका पीसकर पानी के साथ सेवन करने पर स्वप्नदोष दूर होता हैं।
नींबू के रस में एक जयफल पीसकर खाने से दस्त खुलकर होता हैं।
टमाटर का रस चेहरे पर लगाने से दाग धब्बे दूर होते हैं।
पेट में किसी प्रकार का जहर चला गया हो तो एक ग्राम राई का चूर्ण पानी में घोलकर पीने से उल्टी के साथ जहर भी बाहर निकल जाता है।
नीम और बेर के पते पीसकर सिर में रगड़े फिर थोड़ी देर के बाद सर धो ले ऐसा करने से बाल लंबे होते हैं।
गुलाब की इत्र की एक दो बूंद कान में डालने से कान का दर्द दूर हो जाता हैं।
आँख की फुंसी पर लौंग घिसकर लगाने से फुंसी दब जाती हैं।
कच्चे आम के छिलकों का काढ़ा बना कर रख ले। पेट में कीड़े लगने पर सुबह खाली पेट रोज पीने से पेट के कीड़े मारने लगते हैं।
तीन ग्राम कलौंजी पीसकर एक ग्राम मक्खन में मिलाकर चाटने से से हिचकी दूर हो जाती हैं।
आग से जलने पर उस जगह पर शहद लगाने से फफोले नही पड़ते हैं।
अदरक का रस और शहद मिलाकर लगाने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है।
मछली का काटा अगर गले में फंस जाए तो केला खा ले।
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